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वीआईटी भोपाल में हालात अभी सामान्य नहीं हो पाए हैं। 26 नवंबर की रात को एक बड़ी घटना हुई थी। इसके बाद, विश्वविद्यालय ने तुरंत कैंपस बंद कर दिया था।
सभी छात्रों को छुट्टी पर भेज दिया गया था। पहले 8 दिसंबर तक गतिविधियां रोकने का फैसला लिया गया था,लेकिन अब छुट्टियों को और बढ़ा दिया गया है। विश्वविद्यालय (VIT BHOPAL UNIVERSITY) प्रशासन का कहना है कि कई विभागों में मरम्मत का काम जारी है।
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4,000 छात्रों ने किया था प्रदर्शन
25-26 नवंबर की रात 19 वर्षीय छात्रा नेहा साहुकार की पीलिया के लक्षणों (पीलिया का कहर) के दौरान मौत की खबर ने छात्रों का गुस्सा बढ़ा दिया था। कॉलेज प्रशासन ने इसकी अफवाह को गलत बताया था। इसके बाद करीब 4 हजार छात्रों ने VIT भोपाल यूनिवर्सिटी में उग्र प्रदर्शन किया।
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छात्रों ने हॉस्टल में तोड़फोड़ की। इसके अलावा बसों, कारों और एम्बुलेंस को आग के हवाले कर दिया। छात्र खराब खाना और गंदे पानी से परेशान थे। इस छात्रों का प्रदर्शन के बाद कॉलेज प्रशासन ने कैंपस में सुरक्षा बढ़ा दी थी।
कैंपस बंद होने के बाद क्या हुआ?
घटना के बाद, VIT विश्वविद्यालय ने तुरंत कैंपस बंद कर दिया। सभी छात्रों को छुट्टियों पर भेज दिया गया था। पहले 8 दिसंबर तक छुट्टियां थीं, लेकिन अब इन्हें बढ़ा दिया गया है।
प्रशासन का कहना है कि मरम्मत और सुरक्षा व्यवस्था की वजह से कैंपस को जल्दी खोलना मुश्किल है। रजिस्ट्रार केके नायर ने कहा कि 20 दिसंबर के बाद ही अकादमिक गतिविधियां शुरू होंगी।
छात्रों का गुस्सा क्यों भड़का?
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VIT भोपाल में यह पहली बार नहीं था जब छात्रों ने प्रदर्शन किया था। मई 2024 में गर्मी के दिनों में खराब पानी और पानी की भारी कमी के कारण छात्रों ने विरोध किया था। कॉलेज प्रशासन ने पानी की समस्या को हल करने के लिए कोई ठोस कदम (MP News) नहीं उठाए। इस कारण छात्रों में गुस्सा बढ़ गया और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
पहले भी विवादों में रहा VIT Bhopal
VIT भोपाल में यह पहला विवाद नहीं था। 2022 में हनुमान चालीसा के पाठ को लेकर विवाद हुआ था। कुछ छात्राओं ने समूह में हनुमान चालीसा का पाठ किया था। इस पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने उन पर जुर्माना लगाया था। बाद में मध्य प्रदेश के गृह मंत्री ने इस जुर्माने को हटवाया था।
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विश्वविद्यालय की छवि पर असर
देश के प्रमुख इंजीनियरिंग संस्थानों में आने वाला VIT भोपाल विवादों (STUDENT PROTEST) के कारण सुर्खियों में है। यहां की वार्षिक फीस 7 से 10 लाख रुपए तक है। विश्वविद्यालय में देशभर से छात्र पढ़ने आते हैं। लेकिन इन घटनाओं ने विश्वविद्यालय की छवि को काफी नुकसान पहुंचाया है।
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