शहर के जाने-माने बिल्डर मुकेश झंवेरी ( Builder Mukesh Jhaveri ) और उनके पुत्र अभिषेक झंवेरी ( Abhishek Jhanveri ) के खिलाफ जिला कोर्ट ने 31 जुलाई को छह गंभीर धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे। इनके साथ ही अन्य आरोपियों को कोर्ट में पेश होना था। लेकिन मुकेश झंवेरी पेश ही नहीं हुए। इसके बाद इनके खिलाफ जिल कोर्ट ने जमानती वारंट जारी कर दिया है। सभी को 23 सितंबर को कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए हैं। अगली सुनवाई में पेश नहीं होने पर मुकेश झंवेरी का गिरफ्तारी वारंट जारी होगा। इन पर कोर्ट के आदेश पर मारपीट और जान से मारने की धमकी देने सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज हुआ है, इसके पहले पुलिस ने केवल बाउंडओवर की मामूली कार्रवाई कर बिल्डर को राहत दी थी।
पुत्र अभिषेक ने ली जमानत
पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता राजेश जोशी ने बताया कि अभिषेक झंवेरी व अन्य आरोपी कोर्ट में पेश हुए, सभी को दस-दस हजार राशि पर जमानत दी गई। लेकिन मुकेश झंवेरी ने स्वास्थ कारणों से अनुपस्थिति चाही थी जिसे कोर्ट ने मान्य नहीं किया और जमानती वारंट जारी किया है। अगली सुनवाई में पेश नहीं होने पर उनपर अगली कार्रवाई होगी।
यह है मामला
सिल्वर स्प्रिंग फेज 2 के रहवासियों ने आलोक जैन पिता सुदेश जैन के माध्यम से अधिवक्ता राजेश जोशी के जरिए एक परिवाद धारा( Complaint Section ) 452, 323, 352, 506, 341, 294, 34 और 120बी के अंतर्गत प्रस्तुत किया था। न्याधीश राहुल डोंगरे की कोर्ट ने 31 जुलाई 2024 को हीरालाल जोशी, सुबोध गुप्ता, अभय कटारे, विकास मल्होत्रा, सत्यम राठौर, ऋषभ विश्वकर्मा, परमजीतसिंह, , जितेंद्रसिंह सोलंकी समेत बिल्डर पिता-पुत्र मुकेश झवेरी और अभिषेक झवेरी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में प्रकरण पंजीबध्द ( Case Registered ) करने के आदेश दिए। अधिवक्ता जोशी ने बताया कि परिवादी आलोक जैन समेत आधा दर्जन रहवासियों के बयान दर्ज करवाए गए थे, इन बयानों, वीडियो और पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर माननीय न्यायालय ने आपराधिक धाराओं में प्रकरण पंजीबध्द ( Case Registered ) करने के आदेश प्रदान किए थे।
गुंडों को भेजकर बैठक में बिल्डर ने कराया था हंगामा
सिल्वर स्प्रिंग टाउनशिप ( Silver Springs Township Controversy ) में मालिकाना हक वाले प्लॉट धारकों ( शेयर होल्डर्स ) की जुलाई 2022 की विशेष आमसभा बैठक थी। इसमें बिल्डर झंवेरी के कहने पर गुंडों ने आकर मारपीट की और विवाद किया। गुंडा तत्वों ने छिपाकर लाए गए हथियारों से जान से मारने की धमकी दी और बीच-बचाव में अन्य शेयर होल्डर्स आए तो आरोपी वहां से भाग निकले। पुलिस तेजाजी नगर थाने पहुंचकर परिवादी ( Complainant ) ने पूरी जानकारी दी, वरिष्ठतम अधिकारियों तक शिकायत की, इसके बावजूद बिल्डर के दबाव में पुलिस ने प्रकरण पंजीबध्द ( Case Registered ) नहीं किया था।
रसूखदार बिल्डर है झंवेरी
सिल्वर स्प्रिंग्स के बिल्डर पिता-पुत्र मुकेश और अभिषेक झवेरी रसूखदार होने के साथ साथ राजनीतिक पैठ रखने वाले बिल्डर है । यही वजह है कि सैकडों शिकायतें होने के बावजूद इनके खिलाफ आज तक पुलिस ने कोई प्रकरण पंजीबध्द नहीं किया है। रहवासी क्षेत्र में जहां एक ओर बिल्डर ने मनमानी करते हुए शराब परोसने के क्लब शुरू किए, बिल्डिंग की छतों पर मोबाइल टावर लगवा दिए, नाले की जमीनों पर कब्जा करके प्लॉट बेच दिए, बेसमेंट में सुपर मार्केट भी बनवा रखे हैं। बायपास रोड की सबसे बड़ी बसाहट वाली इस टाऊनशिप में बिल्डर डेवलपर एम झवेरी समूह ने निर्माण पश्चात भी छल बलपूर्वक अवैध अधिपत्य बना रखा है।
कॉलोनी बनने के बाद भी कब्जा झंवेरी का ही
आलोक जैन ने बताया कि घोषित एकीकृत टाऊनशिप को अनेक हिस्सों में बांटकर बिल्डर ने रहवासियों के साझा हित की सैकड़ों करोड़ रुपए मूल्य की सार्वजनिक / शासकीय संपत्ति पर अवैध कब्जा कर रखा है। उपभोक्ता आयोग, उच्च न्यायालय व रेरा सहित हर संभव मंच पर शिकायतें परिवाद दर्ज किए गए हैं । इस कारण बिल्डर पिता पुत्र मुकेश झवेरी व अभिषेक झवेरी द्वारा प्रायोजित कुछ रहवासियों व बाहरी गुंडों के माध्यम से 31 जुलाई को रहवासियों की आमसभा में आलोक जैन व अन्य पर हमला कराया गया।
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