बीते दिनों रायसेन में सोम डिस्टलरी ( som distilleries ) की शराब फैक्ट्री पर राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने कार्रवाई की थी। इस फैक्ट्री में नाबालिग बच्चों से काम कराया जा रहा था। आयोग ने इन 58 बच्चों को रेस्क्यू किया था। इस कार्रवाई में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ( NCPCR- National Commission for Protection of Child Rights) के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो शामिल थे।
अब प्रियंक कानूनगो ने शराब कंपनी सोम पर उनसे बदला लेने का आरोप लगाया है। कानूनगो ने कहा कि उनसे बदला लेने के लिए शराब कंपनी कांग्रेस नेताओं के साथ सांठगांठ कर रही है। कानूनगो ने एक्स पर पोस्ट कर कहा कि शराब कंपनियों पर की गई कार्रवाई का कंपनियां उनसे बदला लेना चाहती हैं। कानूनी कार्रवाई को कमजोर करने के लिए उन पर दबाव डालने की योजना है।
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शराब कंपनियों और कांग्रेस पर सांठगांठ के आरोप
प्रियंक कानूनगो ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस पार्टी शराब कंपनियों के इशारों पर विधानसभा में मनगढ़ंत प्रश्न पूछ रही है। उन्होंने इस मामले में अपने परिवार वालों को जबरदस्ती घसीटने का भी आरोप लगाया है।
कानूनगो ने X पर लिखा - 'शराब माफिया की शह पर काम कर रही कांग्रेस पार्टी ने नैतिक गरिमा को इतना गिरा दिया है कि मेरी माँ, जो हमारे पिछड़े हुए जिलों की पहली महिला चिकित्सक हैं, जिन्होंने 50 साल पहले विदेश जाने का अवसर त्यागकर आजीवन सेवा भाव से चिकित्सा कार्य किया. उनके नाम को राजनीति में घसीटकर उनके नाम पर झूठे आरोप लगाने के लिए मध्यप्रदेश की पवित्र विधानसभा के पटल का उपयोग करके मुझे दबाव में लेने का प्रयास किया जा रहा है।'
प्रियंक कानूनगो की पोस्ट
बंधुआ मज़दूर बनाए गए बच्चों से शराब बनवाने के मामले में मैंने गत 15 जून को मध्यप्रदेश के रायसेन ज़िले में शराब फ़ैक्टरी सोम डिस्टलरी का निरीक्षण कर वहाँ से कई बच्चों को रेस्क्यू करवाया था तथा FIR दर्ज करवायी थी।
— प्रियंक कानूनगो Priyank Kanoongo (@KanoongoPriyank) July 11, 2024
इसके पश्चात मध्यप्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश श्री… pic.twitter.com/oxgEV1Hjkf
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शराब फैक्ट्री पर की थी कार्रवाई
रायसेन की शराब फैक्ट्री सोम डिस्टलरी में बच्चों से काम कराया जा रहा था। इस फैक्ट्री से 39 लड़के और 19 लड़कियों को रेस्क्यू किया गया। यहां इन बच्चों से दिन में 12 से 14 घंटे काम कराया जाता था। रेस्क्यू किए गए बच्चों के हाथ गंभीर रूप से जले हुए और घायल पाए गए थे। इस कार्रवाई के बाद 20 दिनों के लिए फैक्ट्री का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था। मामले में 4 आबकारी अधिकारियों को भी निलंबित किया गया था।
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