सिंहस्थ 2028 में क्या-क्या होंगे कार्य, डीएम ने दिया प्रेजेंटेशन

सिंहस्थ 2028 को लेकर संबंधित विभागों, अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि वे समय सीमा के अंदर कामों को कराएं। उज्जैन कलेक्टर के प्रेजेंटेशन का विवरण जारी हुआ है। कई बड़े कमों का प्रस्ताव भी भेजा गया है।

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Madhav Singh
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10 अक्टूबर को उज्जैन में हुई बैठक में उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और सिंहस्थ 2028 की मंत्रिमंडलीय कमेटी के सामने प्रेजेंटेशन दिया था। इसमें बताया गया कि वाहनों को आने-जाने के लिए कैसे व्यवस्था की जाएगी। सिंहस्थ 2028 के दौरान उज्जैन में 10 किमी से लेकर 50 किमी तक के एरिया में मुख्य मार्गों पर पार्किंग सह ट्रांजिट क्षेत्र बनाए जाएंगे। साेमवार को इस प्रेजेंटेशन का विवरण जारी हुआ। उज्जैन जिला प्रशासन के प्रेजेंटेशन पर सैद्धांतिक सहमति दे दी गई है।

सभी कार्य समय सीमा के अंदर कराएं

नगरीय विकास विभाग ने सभी संबंधित विभागों से कहा है कि वे समय-सीमा के अंदर काम पूरा कराएं। बड़े वाहनों को शहर के बाहर रोका जाए। इन ट्रांजिट स्थलों से शहर के अंदर तक (मंदिर के घाटों तक आने के लिए) नि:शुल्क परिवहन (इलेक्ट्रिक बसें) की व्यवस्था की जानी चाहिए। छोटे और निजी वाहनों को शहर के भीतर न्यूनतम दूरी तक आने की अनुमति दी जाए।

शहरी सीमा में तय पार्किंग स्थलों को चिह्नित किया जाए। उनके उपयोग की कार्ययोजना बनाएं। इंदौर और उज्जैन संभाग के सभी बस अड्डों को चिह्नित कर उनकी क्षमता विस्तार, सुविधा, मजबूतीकरण और नवीनीकरण का काम पुनर्घनत्वीकरण योजना या पीपीपी मोड पर किया जाएगा।

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पीपीपी के माध्यम से होगा काम

सिंहस्थ में होने वाले कामों को लेकर केंद्रीय योजनाओं, केंद्र सहायता वाली योजनाओं व निजी जनभागीदारी (पीपीपी) के माध्यम से काम कराने पर फोकस किया जाएगा। सिंहस्थ के कामों के प्रस्तावों को संबंधित विभाग, जिला प्रशासन, नोडल विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग को भेजे जाएंगे।

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कामों को कार्ययोजना में शामिल करेगी कमेटी

सिंहस्थ में जो काम किए जाने हैं, उसके लिए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक कमेटी बनाई गई है। यह कमेटी विचार कर कामों को कार्ययोजना में शामिल किए जाने का फैसला करेगी। इसके साथ ही विभागीय कार्य, सिंहस्थ मद के काम और पीपीपी मोड के काम के लिए वित्तीय व्यवस्था की भी अनुशंसा की जाएगी। इस मामले में अंतिम निर्णय मंत्रिमंडलीय समिति लेगी।

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सिंहस्थ मद के कार्यों के लिए लेनी होगी प्रशासनिक स्वीकृति

मंत्रिमंडलीय समिति से कामों की मंजूरी मिलने के बाद विभागीय मद से काम किया जाएगा। मुख्य सचिव इसकी समीक्षा करेंगे। सिंहस्थ मद से होने वाले कामों के लिए प्रशासनिक स्वीकृति लेनी होगी। 20 करोड़ रुपए तक के काम स्टेट फाइनेंस कमेटी और 100 करोड़ तक के काम ईएफसी और इससे अधिक राशि के काम कैबिनेट की मंजूरी के बाद होंगे। इसके अलावा 3 साल से ज्यादा का समय लगने वाले कामों को चिह्नित कर लिया गया है। गठित कमेटी ने इसका परीक्षण भी कर लिया है।

इन कामों को कराएगा पीडब्लूडी

लोक निर्माण विभाग खाकचौक, वीर सावरकर चौराहा, गढ़कालिका से भर्तहरी गुफा होकर रंजीत हनुमान मंदिर तक सड़क और पुल बनाएगा। मंगलनाथ और दत्त अखाड़ा क्षेत्र को जोड़ने के लिए केडी गेट से वीर दुर्गादास छत्री, गोन्सा चौराहा तक नदी पर पुल निर्माण समेत कई वैकल्पिक निर्माण कार्य कराए जाएंगे।

इसके अलावा सिद्धवट कूट से कैलाश खो तक सस्पेंशन ब्रिज बनाया जाएगा। पर्यटन विभाग भी एक पैदल पुल बनाएगा। इंदौर-उज्जैन मार्ग से होकर बड़नगर और जावरा मार्ग को जोड़ते हुए सिंहस्थ बायपास पर लंबाई 19 किमी तक फोरलेन बनाने का काम किया जाएगा। इंदौर-खंडवा नेशनल हाइवे पर बड़वाह और सनावद में एनएचएआई बायपास बनाएगा। इसके लिए परीक्षण करने का फैसला किया गया है।

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