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Photograph: (the sootr)
BHOPAL. एक ओर सरकार प्रदेश में तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा दे रही है। तो दूसरी ओर नए- नए उद्योगों की स्थापना के जरिए कुशल युवाओं को रोजगार के अवसर मुहैया कराने के दावे कर रही है। वहीं दूसरी ओर जमीनी हकीकत कुछ और है। सरकार के दावों के बावजूद मध्यप्रदेश में युवाओं का रुझान तकनीकी शिक्षा से घट रहा है। बीते एक दशक में प्रदेश में 62 से ज्यादा इंजीनियरिंग कॉलेज एडमिशन नहीं होने के कारण बंद हो चुके हैं। वहीं हालिया शैक्षणिक सत्र में भी निजी कॉलेजों में संचालित तकनीकी पाठ्यक्रमों में 55 फीसदी सीटें खाली पड़ी है। जहां छात्रों में होड़ लगती थी वहीं अब उनमें रुचि ही नहीं है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह बेहतर रोजगार के घटते अवसर बताए जा रहे हैं। कैरियर काउंसलरों का कहना है कि निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में इंजीनियरिंग की पढ़ाई मंहगी है। कॉलेजों में पढ़ने के बाद भी छात्र स्किल्ड नहीं होते और कंपनियों में अच्छे पैकेज वाले जॉब से वे दूर रह जाते हैं। इसलिए भी छात्र ऐसे कोर्स और निजी कॉलेजों से दूर हो रहे हैं।
प्रदेश में तकनीकी शिक्षा में छात्रों की रुचि घटने की स्थिति पर हाल ही में विधानसभा में भी चर्चा हुई थी। एक विधायक के सवाल के जवाब पर तकनीकी शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी निजी तकनीकी संस्थाओं में प्रवेश की स्थिति पर ब्यौरा पेश किया था। आंकड़े बताते हैं कि अब निजी कॉलेजों में 45 से 50 फीसदी सीटों पर ही छात्र तकनीकी पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने में रुचि दिखा रहे हैं। इसके मुकाबले सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में 80 फीसदी तक सीटें भर जाती हैं। छात्रों में तकनीकी पाठ्यक्रमों के प्रति उदासीनता को देखते हुए नए इंजीनियरिंग कॉलेज भी नहीं खुल रहे हैं। निजी तकनीकी शिक्षा संस्थानों की संख्या शैक्षणिक सत्र 2015-16 में 186 थी जो 2024-25 में घटकर 124 ही रह गई है। यानी बीते दस सालों में प्रदेश में 62 निजी कॉलेज बंद हो चुके हैं। वहीं इन संस्थाओं में 2024-25 में 64,206 सीटों पर केवल 35,064 ने ही प्रवेश लिया है। जबकि सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में इस अवधि में 9,431 सीटों पर 7,859 प्रवेश हुए हैं।
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रोजगार की कमी ने घटाई रुचि
इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ने वाले युवा राघव अग्रवाल का कहना है कि वे इंजीनियर बनना चाहते थे। हायर सेकेण्डरी के बाद उन्होंने एक इंजीनियरिंग कॉलेज में एडमिशन की तैयारी भी कर ली थी। इस बीच परिवार के लोगों से जो फीडबैक मिला उससे कैरियर की अनिश्चितता बढ़ गई। अच्छे रोजगार के अवसर नहीं मिलने की स्थिति को देखते हुए उन्होंने इंजीनियरिंग फील्ड से दूरी बना ली। वहीं छात्र देव शर्मा ने बताया वे अब बीसीए कर रहे हैं। निजी इंजीनियरिंग कॉलेजों में तकनीकी प्रशिक्षण नहीं मिलता इसलिए स्किल डेव्लप नहीं होती। वहीं कंपनियां डिग्री से ज्यादा आपकी स्किल देखते हैं। डिग्री के बाद भी मामूली सैलरी वाले जॉब ही मिलते हैं। लोगों से बात करने के बाद उन्होंने भी अपना मन बदला और अब कम्प्युटर और मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रहे हैं।
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कॉलेजों में प्रवेश घटने की वजह
- उद्योगों में रोजगार की मांग के अनुसार तकनीकी कोर्सों की कमी
- पुराने कोर्स और स्किल डेव्लपमेंट के प्रशिक्षण का अभाव
- तकनीकी शिक्षा के लिए एक्सपर्ट शिक्षक_प्रशिक्षक न होना
- निजी कॉलेजों में टेक्नीकल कोर्स की मंहगी फीस
- आधुनिक पाठ्यक्रम नहीं होने से बेहतर जॉब नहीं मिलना
पांच साल में इन कॉलेजों पर लगे ताले
रावतपुरा सरकार इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी जबलपुर
लक्ष्मी नारायण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी ग्वालियर
सत्य एजुकेशन एंड सोशल वेलफेयर ग्रुप ऑफ टेक्नोलाजी भोपाल
विंध्य इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड साइंस जबलपुर
संघवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी
महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट इंदौर
स्टार अकेडमी ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट इंदौर
श्रीकृष्ण इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनजमेंट ग्वालियर
आल सेंट कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग भोपाल
कारपोरेट इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च एंड टेक्नोलाजी भोपाल
ग्लोबल इंजीनियरिंग कालेज रायसेन
कृष्णा कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रीवा
महाराणा प्रताप कालेज ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट ग्वालियर
मल्होत्रा टेक्निकल रिसर्च इंस्टीट्यूट भोपाल
एनआरआइ कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड मैनेजमेंट ग्वालियर
प्रियतम इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट इंदौर
हिंदुस्तान इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी साइंस एंड मैनेजमेंट ग्वालियर
ग्वालियर इंजीनियरिंग कॉलेज ग्वालियर
टेक्नो इंजीनियरिंग कॉलेज ग्वालियर
मालवा इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट ग्वालियर
सागर इंस्टीट्यूट ऑफ रिसर्च टेक्नोलाजी एंड साइंस भोपाल
सरदार पटेल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट खरगोन
विद्यासागर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी इंदौर
लक्ष्मीबाई साहू इंस्टीट्यूट आफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलाजी जबलपुर
साक्षी इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड मैनेजमेंट गुना
ट्रूबा कॉलेज ऑफ साइंस एंड टेक्नोलाजी भोपाल
विंध्य इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलाजी एंड साइंस इंदौर