JABALPUR. जबलपुर में राजीव गांधी आवास योजना में ठगी के आरोप पूर्व पार्षद और विवेक तन्खा के सांसद प्रतिनिधि ताहिर अली पर लगे थे। लेमा गार्डन में राजीव गांधी आवास योजना के नाम पर 40 हजार से 80 हजार तक की ठगी करने के आरोप ताहिर अली पर लगे थे।
उन्होंने प्रेस वार्ता में आरोपों को निराधार बताया। ताहिर अली ने कहा कि शिकायतें राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता से प्रेरित हैं। उन्होंने पार्षद हीरा शफीक पर आपराधिक प्रवृत्ति का आरोप लगाया।
ताहिर अली ने बताया कि हीरा शफीक पर अलग-अलग थानों में 8 मामले दर्ज हैं। दोनों पार्षदों के बीच पहले भी विवाद हो चुका है। शिकायतकर्ताओं की संख्या बढ़ने से जांच की मांग तेज हो रही है।
नगर निगम की कार्य प्रणाली और भाजपा सरकार पर मढ़ा आरोप
ताहिर अली के द्वारा 285 हितग्राहियों की एक लिस्ट मीडिया के सामने रखी गई जिसमें बताया गया कि इस लिस्ट के अनुसार ही हितग्राहियों को मकान दिलाए गए थे। हालांकि इस मामले में हाईकोर्ट में लगी याचिका क्रमांक 22208/2021 में ही यह तथ्य सामने आ गया था कि यह 285 लोगों की लिस्ट कोई एलॉटमेंट लिस्ट नहीं है बल्कि एक प्राथमिक लिस्ट थी जिस पर आपत्ति मंगाई गई थी।
इस बारे में सवाल करने पर ताहिर अली ने बताया की नगर निगम के द्वारा बाकायदा मुनादी की गई थी और यह इस लिस्ट के आधार पर एलॉटमेंट दिया गया था लेकिन भाजपा सरकार ने अल्पसंख्यकों को मिल रहे फायदे को छीनने के लिए इस लिस्ट को रोक दिया। उन्होंने बताया कि इस बाबत उनके पास दस्तावेज भी उपलब्ध है लेकिन इससे जुड़ा हुआ कोई भी दस्तावेज अभी मीडिया को नहीं दिया गया।
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शिकायतों को बताया फर्जी, शिकायतकर्ता पहुंचे मौके पर
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प्रेस वार्ता में ताहिर अली ने दस्तावेज दिखाते हुए यह कहा कि यह सभी शिकायतकर्ता झूठे हैं और पार्षद हीरा शफीक के कहने पर यह आरोप लगा रहे। लेकिन थोड़ी देर में बड़ी संख्या में महिला और बुजुर्ग शिकायतकर्ता प्रेस कॉन्फ्रेंस की जगह पर ही पहुंच गए और प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया के सामने आने की कोशिश की, जिन्हें होटल के नीचे शटर बंद कर रोक दिया गया, इसके बाद महिलाओं ने अपनी शिकायत दिखाते हुए जमकर हंगामा मचाया और ताहिर अली के खिलाफ नारे भी लगाए।
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पाक- साफ साबित होने का मौका चूके ताहिर
प्रेस कॉन्फ्रेंस में ताहिर अली ने दस्तावेज दिखाते हुए यह दावा किया कि सभी शिकायतकर्ता झूठे हैं और उनके पास इससे जुड़े हुए सारे तथ्य हैं। शिकायतकर्ता महिलाओं को यदि प्रेस वार्ता में आने का मौका दिया जाता है तो यह ताहिर अली के लिए एक बहुत अच्छा अवसर था, क्योंकि उनके पास सभी दस्तावेज रखे हुए थे और वह एक-एक शिकायतकर्ता को मीडिया के सामने झूठा साबित कर सकते थे।
फिर, ना जाने ऐसा क्या हुआ कि शिकायतकर्ता महिलाओं को होटल में घुसने तक नहीं दिया और बाहर भी उनसे बात करने के लिए कोई प्रतिनिधि नहीं आया, बल्कि पुलिस बल बुला लिया गया। सभी महिलाएं ताहिर अली के खिलाफ काफी देर तक नारेबाजी और हंगामा करती रही और उसके बाद आखिरकार उन्होंने ओमती थाने में बदसलूकी की FIR लिखने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने सिर्फ उनसे शिकायत का आवेदन लिया है।
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ताहिर अली ने नगर निगम और तात्कालिक अधिकारियों पर लगाए आरोप
बिना एलॉटमेंट लिस्ट जारी हुए प्राथमिक लिस्ट के आधार पर लेमा गार्डन के राजीव गांधी योजना आवास में कब्जा दिलाए जाने के सवाल पर ताहिर अली ने बताया की नगर निगम की भर्राशाही के बारे में सभी लोग जानते हैं। उन्होंने बताया कि नगर निगम के तत्कालीन अधिकारी और सरकार ने यह लिस्ट जारी की थी लेकिन जब यह मामला हाई कोर्ट पहुंचा तो उन्होंने इस लिस्ट को गायब कर दिया और इन कब्जों को अवैध घोषित करवा दिया।
आपको बता दें कि मामले में हाईकोर्ट में साल 2020 में एक जनहित याचिका लगाई गई थी जिसमें इन कब्जों को अवैध घोषित किया गया था। इस आदेश के खिलाफ साल 2021 में फिर याचिका लगाई गई थी जिसमें हाईकोर्ट ने नगर निगम की कार्यवाही को सही मानते हुए लेमा गार्डन में किए गए कब्जों को खाली करने को सही बताया था। मध्य प्रदेश । मप्र सांसद प्रतिनिधि । द सूत्र | एमपी न्यूज | एमपी न्यूज हिंदी
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