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The Sootr
इंदौर के बिल्डर मनीष गोधा के आयोजन सुमतिधाम में बुधवार की शाम को उस समय हंगामा मच गया, जबकि अचानक से मौसम बदला और धूल भरी आंधी चलने लगी। इस दौरान गांधीनगर में चल रहे जैन समाज के शहर के सबसे बड़े आयोजन में धूल उड़ने लगी और टेंट लड़खड़ाने लगे। देखते ही देखते आयोजन स्थल पर भगदड़ मच गई और लोग अपनी जान बचाकर भागने लगे। इसी दौरान जिस मंच पर संत समाज विराजमान था वहां लगी एक एलईडी भी हवा के झाेंके से गिर गई। आंधी और तेज हवा के दौरान हुए हादसे में कुछ संतों को खरोंच आईं तो कुछ श्रद्धालुओं को भगदड़ में गिरने से चोटें आई हैं। उन सभी का इलाज आयोजन स्थल पर ही लगे मेडिकल कैंप में कर दिया गया। इस हंगामे के बाद आयोजकों ने तत्काल संत समाज को तो पंडाल से दूसरी जगह पर भेज दिया और लोगों को पंडाल से बाहर निकलने का अनाउंसमेंट किया जाने लगा। उसके बाद के कुछ आयोजन रद्द कर दिए गए। इसके संबंध में जानकारी लेने के लिए हमने बिल्डर मनीष गोधा को फोन किया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। इस पर हमने उन्हें एसएमएस और वाट्सएप पर भी मैसेज करके उनका पक्ष जानने का प्रयास किया, लेकिन उन्होंने उसका भी कोई जवाब नहीं दिया।
एक आंधी ने खोल डाली मनीष गोधा के आयोजन की पोल
इंदौर के गांधीनगर में चल रहे सुमति धाम में पट्टाचार्य महोत्सव के दौरान बुधवार को तेज आंधी के बाद अचानक व्यवस्थाएं गड़बड़ा गईं। यहां पर लगे मुख्य पंडाल में भगदड़ होने पर कई लोग घायल हो गए। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इसी दौरान कुछ देर के लिए आयोजन में प्रवेश बंद कर दिया गया। शाम को होने वाले कई आयोजन भी निरस्त कर दिए गए। जब धूल भरी आंधी चली तो उस दौरान मौके पर हजारों की संख्या में जैन समाज के लोग मौजूद थे। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक आयोजक मनीष गोधा ने पूरे आयोजन में केवल शो–बाजी के इंतजाम किए, लेकिन यहां पहुंचने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर कोई इंतजाम नहीं थे। जब बुधवार शाम को धूल भरी आंधी चली तो उसमें लापरवाह गोधा के आयोजन की पूरी पोल खुल गई।
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पंडाल हवा में लहराने लगा तब संत समाज को बाहर निकाला
बुधवार की शाम को जैसे ही तेज हवा चली तो जहां एक और शहर में लगे होल्डिंग गिर गए तो दूसरी ओर गांधीनगर में चल रहे सुमति धाम आयोजन में मुख्य पंडाल का एक हिस्सा हवा के कारण नीचे गिरने लगा। जैन समाज के लोगों ने बताया कि इस पर वहां मौजूद आयोजन समिति के लोगों ने किसी तरह से संभाला और बड़ी संख्या में मौजूद संत समाज को यहां से बाहर निकालकर सुरक्षित जगह पर पहुंचाया। बताया गया कि आयोजकों द्वारा यहीं पर एक रजिस्ट्रेशन काउंटर भी लगाया गया था जो कि हवा के तेज झोंके से जमीन में धंस गया। यहां पर छांव के लिए भी व्यवस्था की गई थी वह भी पूरी तरह से चरमरा गई। मौके पर सुरक्षा की दृष्टि से तैनात पुलिस जवानों ने बताया कि हजारों लोग इस दौरान घबरा गए और बमुश्किल जैसे–तैसे मुख्य द्वार से बाहर निकाल पाए। जब तेज धूल भरी आंधी चली तो उसे दौरान वहां पर भगदड़ मच गई और उसमें कई लोग एक दूसरे से टकराकर गिरने लगे। इसमें काफी सारे लोगों को चोटें आई, जिन्हें आयोजन स्थल पर बने मेडिकल कैंप में पहुंचा दिया गया।
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कई संत और श्रद्धालु के घायल होने की जानकारी
सुमति धाम पर आयोजित इस कार्यक्रम में जब तेज हवा से पंडाल उड़ने लगा तो वहां पर लगी बड़ी एलइडी भी हवा के झोंके से गिर गई। इसके कारण एलईडी के आसपास बैठे कुछ संतों के घायल होने की सूचना है। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि यह देख आयोजन समिति के लोग तत्काल दौड़े और उसे एलईडी को हटाकर संतो को वहां से दूसरी जगह ले जाया गया। इसके कुछ देर बाद ही आयोजन समिति की तरफ से एक और वीडियो जारी किया गया, जिसमें कुछ संत सीड़ियों से नीचे उतरते दिख रहे हैं और वह सब कुछ कुशल मंगल होने की बात कह रहे हैं। हालांकि इस वीडियो में उन संतों को नहीं दिखाया गया जो कि पंडाल के लोहे के खंभे और एलईडी गिरने से घायल हुए थे।
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200 से ज्यादा पुलिस जवानों ने संभाल रखी है व्यवस्था
इस आयोजन में 200 से ज्यादा पुलिस जवान भी सुरक्षा की दृष्टि से मोर्चा संभाले हुए थे। उन्होंने बताया कि जैसे ही भगदड़ मची तो उन्होंने लोगों को वहां से हटाकर आयोजन स्थल से बाहर निकालने के प्रयास शुरू कर दिए। इसी दौरान आयोजन स्थल पर पंडाल को खाली कर बाहर निकलने का अनाउंसमेंट भी किया जाता रहा। कुछ देर के लिए आयोजकों ने मुख्य गेट से पंडाल के अंदर प्रवेश भी बंद कर दिया था। यहां पर मची भगदड़ में जो बुजुर्ग और महिलाएं धक्का लगने से गिर रहे थे पुलिस जवानों ने उन्हें उठाया और संभालकर बाहर निकाला।
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आयोजकों ने फोटो, वीडियो बनाने से रोका
सुमति धाम आयोजन स्थल पर जब तेज धूल भरी आंधी के कारण अफरा–तफरी मची तो कुछ लोगों ने इसका वीडियो और फोटो भी लेना शुरू कर दिए। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक हालात काफी बढ़तार थे। उन्होंने बताया कि जब वह अपने मोबाइल में इस भगदड़ और हवा में उड़ रहे टेंट तंबू व संतों और लोगों के घायल होने के वीडियो कैद करने लगे तो यह देख आयोजन की व्यवस्था संभाल रहे लोग उन पर भड़क उठे। लोगों ने आरोप लगाया कि इसके बाद वे उनके पास आए और उनके मोबाइल से फोटो और वीडियो डिलीट करवा दिए। साथ ही हिदायत भी दी गई कि इस पूरे घटनाक्रम को लेकर कोई भी अपने मोबाइल का उपयोग कर फोटो और वीडियो नहीं बनाएगा।
संतों की जान जोखिम में डाली
जैन समाज के इस आयोजन में करोड़ों रुपए खर्च कर बिल्डर मनीष गोधा ने पूरा सेटअप तैयार करवाया। यहां पर पूरे तामझाम किए गए और शो बाजी में कोई कसर नहीं रखी गई, लेकिन संतों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को उसने ताक पर रख दिया। असल में आयोजकों ने यह कल्पना भी नहीं की थी कि भरी गर्मी में मौसम अचानक से इस तरह की करवट लेगा और धूल भारी आंधी चलने लगेगी। आयोजन में पहुंचे जैन समाजजनों का कहना था कि इस तरह से खुले मैदान में इतना बड़ा आयोजन बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के कर लिया गया। इससे ना केवल लाखों श्रद्धालुओं की जान जोखिम में डाली बल्कि कुछ देर के लिए तो संतों की जान को खतरा बन गया था।