मध्य प्रदेश में अब राम वन गमन पथ की तर्ज पर श्री कृष्ण पाथेय प्रोजेक्ट ( shree krishn pathey ) की शुरुआत होने वाली है। इस दौरान भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं के स्थलों को तीर्थ स्थल के रूप में विकसित करने का निर्णय लिया गया है।
इस प्रोजेक्ट के अंतर्गत 3,200 से ज्यादा श्रीकृष्ण मंदिरों का रख- रखाव किया जाएगा। सांदीपनि गुरुकुल की पुनर्स्थापना की जाएगी ( restablishment of sandipani gurukul )। यह वही जगह है, जहां भगवान श्रीकृष्ण ने शिक्षा प्राप्त की थी।
64 कलाओं और 14 विद्याओं की शिक्षा
श्रीकृष्ण पाथेय प्रोजेक्ट के अंतर्गत उज्जैन में सांदीपनि गुरुकुल की पुनर्स्थापना की जाएगी। इस गुरुकुल में 64 प्रकार की कलाओं और 14 प्रकार की विद्याओं की शिक्षा दी जाने की योजना बनाई गई है। इस गुरुकुल में शिक्षा के अलावा संस्कृति पर भी ध्यान दिया जाएगा। गुरुकुल में खेती से संबंधित कार्य होंगे। इसके अलावा गोवंश समेत अन्य पशुओं का पालन भी गुरुकुल में किया जाएगा।
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भगवान श्रीकृष्ण ने मध्य प्रदेश में की तीन यात्राएं
श्रीकृष्ण पाथेय प्रोजेक्ट के अंतर्गत उन स्थानों को चिन्हित कर विकसित किया जाएगा, जहां श्रीकृष्ण आए थे। पौराणिक कथाओं और जानकारों के अनुसार, श्रीकृष्ण ने मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में 3 यात्राएं की थीं।
वे सबसे पहले शिक्षा ग्रहण करने सांदीपनि आश्रम आए। इसके बाद दूसरी यात्रा मित्रविंदा से विवाह करना और तीसरी यात्रा रुक्मणी से विवाह करने के लिए की गई थी।
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मध्य प्रदेश के बाहर भी होंगे आयोजन
श्रीकृष्ण पाथेय प्रोजेक्ट के अंतर्गत प्रदेश भर में धार्मिक स्थलों के विकास एवं रखरखाव के अलावा, सांस्कृतिक आयोजन भी कराए जाएंगे। आयोजन उज्जैन, इंदौर, जानापाव और धार में किए जाएंगे। इसके अलावा प्रदेश के बाहर भी सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
इसके लिए श्रीकृष्ण के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण स्थानों को चिन्हित किया गया है। इन स्थानों में द्वारिका, अमरावती, सोमनाथ, मथुरा और रणथंभौर को शामिल किया गया है।
यह प्रोजेक्ट राम वन गमन प्रोजेक्ट की तरह है। राम वन गमन प्रोजेक्ट के अंतर्गत उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत उन स्थानों पर तीर्थ स्थल विकसित किए जा रहे हैं जहां भगवान श्री राम अपने वनवास के दौरान पहुंचे थे।
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