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Photograph: (the sootr)
BHOPAL. नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने साफ कहा कि आज अधिकतर राज्यों की बजटीय स्थिति बेहद कमजोर हो चुकी है। चुनावी मजबूरियों और राजनीतिक दबाव में की गई घोषणाओं ने सरकारी खजाने पर सीधा असर डाला है। इसी कारण राज्यों को अब पहले से ज्यादा केंद्र सरकार की ओर देखना पड़ रहा है।
क्षेत्रीय बैठक में उठे अहम सवाल
विजयवर्गीय यह बात केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्रालय के तहत आयोजित शहरी विकास मंत्रियों की क्षेत्रीय बैठक में कही। उत्तर और मध्य भारत के राज्यों की यह बैठक कुशाभाऊ ठाकरे कन्वेंशन सेंटर में आयोजित की गई। बैठक का फोकस शहरी विकास, वित्तीय संसाधन और भविष्य की रणनीति पर रहा।
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आत्मनिर्भर नगर निगम ही समाधान
विजयवर्गीय ने कहा कि अब समय आ गया है कि शहर खुद ड्राइविंग सीट पर बैठें। नगर निगमों को अपने आसपास के क्षेत्रों के विकास की जिम्मेदारी लेनी होगी। उन्होंने माना कि राज्य सरकारें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में आगे बढ़ रही हैं, लेकिन चुनावी वादों के कारण राजनीतिक दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है।
केंद्र से उम्मीद, लेकिन सीमाएं भी
उन्होंने कहा कि केंद्र से जितनी बजटीय मदद की उम्मीद रहती है, वह हमेशा पूरी नहीं हो पाती। मध्यप्रदेश का उदाहरण देते हुए उन्होंने अमृत योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना में केंद्र से और अधिक सहयोग की आवश्यकता पर जोर दिया।
आय का अंतर घटे बिना आत्मनिर्भर भारत संभव नहीं
केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का रास्ता आय की असमानता कम किए बिना नहीं निकलता। केंद्र और राज्य सरकारों के साझा प्रयास से ही यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। राज्यों को खुद को आर्थिक रूप से मजबूत बनाना होगा।
शहरीकरण तेजी से बढ़ा, तस्वीर 2026 के बाद साफ होगी
केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बताया कि अनुमान के मुताबिक देश का करीब 40 प्रतिशत क्षेत्र शहरी हो चुका है। हालांकि, वास्तविक आंकड़े जनगणना 2026 के बाद सामने आएंगे। उन्होंने स्पष्ट किया कि कॉलोनाइजेशन और भूमि प्रबंधन राज्य सरकारों का विषय है, जबकि केंद्र की भूमिका सहयोगी की रहती है।
2047 का विजन और विकसित भारत का अर्थ
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2047 तक विकसित और आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लिया है। विकसित भारत का मतलब केवल इमारतें नहीं, बल्कि हर नागरिक की बुनियादी जरूरतों की पूर्ति है। आत्मनिर्भरता तभी संभव है, जब आय का अंतर कम किया जाए।
केंद्र का बजट सीमित, खर्च में राज्यों की जिम्मेदारी
केंद्रीय मंत्री ने यह भी बताया कि केंद्र सरकार का बजट सीमित होता है। कई राज्यों में आवंटित राशि समय पर खर्च नहीं हो पाती। ऐसे में जब अन्य राज्यों से मांग आती है, तो बची हुई राशि का पुनर्वितरण किया जाता है।
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इन राज्यों की रही भागीदारी
इस क्षेत्रीय बैठक में छत्तीसगढ़, दिल्ली, राजस्थान और उत्तर प्रदेश के शहरी विकास मंत्री, राज्यमंत्री और केंद्र व राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए।
स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26 की कार्यदिशा जारी
बैठक के दौरान स्वच्छ सर्वेक्षण 2025-26 की कार्य-दिशा पुस्तिका का विमोचन भी किया गया। यह पुस्तिका स्वच्छता, स्थायित्व और नागरिक-केंद्रित शहरी प्रशासन को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम मानी जा रही है।
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