भिंड। शहर के कुछ पत्रकारों ने जिला पुलिस अधीक्षक असित यादव पर पुलिस विरोधी खबरें न छापने के लिए पुलिसिया अंदाज में अनैतिक दबाव बनाने का आरोप लगाया है। पत्रकारों ने कहा कि पहले उन्हें प्रेम पूर्वक पुलिस अधीक्षक कार्यालय बुलवाया गया। इसके बाद बंद कमरे में उनकी पिटाई कर भविष्य में पुलिस के खिलाफ खबरें न छापने की चेतावनी दी गई।
पुलिस अधीक्षक के इस रवैए से व्यथित पत्रकारों ने शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय पहुंचकर विभाग के आला अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई। पत्रकारों ने कहा कि उन्हें फोन काल कर यह कहा गया कि एसपी साहब आप लोगों से मिलना चाहते हैं। बुलाने का अंदाज बेहद आग्रह व प्रेमपूर्ण रहा। पत्रकारों ने कहा कि इस आमंत्रण पर जब वे एसपी कार्यालय पहुंचे तो कक्ष में प्रवेश करते ही हमारे साथ अपराधियों जैसा बर्ताव किया गया।
पहले से जमा थे एक डीएसपी, 3 टीआई
पीड़ित पत्रकार अमरकांत चौहान ने बताया कि वह जब एसपी कार्यालय पहुंचते ही यादव ने उनसे दुर्व्यवहार शुरू कर दिया और खबरें छापने पर सबक सिखाने की चेतावनी दी। इसी कक्ष में पत्रकार प्रीतम सिंह,राहुल शुक्ला,हरेंद्र कुशवाह व शाशिकांत गोयल भी मौजूद थे।यादव ने कहा कि पुलिस के खिलाफ खबरें छापना बंद नहीं की तो तुम्हारा हाल भी इनके जैसा होगा।
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औरों की खबर छापों, लेकिन पुलिस की नहीं
एक अन्य पत्रकार शशिकांत ने बताया कि उसे भी धोखे से पहले बुलाया गया। जैसे वह एसपी कक्ष में पहुंचे,वहां पहले से मौजूद डीएसपी दीपक तोमर,निरीक्षक गिरीश शर्मा, शिवप्रकाश व सत्येंद्र राजपूत ने यह कहते हुए मारपीट शुरू कर दी कि पुलिस के खिलाफ बहुत खबरें छापता है। इतने विभाग हैं,उनके खिलाफ छापो,लेकिन पुलिस की तरफ नहीं देखना। शशिकांत ने बताया कि मुझे ऐसा बेदर्दी से पीटा गया कि चेहरे पर सूजन आ गई।
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पीएचक्यू में आला अफसरों से मिले पीड़ित
शशिकांत ने बताया कि उन्होंने आज पुलिस मुख्यालय पहुंचकर वरिष्ठ अधिकारियों को अपनी पीड़ा बताई। वे कल पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना से भी मुलाकात कर अपनी बात रखेंगे। अवसर मिला तो मुख्यमंत्री से भी मुलाकात कर पुलिस अधीक्षक की कार्यशैली से उन्हें अवगत कराते हुए न्याय की मांग की जाएगी। इस संबंध में भिंड पुलिस अधीक्षक यादव से भी उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया,लेकिन यादव ने फोन कॉल रिसीव नहीं किया।
आईपीएस असित यादव | मध्यप्रदेश