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BHOPAL. मध्यप्रदेश में क्या ही गजब चल रहा है। अव्वल तो सूबे में रोजगार के लाले हैं। फिर यदि 'सरकार' की कृपा से आप किसी नौकरी के लिए योग्य हैं भी तो परेशानियों का पहाड़ सामने खड़ा है। सरकारी मानसिकता पल-पल आपको डराएगी। तनाव देगी। भविष्य से खिलवाड़ करेगी। अब इसी मामले को देख लीजिए। शिक्षक भर्ती वर्ग-2 की मेन्स देने के लिए तैयार बैठे लाखों अभ्यर्थी इन दिनों परेशान हैं और उनकी यह परेशानी बढ़ाई है एक पोर्टल ने।
जी हां, सही पढ़ा आपने। दरअसल, शिक्षक भर्ती वर्ग-2 की मेन्स परीक्षा के लिए फॉर्म भरने की आखिरी तारीख 11 फरवरी तय की गई है। इस परीक्षा में बैठने वाले अभ्यर्थियों के लिए ई-केवाईसी कराना अनिवार्य है। इसके बिना वे फॉर्म नहीं भर सकते। अब यहां पेंच यह है कि ई-केवाईसी कराने के लिए समग्र पोर्टल जरूरी है और यही पोर्टल सात दिन के लिए बंद है। ऐसे में शिक्षक भर्ती वर्ग-2 के लिए प्री एग्जाम पास कर चुके लाखों अभ्यर्थियों को कुछ सूझ ही नहीं रहा है कि वे आखिर क्या करें? किससे मदद मांगें? कोई उनकी सुनवाई करने वाला नहीं है। उन्हें अपना भविष्य अंधकार में नजर आ रहा है।
अभ्यर्थियों का कहना है कि न तो ईएसबी को कोई लेना देना है, न शिक्षा विभाग के स्तर पर कुछ हो रहा है और MPSEDC यानी मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड के तो कहने ही क्या हैं। इसी विभाग ने 7 फरवरी से 14 फरवरी तक समग्र पोर्टल बंद कर दिया है। नतीजा है कि यदि अभ्यर्थी ई-केवाईसी नहीं करा पा रहे हैं।
शिवराज सरकार में निकली थी भर्ती
पिछली शिवराज सरकार में जब एक लाख नौकरियों के दावे किए जा रहे थे, तब शिक्षा विभाग में 10 हजार से ज्यादा पदों पर भर्ती निकाली गई थी। शिक्षक भर्ती वर्ग-2 का प्री एग्जाम 2023 में लिया गया था, इसमें लाखों अभ्यर्थी बैठे थे। पहले तो प्री-एग्जाम के बाद ही अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार कराया गया। फिर अब जैसे-तैसे मेन्स की बारी आई तो उसमें केवाईसी ने अड़ंगा है।
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MPSEDC ने सात दिन के लिए बंद किया पोर्टल
मध्यप्रदेश स्टेट इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने 7 फरवरी से 14 फरवरी तक सात दिन के लिए समग्र पोर्टल बंद कर दिया है। MPSEDC का दावा है कि इस अवधि में सरकार के समग्र एप्लिकेशन पोर्टल और इससे जुड़े अन्य प्लेटफॉर्म जैसे समग्र पोर्टल, SPR पोर्टल, BPL पोर्टल और Web सर्विसेज फॉर API को नए और ज्यादा सुरक्षित सर्वर SDC 2.0 पर शिफ्ट किया जा रहा है।
MPSEDC ने किया रफ्तार बढ़ाने का दावा
इस कवायद के पीछे दावा किया जा रहा है कि पोर्टल की रफ्तार और कार्यक्षमता बढ़ेगी। डेटा की सुरक्षा मजबूत होगी, क्योंकि नए सर्वर में बेहतर एन्क्रिप्शन और फायरवॉल लगाए गए हैं। समग्र एप्लिकेशन से जुड़ी सेवाएं और ज्यादा सुव्यवस्थित और सुरक्षित हो जाएंगी। इस तरह सात दिन समग्र पोर्टल और संबंधित सभी एप्लिकेशन बंद किए गए हैं, लेकिन API सेवाएं चालू रहने का दावा किया जा रहा है। यहां खस यह भी है कि यह API सिर्फ दिखावा ही है, क्योंकि पोर्टल से जो मुख्य काम होते हैं, वे इस मिरर API से नहीं होंगे।
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अभ्यर्थियों के सामने खड़ा हुआ संकट
अब शिक्षक वर्ग-2 की मुख्य परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों के सामने पोर्टल ने एक तरह से 'समग्र संकट' खड़ा कर दिया है। उन्हें समझ ही नहीं आ रहा कि आखिर क्या किया जाए। क्योंकि ईएसबी तो यूं ही किसी भी सुनता नहीं। शिक्षा विभाग को सीधे तौर पर कोई लेना-देना नहीं है और MPSEDC का तर्क है कि वह पहले ही पोर्टल बंद किए जाने की सूचना दे चुका है। फॉर्म भरने के लिए परेशान हो रहे कुछ अभ्यर्थियों और उनके अभिभावकों ने 'द सूत्र' से संपर्क कर पूरी स्थिति बताई। हालांकि गोपनीयता के लिए लिहाज से अभ्यर्थियों ने अपनी पहचान उजागर करने से इनकार किया है, लिहाजा, हम भी उनकी पहचान उजागर नहीं कर रहे हैं।
अभ्यर्थियों में गुस्सा - बोले सरकार की घटिया व्यवस्थाएं
भोपाल की एक महिला अभ्यर्थी ने कहा कि सरकार रोजगार देने के तमाम दावे करती है, लेकिन इतनी घटिया व्यवस्थाएं हैं कि क्या ही कहा जाए। उन्होंने बताया कि अव्वल तो लंबे इंतजार के बाद चुनाव से पहले सरकार ने 2023 में शिक्षक भर्ती वर्ग 2 का नोटिफिकेशन जारी किया था। फिर जनहितैषी बनने के लिए इसी साल प्री एग्जाम भी ले लिया। इसके बाद मेन्स लेने में सरकार को डेढ़ साल लग गए। अब कहीं जाकर जनवरी में मेन्स के लिए नोटिफिकेशन जारी किया गया है, इसमें भी केवाईसी की शर्त जोड़ दी गई है। हमारे सामने संकट यह है कि जब पोर्टल ही नहीं चल रहा तो केवाईसी कराएंगे कैसे? यह तो हमारे सपनों को चकनाचूर करने जैसा है।
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अभ्यर्थी ने कहा - सरकार की मंशा ही नहीं
सागर जिले के अभ्यर्थी ने 'द सूत्र' को बताया, जिस तरह की चीजें चल रही हैं, उससे लगता ही नहीं है कि सरकार की मंशा नौकरी देने की है। 10758 पदों पर भर्ती निकाली गई थी। करीब ढाई साल से ये प्रक्रिया ही चले जा रही है। अब तक हम मेन्स परीक्षा पर पहुंच पाए हैं, उसमें भी अब समग्र पोर्टल ने हम जैसे अभ्यर्थियों का तनाव बढ़ा दिया है। पहले तो उम्मीद यही थी कि प्री निकल गया तो मेहनत करके मेन्स भी निकाल लेंगे, लेकिन अब तक सब नियम शर्तों में ही सब उलझ गया तो कहां से कुछ होगा।
'द सूत्र' व्यू
सरकार को युवाओं की तकलीफ समझनी होगी। 'द सूत्र' अभ्यर्थियों की ओर से जिम्मेदार अधिकारियों से यह मांग करता है कि या तो परीक्षा के फॉर्म भरने की अंतिम तिथि तत्काल प्रभाव से बढ़ाई जाए या फिर कम से कम दो दिनों के लिए समग्र पोर्टल खोला जाए, ताकि अभ्यर्थी अपनी केवाईसी पूरी कर सकें। अब किसी न किसी विभाग को तो युवाओं के सपनों को पंख देने के लिए आगे आना ही होगा। यह केवल एक परीक्षा भर नहीं है, यह लाखों युवाओं की मेहनत, त्याग और भविष्य की परीक्षा है। यदि सरकार अब भी मौन रही तो यह साफ हो जाएगा कि उसका रोजगार देने का दावा केवल छलावा था और उसका असली उद्देश्य युवाओं को निराशा और हताशा की ओर धकेलना है।
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