भोपाल में अस्थायी कर्मचारियों की महाक्रांति रैली आज, इन मुद्दों पर उठेगी आवाज

भोपाल के अंबेडकर पार्क में रविवार को अस्थायी कर्मचारियों की महाक्रांति रैली का आयोजन किया गया है। इसमें कर्मचारियों की पांच प्रमुख मांगें उठाई जाएंगी।

author-image
Amresh Kushwaha
New Update
temporary-employees-protest-bhopal
Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

भोपाल के अंबेडकर पार्क में आज 12 अक्टूबर को नजारा बदला-बदला सा होगा। प्रदेश के हर कोने से आए अस्थायी कर्मचारी, बैंक मित्र, पंचायत चौकीदार, राजस्व सर्वेयर, पंप ऑपरेटर और अंशकालिक कर्मचारी यहां अपनी आवाज बुलंद करने वाले हैं।  

दो साल बाद मिली आंदोलन की इजाजत

कोरोना और प्रशासनिक सख्ती के बीच यह महाक्रांति रैली पिछले दो वर्षों से टलती रही है। संयुक्त मोर्चा के संयोजकों का कहना है कि लगातार अनुमति के लिए आवेदन किए गए, लेकिन पुलिस ने हर बार रुकावटें डालीं। आखिरकार 12 अक्टूबर को विरोध प्रदर्शन की मंजूरी मिली। यह विरोध प्रदर्शन आज लगभग सुबह 11 बजे से शुरू हो जाएगा। पिछली बार इसी तरह का बड़ा प्रदर्शन साल 2023 में हुआ था। इसमें हजारों कर्मचारी सड़क पर उतरे थे।

ये खबर भी पढ़िए...भोपाल न्यूज: अस्पताल में ऑपरेशन के टेबल पर थे मरीज, बत्ती गुल होने के बाद जनरेटर भी नहीं हुआ चालू

मंच पर साझा संघर्ष और नई उम्मीद

आल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, अस्थायी, अंशकालिक, ग्राम पंचायत कर्मचारी संयुक्त मोर्चा मध्यप्रदेश के बैनर तले यह रैली हो रही है। मोर्चा के अध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने कहा कि यह लड़ाई किसी एक जाति, वर्ग या विभाग की नहीं, बल्कि उनके लिए है जो प्रदेश की शासन व्यवस्था को अपने कंधे पर चलाते हैं, लेकिन अधिकारों से वंचित रहते हैं।

मोर्चा की एक ही मांग है- सरकार वादों की लकीर मत खींचो, अब अधिकारों की गारंटी दो।

अस्थायी कर्मचारियों की महाक्रांति रैली को एक नजर में समझें...

  • भोपाल के अंबेडकर पार्क में अस्थायी कर्मचारियों की महाक्रांति रैली आज, जिसमें विभिन्न वर्गों के कर्मचारी अपनी आवाज उठाएंगे।

  • कोरोना और प्रशासनिक सख्ती के कारण यह रैली दो वर्षों तक टलती रही, लेकिन अब 12 अक्टूबर को इसे विरोध प्रदर्शन की मंजूरी मिल गई है।

  • रैली का आयोजन आल डिपार्टमेंट आउटसोर्स, अस्थायी और अंशकालीन कर्मचारियों के संयुक्त मोर्चा द्वारा किया जा रहा है, जिनकी मुख्य मांग सरकार से अधिकारों की गारंटी है।

  • अस्थायी कर्मचारियों को स्थायी किया जाए, समान कार्य के लिए समान वेतन मिले, ठेका प्रथा खत्म हो, बैंक मित्रों की नियुक्ति स्थायी हो और राजस्व सर्वेयरों को स्थायी सेवा का दर्जा मिले।

  • वासुदेव शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अस्थायी कर्मचारियों को समान वेतन और सामाजिक सुरक्षा का अधिकार मिला है, जिसे लागू करने की मांग की जा रही है।

ये खबर भी पढ़िए...गौरव गृह निर्माण सोसाइटी मामलाः भोपाल क्रेडाई अध्यक्ष मनोज सिंह मीक समेत 7 लोगों पर ईओडब्ल्यू ने दर्ज की एफआईआर

इन मुद्दों पर उठेगी आवाज

रैली के मंच से पांच प्रमुख मांगें सरकार तक पहुंचाई जाएंगी। जो इस प्रकार हैं-

  1. सभी अस्थायी, आउटसोर्स, अंशकालीन और संविदा कर्मचारियों को तृतीय और चतुर्थ श्रेणी रिक्त पदों पर नियमित किया जाए।

  2. समान कार्य के लिए समान वेतन नीति हो, या कम-से-कम 21 हजार रुपए मासिक वेतन दिया जाए।

  3. ठेका प्रथा, कंपनी राज और अस्थायी रोजगार को खत्म किया जाए।

  4. बैंक मित्रों की सीधे बैंक से नियुक्ति और नियमित वेतन पक्का किया जाए।

  5. राजस्व सर्वेयरों को स्थायी सेवा का दर्जा मिले और उचित वेतन तय हो।

सुबह से ही कर्मचारी आने लगे भोपाल

राज्य के कई जिलों से कर्मचारी सुबह से ही भोपाल का रुख कर चुके हैं। इस आयोजन में प्रमुख कर्मचारी नेता रजत शर्मा, वीरेंद्र गोस्वामी, राजभान रावत, उमाशंकर पाठक, मनोज उईके, डॉ. अमित सिंह और शिवेंद्र पांडे मौजूद रहेंगे।

ये खबर भी पढ़िए...कफ सिरप के घातक असर के बाद एमपी सरकार ने मांगें दवाओं की जांच के अधिकार

सुप्रीम कोर्ट का फैसला, संविधान का सम्मान: वासुदेव शर्मा

मोर्चा के मुख्य संयोजक वासुदेव शर्मा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 19 अगस्त 2025 के अपने ऐतिहासिक फैसले (सिविल अपील क्रमांक 8558/2018) में स्पष्ट कहा था कि लंबे समय तक कम वेतन पर अस्थायी, संविदा या आउटसोर्स कर्मियों से काम लेना श्रमिक शोषण है। अदालत ने यह भी माना कि समान काम के लिए समान वेतन और सामाजिक सुरक्षा इन कर्मचारियों का संवैधानिक अधिकार है। इसी फैसले के बाद संयुक्त मोर्चा को लगता है कि उन्हें न्याय की नई रोशनी मिली है।

ये खबर भी पढ़िए...MP News: एमपी बीजेपी: नेताओं की आपत्तियों से अटकी कार्यकारिणी, दिल्ली ने लौटाई सूची

20 साल से बंद हैं नियमित भर्तियां

अस्थायी कर्मचारियों का आरोप साफ है- पिछले दो दशक से प्रदेश में तृतीय और चतुर्थ श्रेणी की सरकारी भर्तियां लगभग बंद पड़ी हैं। जो भी जिम्मेदारियां विभागों में हैं, वो सब इन्हीं संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे चल रही हैं। मोर्चा खुलकर कहता है- यह संविधान और श्रम कानूनों की खुली अवमानना है, अब बदलाव जरूरी है।

भोपाल न्यूज MP News मध्यप्रदेश महाक्रांति रैली अस्थायी कर्मचारी
Advertisment