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JABALPUR. 20 सालों से सिर्फ चुनावी वादों के सहारे उम्मीद लगाए बैठे सिहोरावासियों का गुस्सा अब जबलपुर की सड़कों पर साफ नजर आ रहा है। बुधवार को सिहोरा को जिला बनाए जाने की मांग को लेकर आक्रोशित नागरिकों ने भाजपा के रानीताल स्थित भाजपा के संभागीय कार्यालय के बाहर जबरदस्त प्रदर्शन किया।
इस दौरान कार्यालय के मुख्य गेट और दीवारों पर पोस्टर चस्पा किए गए, जो सबका ध्यान खींच रहे थे। पोस्टरों में लिखा था, "शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी, उमा भारती और संतोष बरकड़े कौन हैं?"
इन पोस्टरों ने भाजपा नेताओं को उनके पुराने वादे याद दिलाए, जिनमें बार-बार सिहोरा को जिला बनाने की बात कही गई थी। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि अब सब्र का बांध टूट चुका है और इस बार वे आर-पार की लड़ाई के मूड में हैं।
घंटा और शंख बजाकर जताया आक्रोश
भाजपा कार्यालय के बाहर करीब दो घंटे तक चले इस शांतिपूर्ण लेकिन प्रतीकात्मक प्रदर्शन में लोगों ने शंख, घंटा और मंजीरे बजाए। उनका कहना था कि ये सब इसलिए किया जा रहा है ताकि “सरकार की नींद खुल सके” और सिहोरा को उसका हक मिल सके। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्होंने पहले ही जनप्रतिनिधियों और सरकार को चेतावनी दी थी। उनका कहना था कि अगर मांगों को नजरअंदाज किया गया, तो उन्हें वापस जबलपुर आना पड़ेगा। प्रशासन के हस्तक्षेप और ज्ञापन लेने के आश्वासन के बाद ही लोग शांत हुए और प्रदर्शन समाप्त किया गया।
पोस्टरों में याद दिलाए गए चुनावी वादे
रानीताल भाजपा कार्यालय की दीवारों पर जो पोस्टर चस्पा किए गए, उनमें भाजपा नेताओं के उन बयानों का उल्लेख था जो उन्होंने विधानसभा चुनाव 2023 के पहले सिहोरा में दिए थे।
10 नवंबर 2023 को शिवराज सिंह चौहान से ‘लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति’ ने फोन पर बात की थी। उन्होंने कहा था, "हमसे चूक हुई है, भाजपा को जिताएं, जीतते ही सिहोरा को जिला बनाएंगे।"
15 नवंबर 2023 को स्मृति ईरानी ने सिहोरा में चुनावी सभा में कहा था, "सिहोरा में एक ही मुद्दा है, जिला बनाने का। संतोष बरकड़े जीतेंगे तो हम सरकार से जिला बनवाने की दिशा में काम करेंगे।"
8 नवंबर 2023 को विधायक संतोष बरकड़े ने बाबा ताल मंदिर में कहा था, "यदि जनता ने आशीर्वाद दिया, तो मैं सिहोरा को जिला बनवाऊंगा।" प्रदर्शनकारियों ने सवाल उठाया कि अब इन बयानों का क्या हुआ? क्या यह सब जनता को गुमराह करने का तरीका था?
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5 प्वाइंट्स में समझें पूरी स्टोरीसिहोरा को जिला बनाने की मांग: सिहोरा के नागरिकों ने लंबे समय से चल रही मांग को लेकर अब गंभीर विरोध प्रदर्शन किया है। वे भाजपा द्वारा किए गए वादों पर सवाल उठाते हुए सिहोरा को जिला बनाने की मांग कर रहे हैं। विरोध प्रदर्शन और पोस्टर अभियान: प्रदर्शनकारियों ने भाजपा नेताओं के चुनावी वादों को याद दिलाने के लिए पोस्टर चिपकाए। इन पोस्टरों में 2023 के चुनावी वादों का उल्लेख था। शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी और संतोष बरकड़े ने सिहोरा को जिला बनाने का वादा किया था। वर्तमान स्थिति और इतिहास: सिहोरा को जिला बनाने का मुद्दा 2001 में शुरू हुआ था, लेकिन चुनावी आचार संहिता के कारण प्रक्रिया रुक गई थी। इसके बाद भाजपा ने लगातार चुनावों में यह वादा किया, लेकिन सत्ता में आते ही इसे नजरअंदाज कर दिया गया। अब लोग समझ चुके हैं कि जब तक दबाव नहीं बनेगा, तब तक यह मुद्दा नहीं सुलझेगा। प्रदर्शनकारियों का आक्रोश: सिहोरा के नागरिकों ने चेतावनी दी है कि वे अब सिर्फ प्रतीकात्मक प्रदर्शन नहीं करेंगे। यदि सरकार ने जल्द ठोस घोषणा नहीं की, तो आंदोलन को और बड़ा किया जाएगा। इस विरोध का चुनावी समीकरणों पर असर पड़ सकता है। आंदोलन की दिशा: सिहोरा के लोग अब ठान चुके हैं कि वे केवल भाषणों और वादों से संतुष्ट नहीं होंगे। उनका उद्देश्य सिहोरा को जिला बनवाकर ही दम लेना है, और वे इस बार किसी भी तरह के झांसे से बचने की तैयारी कर चुके हैं। |
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2023 में आचार संहिता के चलते रुकी मांग
आंदोलन से जुड़े अनिल जैन ने बताया कि सिहोरा को जिला बनाने की प्रक्रिया 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में शुरू हुई थी। 2003 में अंतिम अधिसूचना जारी होने वाली थी, लेकिन चुनावी आचार संहिता के कारण यह मामला रुक गया।
उसके बाद भाजपा की सरकार आई, लेकिन इस मुद्दे पर कभी गंभीरता नहीं दिखाई गई। कृष्ण कुमार कुरारिया का कहना है कि भाजपा ने हर लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सिहोरा को जिला बनाने का वादा किया, लेकिन सत्ता में आते ही इसे भूल गए। अब लोग समझ चुके हैं कि जब तक दबाव नहीं बनेगा, तब तक काम नहीं होगा।
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अब कोई झांसा नहीं चलेगा
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी कि यह आंदोलन अब सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं रहेगा। यदि सरकार ने जल्द ही स्पष्ट घोषणा नहीं की, तो आंदोलन का दायरा बढ़ाया जाएगा। रानीताल में दिखा यह विरोध, आने वाले समय में चुनावी समीकरणों को भी प्रभावित कर सकता है।
सिहोरावासियों ने दी सियासत कोचे तावनी
सिहोरा के लोग अब ठान चुके हैं कि इसे जिला बनवाकर ही दम लेंगे और इस बार वे सिर्फ भाषणों से संतुष्ट नहीं होने वाले। रानीताल भाजपा कार्यालय पर लगे पोस्टर अब सिर्फ दीवारों पर चिपके संदेश नहीं, बल्कि सत्ता के वादाखिलाफी का आईना बन गए हैं।
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