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INDORE. इंदौर स्थित तीर्थ गोपीकॉन कंपनी के प्रमुख महेश कुम्भानी जेल में हैं। मामला मप्र जल निगम के जल जीवन मिशन के 970 करोड़ के ठेके से जुड़ा है। वहीं ठेके के लिए 184 करोड़ की फर्जी बैंक गारंटी दी गई थी।
सीबीआई ने इस मामले में गौरव धाकड़, राहुल गुप्ता, फिरोज खान, गोविंद हांसदा व अन्य को भी आरोपी बनाया है। अब सीबीआई की एक रिपोर्ट में हैरी पॉटर का नाम सामने आया है। यह नाम जेके रोलिंग के नावेल पर आधारित फिल्म से जुड़ा है।
इस तरह आया हैरी पॉटर का किरदार
इस पूरे कांड में पश्चिम बंगाल में पीएनबी की बागुईहाटी शाखा अहम है। यहां से फर्जी बैंक गारंटी के सत्यापन का खेल हुआ है। इसके लिए आरोपी फिरोज खान ने बैंक के मिलते जुलते नाम वाले डोमेन बनवाए।
इससे मप्र शासन जल निगम को यहां से फर्जी बैंक गारंटी के सही होने के ईमेल भेजे जा सकें। इस डोमेन को बनाने के लिए गो डैडी और जोहो के प्लेटफॉर्म का उपयोग किया गया था।
वहीं, इन प्लेटफॉर्म पर डोमेन बनाने के लिए ईमेल आईडी मांगी गई। ऐसे में फिरोज खान ने इसके लिए फर्जी ईमेल आईडी बनाई थी। इसका नाम herrypotter8055@gmail.com रखा।
इस तरह जोहो और गो डैडी के प्लेटफॉर्म पर जाकर हैरी पॉटर के नाम का उपयोग किया गया। बैंक की फर्जी डोमेन वाली ईमेल आईडी बनाई गई। साथ ही, यहां से करोड़ों की बैंक गारंटी को सही बता दिया गया।
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184 करोड़ के खेल में किसकी क्या भूमिका
महेश कुम्भानी को सीबीआई ने इस मामले में गिरफ्तार किया है। कुम्भानी तीर्थ गोपीकॉन कंपनी के एमडी हैं। यह अभी जेल में हैं। जिला कोर्ट से जमानत खारिज हो चुकी है। इन गारंटी के जरिए 970 करोड़ का ठेका लिया गया था। साथ ही, 84 करोड़ काम के बदले में एडवांस भी सरकार से उठाया गया था।
गौरव धाकड़, जो जेल में बंद है, इंदौर के बिचौली मर्दाना का निवासी है। उसने राहुल गुप्ता से संपर्क किया था। इन दोनों ने तीन बैंक गारंटी की व्यवस्था की थी। इन्हें सही साबित करने का ठेका धाकड़ ने लिया था।
24 मार्च 2023 को ठेका होने के बाद तीर्थ गोपीकॉन ने अनुबंध कर गारंटी पेश की थी। जल निगम ने पीएनबी की बैंक आईडी पर गारंटी के सत्यापन के लिए मेल किए। इसके लिए यह मेल आईडी पीएनबी के मिलते जुलते डोमेन वाले थे।
इस दौरान 24 मार्च 2023 से 31 मई 2024 के बीच कुल 12 ईमेल की जांच हुई। इनमें बैंक गारंटी असली बताई गई। बैंक गारंटी के सत्यापन के लिए दस्तावेज बागुईहाटी शाखा में थे। यहां के वरिष्ठ प्रबंधक गोविंद चंद्र हांसदा ने ये दस्तावेज राहुल गुप्ता को दिए। फिर राहुल ने झूठे सत्यापन भेजने की व्यवस्था की।
इसके लिए राहुल गुप्ता के खाते से हांसदा को 7.65 लाख ट्रांसफर हुए। इसके अलावा, राकेश जागीरदार के खाते से 1 लाख गोविंद के खाते में ट्रांसफर हुआ। राकेश राऊ, इंदौर का निवासी है।
ऐसे किया गया बैंक गारंटी का सत्यापन
धाकड़ ने दो बैंक गारंटी सत्यापित करने की जिम्मेदारी ली थी। बाकी गारंटी का सत्यापन तीर्थ गोपीकॉन ने किया था। इसके लिए उसने सीधे गुप्ता से संपर्क किया था। इस दौरान धाकड़ भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद था।
तीसरी बैंक गारंटी के सत्यापन के लिए तीर्थ गोपीकॉन के खाते से 1 करोड़ रुपए गुप्ता को भेजे थे। स्मार्ट सिटी इंदौर और राजस्थान अक्षय ऊर्जा निगम के लिए भी फर्जी गारंटी सत्यापन किया गया।
राकेश जागीरदार पिता कैलाश, किबे कॉलोनी राऊ, इंदौर इस केस में आरोपी है। बताया जाता है कि वह फ्रीलांसर है जो टेंडर कोटेशन लेने का काम करता है। इस केस में वह राहुल गुप्ता से जुड़ा था। साथ ही, गारंटी सत्यापन का काम करवा रहा था।
इंदौर में 454 करोड़ का सौदा कर चुका गोपीकॉन
तीर्थ गोपीकॉन कंपनी इंदौर स्मार्ट सिटी से करोड़ों के टेंडर फर्जी बैंक गारंटी के जरिए ले चुकी है। यह बात सीबीआई की रिपोर्ट में लिखी है। इसके साथ ही कुछ माह पहले इसने कुक्कुट केंद्र की जमीन का 454 करोड़ में सौदा किया था।
इस सौदे के जरिए इसकी कोशिश थी कि कंपनी के शेयर बाजार में कीमत बढ़े। इसके लिए प्रचार किया गया कि इस सौदे से कंपनी को 1600 करोड़ से ज्यादा की कमाई होगी। वहीं, सौदे की तय शर्तों के विपरीत इसने जमीन की कीमत की पहली किश्त तक नहीं दी।
वहीं द सूत्र ने सीबीआई की रिपोर्ट का खुलासा कर दिया कि कंपनी फर्जी बैंक गारंटी दे रही है। इसके बाद स्मार्ट सिटी बोर्ड ने यह सौदा ही रद्द कर दिया। कुम्भानी खुद जेल में हैं। कंपनी उसके इस सौदे के रद्द होने को रोकने के लिए कोर्ट गई है। साथ ही जमानत के लिए भी याचिका लगाई है।
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