MP Lok Sabha Election 4th Phase: रतलाम, खरगोन और धार की आदिवासी सीटों पर कांग्रेस को ज्यादा भरोसा

चौथे चरण में मध्य प्रदेश की तीन आदिवासी सीटों में से रतलाम में भील- भिलाला, खरगोन में बारेला और धार में भिलाला आदिवासियों का समीकरण है। इन आदिवासी सीटों पर विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी ने बढ़त हासिल की थी। 

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Shreya Nakade
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मध्य प्रदेश की आदिवासी सीटों का समीकरण
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चौथे चरण के लोकसभा चुनाव में आज मध्य प्रदेश (MP Lok Sabha Election 4th Phase) की 8 सीटों पर चुनाव हैं। इनमें से 3 सीटें- खरगोन, रतलाम और धार आदिवासियों के लिए आरक्षित हैं। इन सीटों पर मुकाबला इसलिए खास है, क्योंकि 5 महीने पहले हुए विधानसभा चुनावों में जहां भाजपा की एकतरफा जीत हुई थी, तब भी कांग्रेस ने इन्हीं आदिवासी बहुल इलाकों में भाजपा को कड़ी टक्कर दी थी। भाजपा की तरफ से पीएम नरेंद्र मोदी और कांग्रेस से राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश लोकसभा चुनाव के लिए इन 3 लोकसभा सीटों पर कड़ा जोर लगाया है। 

विधानसभा में कांग्रेस को बढ़त 

आदिवासियों के लिए आरक्षित खरगोन, रतलाम और धार लोकसभा सीटों में कुल 24 विधानसभा सीटें आती हैं। नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में, भाजपा की प्रदेश में भारी बहुमत से जीत के बावजूद यहां कांग्रेस बढ़त में थी। पार्टी के खाते में 24 में से 13 सीटें गई थीं। भाजपा को 10 और भारत आदिवासी पार्टी के खाते में 1 सीट थी। विधानसभा चुनावों में इन 24 में से 17 सीट आदिवासियों के लिए आरक्षित थी। इनमें भी कांग्रेस पार्टी ही आगे रही। कांग्रेस को 11 सीटों पर जीत मिली, जबकि भाजपा के खाते में सिर्फ 5 सीटें गई। ऐसे में कांग्रेस ने इन इलाकों में लोकसभा सीट जीतने के लिए भी पूरा जोर लगाया है। 

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रतलाम-झाबुआ में भील वर्सेज भिलाला की लड़ाई

रतलाम-झाबुआ लोकसभा सीट पर मुकाबला सीधे तौर पर भील और भिलाला का है। इस सीट पर 90 प्रतिशत आदिवासी आबादी रहती है। इसमें 80 प्रतिशत भील है और 20 प्रतिशत भिलाला। यही वजह है, कि इस सीट पर ज्यादातर भील आदिवासी समाज से आने वाले प्रत्याशियों को चुनावी मैदान में उतारा जाता है। कांग्रेस ने रतलाम से अपने 5 बार के सांसद कांतिलाल भूरिया ( Kantilal Bhuria ) को चुनावी मैदान में उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में उनकी भाजपा के गुमान सिंह डामोर से 23,595 वोटों से हार हुई थी। हालांकि भाजपा ने इस बार उनकी टिकट काट दी है और भिलाला आदिवासी समाज से आने वाली अनीता नागर सिंह चौहान ( Anita Singh Chauhan ) को टिकट दी है। 
इस समीकरण के चलते, रतलाम लोकसभा सीट की लड़ाई भील बनाम भिलाला की हो गई है। इस इलाके के विधानसभा समीकरणों की बात करें, तो रतलाम झाबुआ लोकसभा सीट में कुल 8 विधानसभा सीटें आती हैं। इनमें से 2023 के चुनावों में 4 पर भाजपा, 3 पर कांग्रेस और एक पर अन्य की जीत हुई थी। 

खरगोन में बारेला आदिवासी का समीकरण

खरगोन लोकसभा सीट पर भील, भिलाला और बारेला आदिवासियों की आबादी ज्यादा है। यहां से भाजपा ने सिटिंग एमपी गजेंद्र सिंह पटेल ( Gajendra Patel ) को चुनावी मैदान में उतारा है। 2019 के लोकसभा चुनावों में उन्होंने इस सीट पर 2,02,510 वोटों से जीत दर्ज की थी। भारतीय जनता पार्टी लगातार 3 चुनावों से खरगोन की सीट अपने कब्जे में करती आ रही है। गजेंद्र सिंह पटेल के सामने कांग्रेस ने पोरलाल खरते ( Porlal Kharte ) को टिकट दी है। वे सेल टैक्स विभाग से वीआरएस लेकर राजनीति में आए हैं। वे इलाके में जल-जंगल-जमीन को लेकर आंदोलन भी कर चुके हैं। यह दोनों ही प्रत्याशी बारेला आदिवासी समाज से आते हैं। 
खरगोन लोकसभा सीट के इतिहास को देखें, तो यहां अब तक भाजपा का पलड़ा कांग्रेस से थोड़ा भारी रहा है। भाजपा ने 7 बार यहां से जीत दर्ज की है, जबकि कांग्रेस ने 6 बार। हालांकि 2023 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस का इस सीट पर ज्यादा मजबूत रही। इलाके की 8 विधानसभा सीटों में से कांग्रेस के खाते में 5, तो भाजपा के खाते में 3 सीटें गई थी। ऐसे में इस सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, सीएम मोहन यादव और पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने जनसभाएं कर आदिवासियों को लुभाने का प्रयास किया है। 

धार में दोनों प्रत्याशी भिलाला, भोजशाला का मुद्दा गरम

धार लोकसभा सीट, आदिवासी सीट होने के आलावा भोजशाला के चलते भी हॉट सीट बनी हुई है। प्रधानमंत्री मोदी ने भी यहां जनसभा करते समय, भोजशाला का जिक्र भी किया था। इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस दोनों ने भिलाला आदिवासी समाज से आने वाले प्रत्याशियों को टिकट दी है। भाजपा ने मौजूदा सांसद छतर सिंह दरबार का टिकट काटकर, 2014 में सांसद रही सावित्री ठाकुर ( Savitri Thakur ) को टिकट दिया। कांग्रेस पार्टी ने राधेश्याम मुवेल ( Radheshyam Muvel )को चुनावी मैदान में उतारा है। इस सीट पर भिलाला आदिवासियों का समीकरण होने के अलावा, धार पूर्व भाजपा अध्यक्ष दिवंगत कुशाभाऊ ठाकरे की जन्मस्थली है। ऐसे में इलाके में आरएसएस का भी प्रभाव माना जाता है। 
कांग्रेस पार्टी ने इस सीट की जिम्मेदारी मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ( Umang Singha ) को दी है। वे धार लोकसभा के अंतर्गत ही आने वाली गंधवानी विधानसभा सीट से चुनाव जीतकर आए हैं। ऐसे में इन चुनावों में उनकी साख भी दांव पर हैं। सिंघार भील आदिवासी समाज से आते हैं और अपने साथी भिलाला प्रत्याशी के लिए चुनावी प्रचार कर रहे हैं। 2023 के विधानसभा चुनावों में धार की 8 लोकसभा सीटों में से 5 पर कांग्रेस और 3 पर भाजपा की जीत हुई थी।

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