मध्य प्रदेश के सागर जिले में पांच दबंगों ने एक दलित शख्स को मार-मारकर घायल कर दिया। अस्पताल ले जाने के दौरान शख्स की मौत हो गई। चाचा का शव लेकर जा रही भतीजी बीच रास्ते में एंबुलेंस से गिर गई। एंबुलेंस से गिरने पर उसकी भी मौत हो गई। बीते साल अगस्त में मृतिका के भाई को बदमाशों ने सरेआम मौत के घाट उतार दिया था। अब इस मामले को लेकर पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।
दो समूहों के बीच झड़प में हुई मौत
पुलिस सूत्रों ने बताया कि अंजना के चाचा राजेंद्र अहिरवार की शनिवार रात कुछ लोगों ने पुरानी दुश्मनी को लेकर पीट-पीटकर हत्या कर दी। एएसपी लोकेश सिन्हा ने कहा कि 24 वर्षीय राजेंद्र अहिरवार की खुरई पुलिस थाने के अंतर्गत दो समूहों के बीच झड़प हो गई थी, जिसमें घायल होने की वजह से उसकी मौत हो गई।
दिग्विजय सिंह ने किया था धरना
अंजना अहिरवार ने आरोप लगाया था कि उनके भाई नितिन अहिरवार उर्फ लालू की 24 अगस्त, 2023 को कुछ लोगों ने हत्या कर दी थी, जो उन्हें परेशान करते थे, जिसके बाद कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने बरोदिया नोनागिर गांव में धरना दिया था।
शव ले जा रही भतीजी की एम्बुलेंस से गिरकर मौत
एएसपी ने कहा कि अंजना सागर में पोस्टमॉर्टम के बाद राजेंद्र अहिरवार का शव एम्बुलेंस से अपने गांव ले जा रही थी। बीच रास्ते में वह एंबुलेंस से गिर गई। एम्बुलेंस से गिरने के बाद उसकी मौत हो गईं। उनके परिवार के सदस्य शव के साथ थे। यह पूछे जाने पर कि क्या पुराने मामले में समझौते के दबाव के कारण राजेंद्र अहिरवार की हत्या की गई। इसपर उन्होंने कहा कि जांच के दौरान सभी तथ्य सामने आ जाएंगे।
बीते साल भाई को पीट-पीटकर मार डाला
पिछले अगस्त में सागर जिले में पुरानी दुश्मनी को लेकर लोगों के एक समूह ने नितिन अहिरवार की कथित तौर पर पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। उनकी मृत्यु के बाद अंजना अहिरवार ने एक एफआईआर दर्ज कराई कि उनके भाई की हत्या कर दी गई क्योंकि कुछ लोग उत्पीड़न मामले में समझौते के लिए उन पर दबाव डाल रहे थे। अब इस मामले को लेकर जीतू पटवारी ने सरकार पर सवाल उठाए हैं।
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जीतू पटवारी ने प्रशासन पर उठाए सवाल
इस घटना को लेकर पीसीसी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी सरकार को निशाने पर लेते हुए एक पोस्ट किया है।
पटवारी ने एक्स पर पोस्ट कर घटना को याद कराते हुए लिखा कि रंजिश और जघन्य हत्या की यह कहानी सिर्फ इसलिए बताई गई, ताकि आपको एहसास हो सके कि प्रदेश की कानून व्यवस्था अराजकता के सारे पड़ाव पार कर चुकी है! क्या मध्यप्रदेश में अब दलित होना गुनाह हो गया है? आदिवासी अत्याचारों में अव्वल आ रहा प्रदेश, क्या दलित उत्पीड़न में भी मिसाल बनना चाहता है? यह संकट अकेले सागर नहीं, प्रदेश के हर जिले का हो गया है! मजाक बन चुकी कानून व्यवस्था अपराधियों के हौसलों को बढ़ावा दे रही है! सरकार भी खामोश है!
• सागर जिले की खुरई विधानसभा के बरोदिया नोनागिर गांव में राजेन्द्र अहिरवार नामक युवक पर राजीनामा करने के दबाव में पांच लोगों द्वारा हमला किया जाता है!
— Jitendra (Jitu) Patwari (@jitupatwari) May 26, 2024
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