सुप्रीम कोर्ट ने दिए सिविल जज भर्ती जल्द पूरी करने के आदेश, रद्द किया HC का आदेश

मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा भर्ती यानी सिविल जज भर्ती 2023 से जुड़े विवाद में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए हाईकोर्ट का आदेश रद्द कर दिया है और भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का आदेश दिया है।

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Neel Tiwari
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Photograph: (THESOOTR)

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जबलपुर/दिल्ली। मध्यप्रदेश न्यायिक सेवा (भर्ती और सेवा की शर्तें) नियम, 1994 में संशोधन को लेकर उपजे विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम फैसला सुनाया।

हाईकोर्ट मध्य प्रदेश के द्वारा लगाई गई याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के उस आदेश को पूरी तरह से रद्द कर दिया है, जिसमें भर्ती प्रक्रिया रोकने और मुख्य परीक्षा दोबारा आयोजित करने का निर्देश दिया गया था। यह मामला ज्योत्सना डोहालिया एवं अन्य की ओर से दायर याचिका से संबंधित था।

सिविल जज भर्ती 2023 से जुड़ा मामला

17 नवंबर 2023 को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने सिविल जज (प्रवेश स्तर) के 199 पदों के लिए विज्ञापन जारी किया था। इस भर्ती के नियमों में जून 2023 में संशोधन किया गया, जिसे लेकर कई उम्मीदवारों ने आपत्ति जताई। याचिकाकर्ता ज्योत्सना डोहालिया और एक अन्य ने यह दलील दी थी कि संशोधित नियमों के चलते वे मुख्य परीक्षा में शामिल नहीं हो सके, क्योंकि उन्हें क्रमशः 112 और 108 अंक मिले थे, जबकि कटऑफ 113 अंक था।

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हाईकोर्ट ने दिए थे नई मुख्य परीक्षा कराने के आदेश

शुरुआत में हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं की मांग खारिज कर दी थी। लेकिन 25 मई 2024 को दायर की गई समीक्षा याचिका पर विचार करते हुए हाईकोर्ट की डिविजनल बेंच ने अपना ही आदेश पलट दिया। हाईकोर्ट ने अपात्र उम्मीदवारों को सूची से हटाने, नए सिरे से कटऑफ तय करने और यहां तक कि नई मुख्य परीक्षा आयोजित करने का आदेश भी दे दिया। इसके साथ ही पूरी भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी गई थी।

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हाईकोर्ट के क्षेत्राधिकार से बाहर का मामला: SC 

इस आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। जस्टिस श्री नरसिम्हा और जस्टिस अतुल चंदूरकर की डिविजनल बेंच ने 23 सितंबर 2025 को सुनवाई पूरी करते हुए साफ कहा कि हाईकोर्ट ने समीक्षा क्षेत्राधिकार का गलत इस्तेमाल किया है।

सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब 7 मई 2024 को याचिका खारिज की जा चुकी थी, तो उसी मुद्दे पर दोबारा विचार करना समीक्षा का दायरा नहीं है। यह केवल अपीलीय अधिकार क्षेत्र में संभव था। सुप्रीम कोर्ट का आदेश, सिविल जज भर्ती परीक्षा 2023 से जुड़ी हाईकोर्ट आदेश रद्द करते हुए भर्ती प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का निर्देश देता है।

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अपात्र उम्मीदवारों को हटाना जरूरी

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की उस दलील को भी खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि अपात्र उम्मीदवारों को हटाना जरूरी है। कोर्ट ने हाईकोर्ट प्रशासन द्वारा दायर हलफनामे का हवाला देते हुए कहा कि किसी भी अपात्र उम्मीदवार को न तो साक्षात्कार के लिए बुलाया जाएगा और न ही नियुक्ति दी जाएगी। ऐसे में समीक्षा का आदेश पूरी तरह से अवैध था।

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भर्ती प्रक्रिया जल्द पूरी करने का निर्देश

सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट का आदेश रद्द करते हुए याचिकाकर्ताओं की समीक्षा याचिका भी खारिज कर दी। साथ ही निर्देश दिया कि नवंबर 2023 के विज्ञापन के अनुसार सिविल जज भर्ती प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए, ताकि न्यायिक सेवा में पद रिक्त न रहें।

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