MP News : मध्य प्रदेश के दूसरे साउंड प्रूफ कॉरिडोर को अब चोरों की नजर लग गई है। यह कॉरिडोर रातापानी टाइगर रिजर्व के पास बनाया गया था। इसका उद्देश्य वन्यजीवों की सुरक्षा और सड़क हादसों को रोकना था। अब चोरों के कारण इसकी सुरक्षा खतरे में है। इसके चलते हादसों का जोखिम भी बढ़ गया है।
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साउंड प्रूफ कॉरिडोर की आवश्यकता
वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए यह साउंड प्रूफ और लाइट प्रूफ दीवारें बनाई गई थीं, ताकि गाडय़िों की तेज आवाज और लाइट्स जंगल के भीतर न पहुंचें और जानवरों को नुकसान न पहुंचे। यह कॉरिडोर 12 किमी लंबा है, जो भोपाल-नर्मदापुरम रोड पर स्थित है। इस क्षेत्र में, बरखेड़ा रेंज में सडक़ के दोनों किनारे & मीटर ऊंची बाउंड्री वॉल बनाई गई थी। इसके अलावा, यहां 5 बड़े और 2 छोटे अंडरपास भी बनाए गए थे ताकि वन्यजीवों का सुरक्षित आवागमन सुनिश्चित हो सके।
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चोरी की घटनाएं और उनकी गंभीरता
हाल ही में इस साउंड प्रूफ कॉरिडोर से नट बोल्ट चोरी होने की घटनाएं सामने आई हैं। इसके कारण साउंड प्रूफ दीवारों की शीट गिरने लगी हैं। अब ये दीवारें पहले जैसी प्रभावी नहीं रही हैं।
चोरों द्वारा की गई चोरी से वन्यजीवों के जीवन में खलल पड़ रहा है। बाघ, तेंदुए और अन्य वन्यजीवों की सुरक्षा पर असर पड़ रहा है। अगर जल्द कदम नहीं उठाए गए तो दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।
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प्रमुख मुद्दे
- चोरी की घटनाओं का बढ़ना - लगातार चोरी हो रही है, जिससे साउंड प्रूफ दीवारें कमजोर हो रही हैं।
- वन्यजीवों पर प्रभाव - दीवारों की कमजोरी के कारण जंगल में जानवरों का जीवन खतरे में है।
- सुरक्षा प्रणाली का संकट - नेशनल हाइवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया और रातापानी टाइगर रिजर्व प्रबंधन के लिए यह एक गंभीर चुनौती बन चुकी है।
- सड़क हादसों का खतरा - दीवारों की कमजोर स्थिति से हादसों का खतरा बढ़ सकता है, खासकर तेज गति से चलने वाली गाड़ियों से।
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आगे की राह
सरकार और संबंधित अधिकारियों को शीघ्र इस चोरी की घटनाओं को रोकने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए। इस कॉरिडोर की सुरक्षा को पुन: सुनिश्चित करने के लिए तत्काल मरम्मत कार्य और चोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की आवश्यकता है। साथ ही, इस परियोजना के विकास में और ध्यान देने की जरूरत है ताकि इसका उद्देश्य पूरा किया जा सके यानी वन्यजीवों की सुरक्षा और सड़क हादसों की रोकथाम।
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एमपी में चोरी की घटनाएं