बाबा महाकाल नगरी में होगा वन्यजीवों का नया संसार, उज्जैन में आकार लेगा चिड़ियाघर

उज्जैन में मध्यप्रदेश का पांचवां चिड़ियाघर बनेगा। इसमें सफारी, रेस्क्यू सेंटर और विदेशी प्रजातियां होंगी। यह वन्यजीव प्रेमियों के लिए नया आकर्षण होगा।

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Ravi Kant Dixit
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धर्म और अध्यात्म की नगरी उज्जैन में अब वन्यजीवों का भी संसार होगा। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव के गृह नगर उज्जैन में चिड़ियाघर (जू) बनाया जाएगा। यह सूबे का पांचवां चिड़ियाघर होगा। 150 हेक्टेयर क्षेत्र में इसका निर्माण होगा। यहां रेस्क्यू सेंटर के साथ सफारी भी होगी। वन विभाग ने उज्जैन-मक्सी रोड पर नौलक्खी क्षेत्र में इस चिड़ियाघर के लिए जमीन चुन ली है। पहले यहां ईको-टूरिज्म पार्क विकसित किया गया था, जिसे अब चिड़ियाघर के रूप में विस्तारित किया जाएगा।

जानकारी के मुताबिक, जू के लिए अभी विस्तृत सर्वे किया जा रहा है। वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के विशेषज्ञ यहां की भौगोलिक स्थिति, जल प्रवाह और अन्य तकनीकी पहलुओं को जांच रहे हैं। इस प्रोजेक्ट में वही विशेषज्ञ शामिल किए गए हैं, जिन्होंने मुकुंदपुर चिड़ियाघर का निर्माण किया था। उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट यानी DPR तैयार कर सेंट्रल जू अथॉरिटी (सीजेडए) को भेजी जाएगी। 

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डोनेशन में मिलेंगे वन्य जीव 

वन्य जीव संरक्षण नियमों के तहत जानवरों की खरीद-फरोख्त नहीं की जा सकती, इसलिए चिड़ियाघर में अन्य राज्यों के चिड़ियाघरों से दान स्वरूप (डोनेशन) में जानवर लाए जाएंगे। इसके अलावा, इस चिड़ियाघर में विदेशी प्रजातियों के जीव भी होंगे, जिससे पर्यटकों को शानदार अनुभव मिलेगा। यह चिड़ियाघर वन्यजीव प्रेमियों और पर्यावरणविदों के लिए नई पहचान स्थापित करेगा।

भव्य सफारी होगी मुख्य आकर्षण

इस चिड़ियाघर में पारंपरिक पिंजरों के साथ विशेष सफारी रूट भी विकसित किए जाएंगे, जिससे पर्यटक खुली जीप में बैठकर वन्यजीवों को प्राकृतिक वातावरण में देख सकेंगे। यह मॉडल मुकुंदपुर सफारी की तर्ज पर विकसित किया जाएगा, जहां पहले से ही सफेद बाघों की सफारी चलाई जा रही है। अफसरों के अनुसार, अगले एक महीने में सर्वे पूरा होने की उम्मीद है। इसके बाद निर्माण शुरू किया जाएगा। 

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जबलपुर में भी बन सकता है चिड़ियाघर

इधर, वन विभाग जबलपुर में भी चिड़ियाघर बनाने की दिशा में काम कर रहा है। पहले भेड़ाघाट के पास खैरी में जगह चुनी गई थी, लेकिन वहां निर्माण नहीं हो सका। अब मदन महल पहाड़ी के पास नई जगह देखी गई है। माना जा रहा है कि इसके पॉजिटिव रिल्ट सामने आएंगे। यदि जबलपुर में भी जू बना तो यह प्रदेश का छठवां चिड़ियाघर होगा।  

कारोबार और रोजगार के बढ़ेंगे मौके

अभी मध्यप्रदेश में वन विहार राष्ट्रीय उद्यान (भोपाल), मुकुंदपुर सफारी (रीवा), इंदौर चिड़ियाघर और ग्वालियर चिड़ियाघर है। उज्जैन में चिड़ियाघर बनने से बाबा महाकाल के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालु और सैलानी वन्यजीवों को भी देख सकेंगे। इससे स्थानीय व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।  

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सफेद बाघों का कुनबा बढ़ने का अनुमान

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश टाइगर स्टेट, लेपर्ड स्टेट और चीता स्टेट के रूप में पहचाना जाता है। इसी कड़ी में अब रीवा जिले के गोविंदगढ़ में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर बनाने का निर्णय लिया गया है। मुकुंदपुर स्थित महाराजा मार्तंड सिंह जूदेव व्हाइट टाइगर सफारी और चिड़ियाघर के संशोधित मास्टर प्लान के तहत गोविंदगढ़ में सेटेलाइट फैसिलिटी के रूप में व्हाइट टाइगर ब्रीडिंग सेंटर की स्थापना का प्रस्ताव रखा गया था। इस प्रस्ताव को केन्द्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की विशेषज्ञ समिति ने तकनीकी समिति की अनुशंसा पर मंजूरी दे दी है।

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