शिक्षक भर्ती: सात साल बाद भी काउंसलिंग अटकी, ढाई लाख अभ्यर्थियों का सपना अधूरा

साल 2018 में निकाली गई शिक्षक भर्ती की प्रक्रिया अब भी अधूरी है। करीब ढाई लाख अभ्यर्थी तीसरी काउंसलिंग के इंतजार में हैं। कई उम्मीदवार ओवरएज हो चुके हैं।

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Sandeep Kumar
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मध्यप्रदेश में साल 2018 में शिक्षक भर्ती के लिए 17 हजार से अधिक पदों का नोटिफिकेशन जारी हुआ था। इसमें करीब 2.80 लाख अभ्यर्थी पात्र घोषित किए गए। हालांकि, आज तक तीसरी काउंसलिंग नहीं हो सकी है। पहली काउंसलिंग अक्टूबर 2021 में हुई थी, जिसमें 8 हजार 470 शिक्षकों को नियुक्ति दी गई। 6 हजार 530 अभ्यर्थी चयनित होने के बावजूद बिना नियुक्ति रह गए। दूसरी बार दिसंबर 2022 में 2 हजार 750 पदों का रोस्टर जारी हुआ, लेकिन फिर भी 1250 पद खाली रह गए हैं।

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अधिक उम्र के कारण मुश्किल में अभ्यर्थी

लंबे इंतजार के कारण कई उम्मीदवार अब ओवरएज हो चुके हैं। ऐसे में वे दूसरी भर्तियों में आवेदन नहीं कर सकते। शिक्षक संगठन के अध्यक्ष रविदास श्यामलाल ने बताया कि लगभग सवा लाख पात्र अभ्यर्थियों को अब भी मौका मिल सकता है।

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सरकारी जवाबदेही

स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी शिल्पा गुप्ता ने कहा कि वर्तमान स्थिति पर विचार के लिए बैठक की जाएगी। दस्तावेजों की समीक्षा के बाद ही आगे की प्रक्रिया तय होगी।

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FAQ

मप्र में शिक्षक भर्ती प्रक्रिया क्यों अधूरी है?
2018 की भर्ती प्रक्रिया में तीसरी काउंसलिंग नहीं हुई, जिससे पद खाली रह गए हैं। करीब सवा लाख पात्र अभ्यर्थियों को अब भी मौका दिया जा सकता है।
अब तक कितनी काउंसलिंग पूरी हुई हैं?
अब तक दो बार काउंसलिंग हो चुकी है, लेकिन तीसरी काउंसलिंग लंबित है। शिक्षा विभाग के अनुसार, बैठक में इस विषय पर विचार किया जाएगा।






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