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मध्य प्रदेश कैडर के पूर्व आईपीएस अधिकारी विजय रमन की आत्मकथा ‘डिड आई रियली डू ऑल दिस?’ आज भारत भवन में आयोजित कार्यक्रम में लॉन्च होगी। इस पुस्तक में उन्होंने अपने पुलिस करियर के दौरान हुए कई महत्वपूर्ण और जोखिम भरे ऑपरेशनों का खुलासा किया है। विजय रमन ने पुलिस सेवा के दौरान खूंखार डकैतों और आतंकियों के खिलाफ किए गए कई अभियानों की विस्तृत जानकारी दी है।
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डकैतों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई
पुस्तक में रमन ने उन चुनौतियों का जिक्र किया है, जिनका सामना उन्होंने डकैतों और आतंकवादियों से मुकाबले के दौरान किया। उन्होंने अपने कई ऑपरेशनों में आतंकियों और कुख्यात डकैत गाजीबाबा जैसे अपराधियों को धर दबोचा। रमन की रणनीतियों और टीम के साहसिक कदमों से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में शांति स्थापित करने में सफलता मिली।
राजीव गांधी भी थे रमन की बहादुरी से प्रभावित
विजय रमन के साहसिक कार्यों से तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी भी प्रभावित थे। रमन ने अपने कार्यकाल में कई बड़े ऑपरेशन का नेतृत्व किया, जिसमें खतरनाक अपराधियों और आतंकियों का सफाया किया गया। उनकी बहादुरी की कहानियां नक्सल क्षेत्रों और डकैत प्रभावित इलाकों में आज भी चर्चा का विषय हैं।
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ऑपरेशन मेन और अन्य महत्वपूर्ण अभियान
पुस्तक में रमन ने अपने प्रसिद्ध ऑपरेशन ‘ऑपरेशन मेन’ का भी जिक्र किया है। इस अभियान के दौरान उनकी टीम ने कई आतंकियों को काबू में किया। रमन का कहना है कि इस ऑपरेशन में न केवल उनके लिए बल्कि पूरी टीम के लिए जान का खतरा था। इसके अलावा उन्होंने अपने अनुभवों और पुलिस सेवा में आने वाली कठिनाइयों को भी साझा किया है।
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पत्नी गीता रमन ने साझा किए अनुभव
इस पुस्तक के विमोचन के अवसर पर विजय रमन की पत्नी गीता रमन ने भी उनके जीवन से जुड़े कुछ खास अनुभव साझा किए। उन्होंने बताया कि रमन ने अपने कर्तव्यों को हमेशा प्राथमिकता दी और अपने मिशनों में कभी कोई समझौता नहीं किया। उनका मानना है कि यह पुस्तक आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करेगी।