मप्र : निजी वाहन मालिकों पर 2500 करोड़ बकाया, फिर भी परिवहन विभाग की रफ्तार पहली गियर में

मध्यप्रदेश में परिवहन विभाग की सुस्ती से राजस्व वसूली बुरी तरह प्रभावित है। निजी वाहन मालिकों पर ढाई हजार करोड़ बकाया, पर विशेष अभियान में सिर्फ दो करोड़ ही वसूले गए।

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Ravi Awasthi
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Photograph: (The Sootr)

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Bhopal. राजस्व जुटाने में पहले ही बुरी तरह पिछड़ा मध्य प्रदेश परिवहन विभाग इस मामले में अब भी सुस्त बना हुआ है। विशेष वसूली अभियान में विभागीय अफसर बुमिश्कल दो करोड़ रुपए ही जुटा सके। वहीं, निजी वाहन मालिकों पर ही सरकार की करीब ढाई हजार करोड़ की लेनदारी बकाया है।

महज दो करोड़ की वसूली से संतोष 

राज्य के सरकारी खजाने को भरने में परिवहन विभाग अहम भूमिका अदा करता है, लेकिन इसी माह के शुरुआत में हुई राजस्व समीक्षा में परिवहन विभाग की निराशाजनक स्थिति सामने आई।

 विभाग ने बीते माह तक ही करीब ढाई हजार करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था, लेकिन यह आंकड़ा करीब 19 सौ करोड़ तक ही पहुंच सका। इस तरह विभाग के राजस्व संग्रह लक्ष्य में करीब 25 फीसद की कमी पाई गई।

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सिर्फ 4 संभागों में लेनदारी ढाई हजार करोड़

समीक्षा बैठक में किरकिरी होने पर विभाग ने विशेष वसूली अभियान चलाया। इसके तहत विभागीय अमले ने 102 निजी वाहन जब्त कर करीब दो करोड़ रुपए की वसूली की।

हैरत की बात यह कि जून 2025 की स्थिति में ही सिर्फ 4 संभागों में निजी वाहनों पर  टैक्स के करीब ढाई हजार करोड़ रुपए बकाया है।

इनमें दो हजार करोड़ रुपए से अधिक कर की वसूली भारी यानी मालवाहक वाहनों से होनी है। जबकि 425 करोड़ रुपए से अधिक राशि यात्री वाहनों के लिए वसूली जानी है।  

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इंदौर में 12 हजार से अधिक वाहन

कर बकाया वाले वाहनों की संख्या हजारों में है। सिर्फ चार संभाग इंदौर,जबलपुर,ग्वालियर व भोपाल में ही इन वाहनों की संख्या 34,523 है। इन पर बीते दस माह से 2,474 करोड़ का कर बकाया है,लेकिन विभाग की इनके मालिकों से वसूली में कोई विशेष रुचि नहीं है।

सूत्रों के मुताबिक,इंदौर शहर में ही करीब 12 हजार ऐसे वाहन हैं, जिन पर कर की बड़ी रकम बकाया है। इसी तरह शहर भोपाल में 4042, जबलपुर में 3,851 व ग्वालियर में 3316 वाहनों पर कर की राशि वसूली जाना है।

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बीसीएलएल ने भी लगाया करोड़ो का चूना

भोपाल,इंदौर समेत प्रदेश के चारों प्रमुख महानगरों में यात्री परिवहन सेवा देने वाली कंपनी बीसीएलएल ने भी परिवहन विभाग को करोड़ो रुपए की चपत लगाई। 
स्थानीय निकायों के सहयोग से बीसीएलएल ने चंद साल पहले ही परिवहन सेवा शुरू की। इस साल के शुरुआत तक ही कंपनी पर करोड़ों रुपए का कर बकाया है। सिर्फ इंदौर में ही यह राशि 19 करोड़ से अधिक है। 

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ऑफ रोड परिवहन ने बढ़ाई मुश्किलें

बकाया वसूली को लेकर परिवहन उपायुक्त किरन कुमार शर्मा कहते हैं-बकाया वसूली के लिए विभाग ने गत 20 सितंबर से 5 अक्टूबर तक विशेष वसूली अभियान चलाकर 2 करोड़ 9 लाख रुपए वसूले। उन्होंने कहा कि कई वाहन ऐसे हैं, जो मार्गों पर नहीं चल रहे हैं। विभाग के पास मैदानी अमला भी कम है। 

वहीं,परिवहन सचिव मनीष सिंह ने कहा - सिटी लिंक बसों से वसूली के लिए शासन स्तर पर पत्राचार निरंतर जारी है। इंदौर समेत कुछ शहरों में बीसीएलएल बसों का संचालन बीच के कुछ वर्षों में बंद भी रहा, लेकिन इसकी सूचना संबंधित कंपनी व निकायों ने परिवहन विभाग को नहीं दी। ऐसे मामलों में निराकरण के प्रयास जारी हैं। 

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