BHOPAL. मध्य प्रदेश सरकार ने तुर्किए की ड्रोन निर्माण कंपनी “असिस गार्ड” की भूमिका की गहन जांच के आदेश जारी किए हैं। यह कार्रवाई भारत विरोधी गतिविधियों में कंपनी द्वारा निर्मित ड्रोन के इस्तेमाल के आरोपों के बीच आई है।
मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने स्पष्ट किया है कि भारत के सम्मान, सुरक्षा और आत्मगौरव के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा, “जो भी भारत की संप्रभुता के खिलाफ खड़ा होगा, चाहे कोई भी हो, उसके साथ किसी भी प्रकार की सहानुभूति या सहयोग असहनीय है।”
असिस कंपनी पर यह है आरोप
तुर्किए की इस कंपनी द्वारा हाल ही में पाकिस्तान को ड्रोन सप्लाई करने की बात सामने आई है। इन ड्रोन का इस्तेमाल भारत विरोधी गतिविधियों में हुआ। इस आरोप से भारत और तुर्की के बीच तनाव बढ़ गया है।
दिलचस्प बात यह है कि असिस कंपनी को भोपाल और इंदौर की मेट्रो परियोजनाओं में डिजिटल टिकटिंग सिस्टम का काम करने का ठेका मिला है। ऐसे में मध्य प्रदेश सरकार ने इस कंपनी की जांच के लिए अधिकारियों को गहन और निष्पक्ष जांच का निर्देश दिया है।
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कैलाश विजयवर्गीय का स्पष्ट संदेश
कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, “अगर जांच में साबित हुआ कि कंपनी का किसी भी तरह का भारत विरोधी तत्वों से संबंध है या इसके उत्पादों का दुरुपयोग हुआ है, तो इसका अनुबंध तुरंत समाप्त कर दिया जाएगा।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत के आत्मगौरव के साथ किसी भी तरह का समझौता स्वीकार्य नहीं है और राष्ट्रहित सर्वोपरि है।
पाकिस्तान ने किए थे नाकाम ड्रोन हमले
पिछले कुछ दिनों में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत आतंकवादियों के ठिकानों पर सटीक कार्रवाई की थी। इसी दौरान पाकिस्तानी ड्रोन और मिसाइल हमलों को भी नाकाम किया गया। इस बीच, आरोप हैं कि तुर्किए की असिस कंपनी के ड्रोन इन हमलों में इस्तेमाल हुए।
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कंपनी को मिला है डिजिटल टिकटिंग का काम
भोपाल-इंदौर मेट्रो परियोजना में इस कंपनी को डिजिटल टिकटिंग प्रणाली स्थापित करने का जिम्मा दिया गया है, जिसमें मेट्रो कार्ड से लेकर टिकट काटने और मेट्रो गेट कंट्रोल तक सभी तकनीकी काम शामिल हैं।
तुर्की की कंपनी असिस (Assis) को भोपाल और इंदौर के साथ-साथ आगरा मेट्रो में भी डिजिटल टिकटिंग सिस्टम लगाने का ठेका मिला है। इस कंपनी की मूल कंपनी असिस गार्ड (Assis Guard) हथियार निर्माण और सप्लाई का काम करती है।
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8-9 मई 2025 की रात पाकिस्तान ने इसी कंपनी द्वारा बनाए गए सोनार ड्रोन का इस्तेमाल भारत के भीतर हमले के लिए किया था। भारतीय सेना ने इस हमले की जानकारी सार्वजनिक करते हुए प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस तथ्य को स्वीकार किया था।
सुरक्षा और डेटा प्राइवेसी पर खतरा
डिजिटल टिकटिंग सिस्टम के माध्यम से यह कंपनी न केवल टिकट काटने का काम करेगी, बल्कि मेट्रो में यात्रियों के आने-जाने के दरवाजों का नियंत्रण भी उसके पास होगा।
यह सिस्टम नागरिकों के डेटा, यात्रा पैटर्न, भुगतान विधियों और अन्य तकनीकी नियंत्रण को नियंत्रित करता है। ऐसे में यह बात चिंताजनक है कि एक विदेशी कंपनी, जो दुश्मन देश से जुड़ी है, के हाथ में इतनी संवेदनशील जानकारी आ रही है।