बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में 72 घंटे में 10 हाथियों की मौत के बाद अब सतत निगरानी की जा रही है। इसके लिए छह विशेष दल गठित किए गए हैं। वहीं हाथियों के मूवमेंट वाले क्षेत्र के गांव में मुनादी की जा रही है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव (Dr. Mohan Yadav ) ने बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में सभी पहलुओं के मद्देनजर सतत आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे। इसको लेकर अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव एल. कृष्णमूर्ति (L. Krishnamurthy ) ने बताया कि टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve ) में छह विशेष दल बनाकर स्वस्थ हाथियों की मॉनीटरिंग कर रहे हैं। खितौली रेंज ( Khitauli Range ) के बगदरा बीट में रेस्क्यू किए गए हाथी की वन्य-प्राणी चिकित्सकों द्वारा लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है।
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क्या होता है मुनादी करना
मुनादी का मतलब है, किसी बात की घोषणा करना, यानी ऐलान करना। मुनादी करने का तरीका है, डुग्गा या ढाल बजाकर सारे शहर में घूमना और लोगों को सूचना देना।
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35 स्टॉफ की लगाई गई ड्यूटी
अपर मुख्य वन संरक्षक वन्य-जीव कृष्णमूर्ति ने बताया कि मानव-हाथी द्वंद्व एवं वन्य-प्राणी प्रबंधन के लिए हाथियों के मूवमेंट क्षेत्रों से लगे गांवों में मुनादी कराई जा रही है। साथ ही प्रबंधन को मजबूत करने के लिए बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व (Bandhavgarh Tiger Reserve ) में मुख्य वन संरक्षक शहडोल द्वारा 35 स्टॉफ की ड्यूटी लगाई गई है।
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हाथियों की मौत के कारणों का लगेगा पता
कृष्णमूर्ति ने बताया कि सभी मृत हाथियों (Dead Elephants ) के विसरा एवं पानी के नमूने आईबीआरआई जबलपुर (IBRI Jabalpur ), फॉरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला सागर भेजे जा चुके हैं। मिट्टी और हाथियों द्वारा खाई गई फसल के नमूने भी लिए गए हैं, जो विश्लेषण के लिए जेएनकेवीवी जबलपुर (JNKVV Jabalpur )भेजे गए हैं। लैब परीक्षण रिपोर्ट (lab test report ) आने के बाद ही हाथियों की मौत के कारणों का पता लग सकेगा।
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