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Photograph: (THESOOTR)
अविनाश नामदेव@VIDISHA.
विदिशा नगर पालिका में कमीशन के आरोपों के बीच सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो ने खलबली मचा दी है। नगर पालिका के प्रभारी अध्यक्ष और एक ठेकेदार के बीच इस कथित ऑडियो में बिल भुगतान पर कमीशन के लेनदेन की चर्चा हो रही है।
ऑडियो के वायरल होते ही पहले ठेकेदार और फिर प्रभारी अध्यक्ष पुलिस के पास पहुंच गए। दोनों ने इस ऑडियो को एआई जनरेटेड और उन्हें बदनाम करने की साजिश बताया है। ऑडियो एआई जनरेटेड है या नहीं फिलहाल पुलिस इसकी जांच कर रही है, लेकिन इसने एक बार फिर नगर पालिका में कमीशन वसूली के आरोपों को ताजा कर दिया है।
आपसी कलह से हो रही खटपट
विदिशा पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान का गढ़ और लोकसभा क्षेत्र है। यहां नगर पालिका से लेकर जनपद पंचायत तक हर एक सरकारी संस्था पर बीजेपी नेता काबिज हैं। वैसे तो ये सभी शिवराज सिंह के झंडाबरदार है, लेकिन सीएम की कुर्सी छोड़ने के बाद अब इनमें भी खटपट शुरू हो गई है।
नगर पालिका अध्यक्ष प्रीति शर्मा को इसी वजह से अपने अधिकार उपाध्यक्ष संजय दिवाकीर्ति को सौंपने पड़े थे। नपाध्यक्ष प्रीति शर्मा अपनी ही पार्टी के पार्षद और नेताओं के आरोपों में घिर गई थीं। पार्टी के लोग ही निर्माण कार्यों में कमीशन वसूली के आरोप लगा रहे थे। सोशल मीडिया पर वायरल ऑडियो ने एक बार फिर नगर पालिका में कमीशन वसूली की होड़ को चर्चा में ला दिया है।
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अध्यक्ष-ठेकेदार दोनों ने बताया फर्जी
सोशल मीडिया पर कमीशन विवाद का ऑडियो वायरल होने के बाद प्रभारी नपाध्यक्ष संजय दिवाकीर्ति और ठेकेदार राजेश शर्मा ने पुलिस से शिकायत की है। दोनों ने अलग-अलग जाकर विदिशा पुलिस से शिकायत करते हुए इस ऑडियो को फेक बताया है। उनका कहना है उनकी छवि को धूमिल करने के लिए ऑडियो एआई से बनाया गया है।
वहीं एएसपी प्रशांत चौबे का कहना है दोनों की शिकायत के बाद ऑडियो की जांच कराई जा रही है। यह पता लगाने के प्रयास भी जारी हैं आखिर इसे किसने वायरल किया है। प्रभारी अध्यक्ष इस ऑडियो को एआई जनरेटेड बता रहे हैं।
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ऑडियो में कमीशन वसूली की चर्चा
सोशल मीडिया पर जिस ऑडियो को वायरल किया गया है अभी उसकी असली या फेक होने की पुष्टि नहीं हुई है। इस ऑडियो में निर्माण कार्य के बिल के भुगतान के बदले कमीशन को लेकर बात हो रही है। निर्माण कार्य के 11 लाख रुपए के बिल के भुगतान के बदले में पांच से सात प्रतिशत कमीशन की चर्चा हो रही है।
एक आवाज प्रभारी अध्यक्ष जबकि दूसरी ठेकेदार की बताई जा रही है। इस ऑडियो में इस काम के बदले में 50 हजार का कमीशन मिलने की स्वीकारोक्ति भी है। बातचीत के अंत में ठेकेदार से किसी दूसरे बिल के भुगतान के 20 हजार भी मांगे जा रहे हैं। इसी ऑडियो में ठेकेदार नगर पालिका की कमीशनखोरी से परेशानी की बात भी कर रहा है।
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वायरल वीडियो के अंश...
ठेकेदार : आपकी जो बात थी आपने पराग से क्लीयर क्यों नहीं बोली
प्रभारी अध्यक्ष : पराग से हम कह तो रहे हैं, वो हर बात में हां कर देता है
ठेकेदार : वो कह रहा है कि 8% की कह रहे हैं।
प्रभारी अध्यक्ष : हां, तो क्या गलत कह रहे हैं
ठेकेदार : भाई साब 8% बहुत हो जाता है
प्रभारी अध्यक्ष : जब अध्यक्ष को नहीं देना, जब नीरज को 10% देता था तब अच्छा लगता था
ठेकेदार : नहीं दिए, कौन कह रहा है
प्रभारी अध्यक्ष : मुझे पता है, मेरे सामने दिए हैं ना
ठेकेदार : नहीं, नहीं दिए, 10% पराग जिंदगी में नहीं दे सकता
प्रभारी अध्यक्ष : अरे सब दिए हैं
ठेकेदार : अरे वही हम आप लोगों से कह रहे हैं सब बैठ जाओ, थोड़ी बात हो जाए
प्रभारी अध्यक्ष : अरे यार ये बताओ पार्षद को 5 दोगे कि नहीं दोगे, उपाध्यक्ष को 2 दोगे या नहीं दोगे
ठेकेदार : 2 भाई साब बहुत हो जाते हैं उपाध्यक्ष को
प्रभारी अध्यक्ष : तो कितने लेगा उपाध्यक्ष, खुद के वार्ड में
ठेकेदार : उपाध्यक्ष को सेट करना पड़ेगा 1 परसेंट और पार्षद को सेट करना पड़ेगा 3 परसेंट
प्रभारी अध्यक्ष : भाई साब सब वार्ड से मिल रहे हो तो 1 परसेंट पर बात करें, हम तो हमारे वार्ड से ले रहे हैं, पूरे शहर से तो ले नहीं रहे
ठेकेदार : नहीं, नहीं पूरे शहर से मिलेगा न आपको
प्रभारी अध्यक्ष : तो कोई देने तो तैयार हो
ठेकेदार : ऐसे कैसे नहीं देगा, वही तो कह रहे हैं, व्यवस्था बनाओ न कि ठेकेदार से, नहीं मिल रहा तो वा कि साइट पर जाकर चैक करो, क्या काम चल रहा है।
प्रभारी अध्यक्ष : तुम पराग से बोल देना कि 7 परसेंट चाचा को देना पड़ेगा
ठेकेदार : 7 परसेंट
प्रभारी अध्यक्ष : हां, एक बार तुम कह देना
ठेकेदार : मैंने उससे अभी भी कही थी, वो 8 कि बोल रहा था मैंने कहा तुम चाचा को 7 परसेंट दे देना, उन्हें 5 परसेंट पार्षदी के देना है और 2 परसेंट उपाध्यक्ष के देना
प्रभारी अध्यक्ष : हम एक्स्ट्रा तो मांग नहीं रहे
ठेकेदार : हमने भी कह दी, आपके वार्ड में काम करेंगे तो आपको 7 परसेंट देंगे।
अध्यक्ष :वो थोड़ा हल्का काम करेंगे तो हम सहन कर लेंगे।
ठेकेदार: नहीं, हल्का काम भी नहीं करेंगे, रोड वाला काम हल्का नहीं कर पाते
अध्यक्ष: आरे यार मान लो तुमने बेस 4 इंच का डाल दिया तो कह कुछ कहेंगे क्या।
ठेकेदार: हां, वही एक कमाई है। सीमेंट ही बच जाता है उसमें।
अध्यक्ष: हम कुछ कह रहे क्या, हम तो इंजिनियर से कहेंगे कि चलो काम निपट रहा है।
ठेकेदार: हम तो आपके वार्ड में काम करेंगे तो बराबर देंगे।
अध्यक्ष: पराग को बोल देना, चाचा को कहना न पड़े तुमसे।
ठेकेदार: आपने बोली थी उससे
अध्यक्ष :हम बोल चुके, 8 परसेंट बोल चुके उससे।
ठेकेदार: क्या कह रहा है।
अध्यक्ष: हओ,हओ,हओ करता है वो तो।
ठेकेदार: हमने तो कहा था पराग से, अपन धंधा कर रहे हैं और वो अपनी व्यवस्था बना रहे हैं, इसमें कोई बुराई नहीं है, कोई और होता तो उसे भी तो देना ही पड़ता।
विधायक भी आए सामने
नगर पालिका के प्रभारी अध्यक्ष और ठेकेदार के बीच कमीशन के कथित ऑडियो के मामले में विदिशा से बीजेपी विधायक मुकेश टंडन भी सामने आए हैं। उन्होंने कहा जब वे नगर पालिका अध्यक्ष थे तब हर निर्माण का सोशल ऑडिट कराते थे। एक भी निर्माण का भुगतान सोशल ऑडिट के बिना नहीं कराया। विदिशा नगर पालिका को भी हर निर्माण और भुगतान का सोशल ऑडिट कराना चाहिए। मीडिया से बातचीत में उनके लहजे में भी बीजेपी नेताओं की अनबन साफ झलक रही थी।
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