संजय गुप्ता, INDORE. राज्य सेवा परीक्षा मेंस 2023( state-service-exam-mains-2023 )के आगे बढ़ाने की मांग को लेकर सोमवार दोपहर 12 बजे से चल रहा उम्मीदवारों का आंदोलन( psc-candidates-movement )मंगलवार रात करीब साढ़े ग्यारह बजे खत्म हो गया। उम्मीदवारों की ओर से पुलिस ने देर रात उनका ज्ञापन लिया और इस शर्त के साथ उठे कि आयोग 24 से 48 घंटे के भीतर उनकी मांगों पर विचार करेगा और यदि मांग नहीं मानी जाती है तो फिर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
क्यों हुआ आंदोलन खत्म?
आंदोलनकारियों ने बताया कि उनके पास अनिश्चितकालीन प्रदर्शन, धरने की मंजूरी प्रशासन, पुलिस से नहीं है। वही सर्दी में खुले में सड़कों पर बैठने और लगातार प्रदर्शन से कुछ उम्मीदवारों की तबीयत भी खराब हो रही है। इन सभी के चलते यह फैसला लिया गया कि आयोग को भी मांगों पर विचार करने के लिए समय दिया जाए और फिर नहीं होने पर प्रदर्शन किया जाए।
ज्ञापन पहुंचा ही नहीं था, अब जाएगा
अभी तक आयोग के पास उनकी मांगों का ज्ञापन पहुंचा ही नहीं था। क्योंकि उम्मीदवार यह मांग कर रहे थे के चेयरमैन, सचिव बाहर आकर उनसे मिले और ज्ञापन लें, साथ ही लिखित में आश्वासन दें कि मांग मानी जाएगी। लेकिन संवैधानिक संस्था होने के नाते यह उपयुक्त नहीं था कि चेयरमैन बाहर आते। हालांकि आयोग से उस सचिव मैडम दो बार आईं और बात की लेकिन वह भी लिखित आश्वासन देने की स्थिति में नहीं थी, जिसके चलते चर्चा विफल रही। अब पुलिस के माध्यम से आयोग के पास यह ज्ञापन पहुंचेगा।
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आयोग क्या तारीख बढ़ाएगा?
सबसे बड़ा सवाल यह है कि क्या आयोग मेंस की तारीख आगे बढ़ाएगा, जिसके लिए उम्मीदवारों ने सड़क पर ही 34 घंटे तक प्रदर्शन किया। फिलहाल अभी तक आयोग इन मांगों पर विचार ही नहीं कर रहा था क्योंकि उनके पास मांगपत्र ही नहीं था। अब मांगपत्र पहुंचा है तो माना जा रहा है कि आयोग इस मामले में आपस में एक बार चर्चा कर सकता है। हालांकि इसके सात दिन पहले जब द सूत्र ने आयोग से बात की थी तब साफ था कि आगे कोई विंडो नहीं है और इसे आगे बढ़ाया जो पूरा परीक्षा शेड्यूल बिगड़ जाएगा, इसलिए तारीख नहीं बढ़ेगी। अब नए परिदृश्य और आंदोलन को देखते हुए आयोग एक-दो दिन में इस पर नए सिरे से विचार कर सकता है। हालांकि स्थितियां वहीं है।
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कोचिंग संचालकों के दखल का भी मामला
वहीं आयोग के पास भी यह लगातार बात पहुंच रही है कि इस आंदोलन के पीछे कोचिंग संचालक लगे हुए हैं और वहीं उम्मीदवारों को लगातार आयोग के पास एक ना एक मांग को लेकर लेकर आते रहते हैं। जबकि कोचिंग संचालकों को आयोग के पास किसी मांग को लेकर ज्ञापन देना ही गलत है। हालांकि यह भी सही कि आंदोलन में अधिकांश उम्मीदवार मेंस देने वाले ही थे, जो विविध समस्याओं के चलते आगे बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। उधर प्री पास कई उम्मीदवारों ने आयोग को यह भी संदेश भेजे हैं कि तारीख नहीं बढ़ाई जाए, हमे कोई समस्या नहीं है। इससे हमारी लय टूटती है। आयोग को इन सभी स्थितियों पर भी गौर करते हुए आगे फैसला लेना है।
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