BHOPAL. भोपाल में सिग्नेचर बिल्डर को फ्लैट का कब्जा समय पर न देने पर उपभोक्ता आयोग ने फैसला सुनाया है। विवेक सोनी नामक एक ग्राहक ने सोलह लाख रुपये देने के बावजूद फ्लैट का कब्जा नहीं मिलने पर जिला उपभोक्ता आयोग का दरवाजा खटखटाया। आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद बिल्डर के खिलाफ फैसला सुनाया। इस फैसले के तहत बिल्डर को विवेक सोनी को अदा की गई रकम 9 प्रतिशत ब्याज के साथ दो माह में वापस करने का आदेश दिया गया। साथ ही, बिल्डर को न्यायालय शुल्क और अन्य खर्चे भी अदा करने होंगे।
विवेक सोनी की शिकायत पर कोर्ट की कार्रवाई
विवेक सोनी ने सिग्नेचर बिल्डर से 16 लाख रुपये में फ्लैट खरीदा था, लेकिन निर्धारित समय के बाद भी उन्हें फ्लैट का कब्जा नहीं मिला। इस पर उन्होंने अपने अधिवक्ता मानव तनवानी के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दायर की। उनके अधिवक्ता ने बिल्डर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की।
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9 फीसदी ब्याज के साथ लौटाने होंगे पैसे
आयोग ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला सुनाया कि बिल्डर द्वारा तय समय में फ्लैट का कब्जा न देना अनुचित है। साथ ही बिल्डर को विवेक सोनी को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ सोलह लाख रुपये दो माह के भीतर वापस करने का आदेश दिया गया।
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बिल्डर को देने होंगे ये पैसे भी
इसके अलावा, सिग्नेचर बिल्डर को कोर्ट के खर्चे और अन्य संबंधित न्यायालय शुल्क भी अदा करने का आदेश दिया गया है। इस फैसले से यह स्पष्ट हो गया है कि उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा की जाएगी और अनुबंधों का पालन करना अनिवार्य है।
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उपभोक्ताओं के लिए अहम है यह फैसला
यह फैसला अन्य उपभोक्ताओं के लिए एक उदाहरण बन सकता है, खासकर उन मामलों में जहां बिल्डरों ने समय पर कब्जा देने का वादा किया हो और फिर भी उसे पूरा नहीं किया हो। इससे भविष्य में बिल्डर्स को अधिक जिम्मेदार और अनुशासित बनाने में मदद मिल सकती है।
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5 पॉइंट्स में खबर को समझें...
विवेक सोनी की शिकायत: विवेक सोनी ने सोलह लाख रुपये देने के बावजूद फ्लैट का कब्जा नहीं मिलने पर जिला उपभोक्ता आयोग में शिकायत दायर की।
आयोग का फैसला: आयोग ने बिल्डर को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ विवेक सोनी को दो माह के भीतर रकम वापस करने का आदेश दिया।
न्यायालय शुल्क का भुगतान: बिल्डर को न्यायालय शुल्क और खर्चे भी अदा करने होंगे।
बिल्डर का लापरवाही: सिग्नेचर बिल्डर द्वारा समय पर फ्लैट का कब्जा न देना अनुबंध का उल्लंघन था, जिसे आयोग ने सही ठहराया।
उपभोक्ताओं के लिए अहम संदेश: इस फैसले से उपभोक्ताओं को यह विश्वास मिलेगा कि उनके अधिकारों का उल्लंघन होने पर अदालत में उचित कार्रवाई की जाएगी।
मध्य प्रदेश | उपभोक्ता अदालत