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Photograph: (The Sootr)
BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार ने प्रशासनिक पारदर्शिता बढ़ाने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। 1 नवंबर 2025 से प्रदेश के सभी 413 नगर निकायों में फेस रिकग्निशन आधारित बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू किया जा रहा है। अब सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की हाजिरी केवल चेहरा स्कैन करके दर्ज होगी।
डिजिटल ट्रैकिंग से तय होगा वेतन
फेस बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम कर्मचारियों की उपस्थिति को सीधे ई-नगर पालिका 2.0 पोर्टल से जोड़ेगा। यानी किसी भी कर्मचारी का वेतन अब उसी उपस्थिति रिकॉर्ड के आधार पर तय होगा जो पोर्टल पर दर्ज होगा। यह व्यवस्था न केवल पारदर्शिता बढ़ाएगी बल्कि समय की पाबंदी और जवाबदेही को भी सुनिश्चित करेगी।
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अनुशासन पर सख्त नजर
नगरीय प्रशासन विभाग ने स्पष्ट किया है कि काम पर अनुपस्थित या देरी से आने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अब कड़ी कार्रवाई की जाएगी। फेस-बेस्ड अटेंडेंस सिस्टम से “दफ्तर में मौजूद” और “मैदान में कार्यरत” दोनों तरह के कर्मचारियों की उपस्थिति का रियल टाइम डेटा मिलेगा, जिससे किसी तरह की मनमानी पर रोक लगेगी।
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फर्जी हाजिरी पर लगेगा ब्रेक
विभागीय सूत्रों के मुताबिक, इस तकनीक से फर्जी हाजिरी के मामलों पर पूरी तरह लगाम लग जाएगी। फेस रिकग्निशन सिस्टम कर्मचारियों की वास्तविक उपस्थिति को रिकॉर्ड करेगा, जिससे “घोस्ट एम्प्लॉयी” जैसी समस्याओं का अंत होगा।
सरकारी कार्यप्रणाली का डिजिटल रूप
यह कदम मध्यप्रदेश में ई-गवर्नेंस को मजबूत करने और सरकारी कार्यप्रणाली को डिजिटल रूप देने की दिशा में अहम साबित होगा। इससे न केवल प्रशासनिक दक्षता बढ़ेगी, बल्कि जनता को सेवाएं भी तेज़ और समयबद्ध तरीके से मिल सकेंगी।
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