छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकासखंड स्थित दलेलढाना गांव में डिप्थीरिया (गलघोंटू) बीमारी के कारण दो बच्चों की दुखद मौत हो गई। यह घटना गांव में स्वास्थ्य संकट को और बढ़ाती हुई सामने आई, जहां पहले भी इस बीमारी के मामले रिपोर्ट किए जा चुके हैं। इसबार एक ही परिवार के चार बच्चों में गलघोंटू बीमारी की पुष्टि स्वास्थ्य विभाग ने की है। दोनों गंभीर पीड़ित बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नागपुर से एंटीवायरस इंजेक्शन मंगवाए हैै।
जिंदगी और मौत से जंग कर रहे दो मासूम
शनिवार को छिंदवाड़ा के तामिया विकासखंड के दलेलढ़ाना गांव में चार बच्चों को गला घुटने और सांस लेने में तकलीफ हुई। इनमें छह वर्षीय मासूम की घर पर ही मौत हो गई। आठ साल के सुमित ने अस्पताल में दम तोड़ा। 14 वर्षीय सपना काकोड़िया और 10 साल का अंगित अस्पताल में जिंदगी और मौत से जूझ रहे हैं। चिकित्सकों की विशेष टीम इन दोनों बच्चों की निगरानी कर रही है।
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इंजेक्शन के बाद भी हालत नाजुक
छिंदवाड़ा के जिला अस्पताल के आईसीयू में भर्ती दोनों बच्चों की हालत कापफी नाजुक बताई जा रही है। इनका उपचार कर रहे चाइल्ड स्पेशलिष्ट डाॅ पवन नंदूलकर के अनुसार दोनों बच्चों को नागपुर से मंगवाए गए विशेष डिप्थीरिया इंजेक्शन लगाए गए है। इन इंजेक्शनों के बाद बच्चों की हालत में आंशिक सुधार हुआ है, लेकिन वे अभी भी खतरें से बाहर नहीं हुए है। बच्चों की हालत पर स्वास्थ्य विभाग की विशेष टीम लगातार नजर बनाए हुए है।
सांसद बंटी साहू ने किया अस्पताल का दौरा
घटना की जानकारी मिलते ही छिंदवाड़ा के सांसद विवेक बंटी साहू अस्पताल पहुंचे और उन्होंने बच्चों के इलाज की जानकारी ली। सांसद ने अस्पताल प्रबंधन को बेहतर इलाज सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। सांसद के दौरे ने स्थानीय लोगों में एक सुकून की लहर दी, क्योंकि इससे उन्हें यह विश्वास हुआ कि प्रशासन इस मुद्दे पर गंभीर है।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय
स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए तामिया विकासखंड के दलेलढाना गांव में एक और स्वास्थ्य टीम भेजी। इस टीम ने गांव के सभी बच्चों की जांच की और टीकाकरण सुनिश्चित किया। राहत की बात यह रही कि अब तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
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क्या है डिप्थीरिया बीमारी
डिप्थीरिया एक संक्रामक रोग है, जो बैक्टीरिया के कारण होती है। यह मुख्य रूप से गले, नाक और श्वसन नलिका को प्रभावित करती है। इसके लक्षणों में गले में सूजन, बुखार, सांस लेने में कठिनाई और गले में दर्द शामिल हैं। अगर इसका समय रहते इलाज न किया जाए, तो यह मृत्यु का कारण भी बन सकता है।
स्वास्थ्य विभाग की टीमें सक्रिय
स्वास्थ्य विभाग ने इस बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए तामिया विकासखंड के दलेलढाना गांव में एक और स्वास्थ्य टीम भेजी। इस टीम ने गांव के सभी बच्चों की जांच की और टीकाकरण सुनिश्चित किया। राहत की बात यह रही कि अब तक कोई नया मामला सामने नहीं आया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि डिप्थीरिया जैसी बीमारियां, बच्चों को तब चपेट में लेती हैं जब टीकाकरण की कमी होती है। यह स्थिति न केवल गांव में जागरूकता की कमी को दर्शाती है, बल्कि यह स्वास्थ्य विभाग की ओर से प्राथमिक स्तर पर की गई चूक का भी परिणाम हो सकता है।
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