सीहोर की डीएफओ अर्चना पटेल ने पत्रकारों पर लगाया लकड़ी चोरों की मदद का आरोप, बयान वायरल

सीहोर की डीएफओ अर्चना पटेल फिर विवादों में हैं। उन्होंने पत्रकारों पर लकड़ी चोरों की मदद का आरोप लगाया। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और इसके खिलाफ पत्रकारों ने विरोध जताया।

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Ramanand Tiwari
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Sehore DFO Archana Patel

Photograph: (The Sootr)

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SEHORE. मध्य प्रदेश के सीहोर जिले की वन मंडलाधिकारी (DFO) अर्चना पटेल एक बार फिर विवादों में हैं। सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें उन्होंने पत्रकारों को लकड़ी चोरों का सहयोगी बताया है। यह बयान उन्होंने तब दिया जब मीडिया ने उनसे लगातार बढ़ रही लकड़ी चोरी और अवैध कब्जों को लेकर सवाल किए।

सवाल पर भड़कीं अधिकारी

बुधनी के भैरूंदा गांव में आयोजित आदिवासी पंचायत कार्यक्रम के दौरान यह विवादास्पद बयान सामने आया। जब पत्रकारों ने पूछा कि लकड़ी चोर हर बार पुलिस और वन विभाग की पकड़ से बच कैसे जाते हैं, तो डीएफओ अर्चना पटेल ने पलटकर कहा कि- 

आप लोग ही लकड़ी चोरों की मदद करते हैं, इसलिए वे भाग जाते हैं। इस बयान ने वहां मौजूद मीडिया प्रतिनिधियों को नाराज कर दिया, और पत्रकारों ने मौके पर ही इसका विरोध दर्ज कराया।

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राजनीतिक संदर्भ में और गरमाया मामला

दरअसल, इसी कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने वन विभाग पर आदिवासियों को प्रताड़ित करने के गंभीर आरोप लगाए थे। इसी पर मीडिया ने विभागीय पक्ष जानना चाहा था। लेकिन जवाब देने के बजाय सीहोर डीएफओ अर्चना पटेल ने पत्रकारों पर आरोप जड़ दिया, जिससे माहौल गरमा गया।

सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल 

घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है। कई यूजर्स ने इसे “अहंकारी रवैया” बताया है, तो कुछ ने अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वहीं, कुछ लोग यह भी कह रहे हैं कि अधिकारी को मीडिया से इस तरह बात नहीं करनी चाहिए थी।

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विवादों की पुरानी कहानी

यह पहला मौका नहीं है जब DFO अर्चना पटेल विवादों में आई हों। पदस्थापना के बाद से ही उनके कामकाज और बयानों को लेकर विभागीय हलकों में चर्चा रही है। कई बार उनके कर्मचारियों और स्थानीय पत्रकारों से टकराव की खबरें भी सामने आ चुकी हैं।

मीडिया पर सवाल?

इस पूरे मामले ने एक बार फिर वन विभाग और मीडिया के रिश्तों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। जहां विभाग पारदर्शिता और संरक्षण की बात करता है, वहीं ऐसे बयान उसकी छवि पर असर डालते हैं। अब देखना यह होगा कि सरकार इस बयान पर क्या रुख अपनाती है।

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