BHOPAL. अनुपूरक बजट पर इस बार मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव की सरकार की कसावट रहेगी। मप्र विधानसभा के मानसून सत्र में पेश होने वाले बजट में केवल जनहित की योजनाओं से संबंधित प्रावधान ही शामिल किए जाएंगे। वहीं विभागों में रंग-रोगन और अफसरों को नए वाहन खरीदने के प्रस्ताव भेजने को वित्त विभाग ने इंकार कर दिया है। इसके लिए विभागों को पत्र भी भेजे गए हैं।
योजनाओं की मद में होगा खर्च
विधानसभा में जुलाई माह में मानसून सत्र के लिए विभागवार तैयार होने वाले प्रस्ताव भेजने के लिए 13 जून आखिरी तारीख है। यानी विभागों को शुक्रवार तक ही ये मौका रहेगा। अनुपूरक बजट पूरी तरह केंद्र प्रवर्तित और जनहित की योजनाओं पर केंद्रित होगा। प्रदेश सरकार सप्लीमेंट्री बजट का बड़ा अंश केंद्र से संचालित योजनाओं की मद में जमा कराएगी। हांलाकि बजट में प्रदेश सहित विभागों की योजनाओं को भी हिस्सा मिलेगा।
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फिजूलखर्ची रोकने की समझाइश
वित्त विभाग द्वारा विभागों को फिजूलखर्ची से संबंधित प्रस्ताव नहीं भेजने की समझाइश दी गई है। वहीं यह भी साफ किया गया है कि अनुपूरक बजट में विभागीय कार्यालय या अधिकारियों के आवासों के रंगरोगन के लिए कोई राशि उपलब्ध नहीं कराई जाएगी। इसके अलावा विभागों के अफसरों के लिए वाहन खरीदी के प्रस्ताव भी स्वीकार नहीं होंगे। यानी सरकार ने अनुपूरक बजट को केवल जनता से जुड़ी योजनाओं पर खर्च करने की तैयारी कर ली है।
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कर्ज के बढ़ते भार को देख कसावट
प्रदेश सरकार के बजट को बड़ा हिस्सा जनहित की योजनाओं पर खर्च हो रहा है। लाड़ली बहना जैसी योजनाओं के संचालन के लिए सरकार बार_बार कर्ज लेने मजबूर है। वित्त वर्ष को अभी केवल दो माह ही हुए हैं और सरकार करोड़ों रुपए कर्ज उठा चुकी है। कर्ज को चुकाने के लिए भी अब कर्ज लेने की स्थिति बन गई है। बजट प्रावधान के बावजूद प्रदेश में योजनाओं के लिए राशि कम पड़ रही है इसलिए अनुपूरक बजट लाया जा रहा है। लगातार बढ़ रहे कर्ज को देखते हुए अब सरकार के इशारे पर वित्त विभाग ने फिजूलखर्ची पर कसावट शुरू कर दी है।