कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए विधायक रामनिवास रावत ( Ramniwas Rawat ) को मोहन सरकार के मंत्रिमंडल में जगह मिलने की चर्चा है। रामनिवास रावत कल सुबह 9 बजे मंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी कोई घोषणा नहीं हुई है। ऐसे में जानिए कौन हैं रामनिवास रावत और क्यों उन्हें मंत्री पद दिया जा रहा है-
छह बार के विधायक हैं रावत
रामनिवास रावत श्योपुर की विजयपुर विधानसभा सीट से 6 बार के विधायक हैं। वे पहली बार 1990 में विजयपुर के विधायक बने थे। इसके बाद 1993 में उन्हें दिग्विजय सिंह की कैबिनेट में जगह मिली। रावत इस सीट पर 8 बार विधानसभा का चुनाव लड़ चुके हैं। इसमें से 6 बार उनकी जीत हुई है।
रामनिवास रावत मुरैना- श्योपुर लोकसभा सीट से 2 बार लोकसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि दोनों ही बार उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2019 के लोकसभा चुनावों बीजेपी नेता नरेंद्र सिंह तोमर ने उन्हें 1 लाख से ज्यादा मतों से हराया था।
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लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी में हुए शामिल
रामनिवास रावत लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान बीजेपी में शामिल हो गए थे। 30 अप्रैल को सीएम मोहन यादव और प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा की उपस्थिति में उन्होंने पार्टी की सदस्यता ली थी। उनके साथ करीब 2 हजार कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी बीजेपी ज्वाइन की थी। इसमें मुरैना की महापौर शारदा सोलंकी भी शामिल थीं।
इस दौरान उन्होंने कहा था कि कांग्रेस में रहते हुए वे क्षेत्र की जनता के लिए जितना विकास करना चाहते थे उतना नहीं कर पाए। ऐसे में बीजेपी में शामिल होकर वे क्षेत्र का ओर विकास करना चाहते हैं।
ये थी रावत के कांग्रेस छोड़ने की असली वजह
विधायक रामनिवास रावत विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद न मिलने से नाराज थे। उन्होंने मीडिया में बयान दिया कि नेता प्रतिपक्ष मुझसे जूनियर उमंग सिंघार को बना दिया गया। मेरे बराबर किसी को बनाते तो दिक्कत नहीं थी।
इसके अलावा उन्होंने कांग्रेस में चुनावी टिकट बटवारे को लेकर भी आरोप लगाए। रावत ने कहा- कांग्रेस में पैसे से टिकट दिया जाता है। ऐसे आदमी को टिकट दिया, जिसने मेरे खिलाफ प्रचार किया, बूथ कैप्चर किया था।
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विधानसभा सदस्यता खत्म करने की मांग
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में जाने के बाद रामनिवास रावत ने अभी तक अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा नहीं दिया है। ऐसे में कांग्रेस पार्टी की तरफ से उनकी सदस्यता खत्म करने की मांग की गई है।
नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार के नेतृत्व में कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर को इस संबंध में पिटिशन दी है। ऐसे में अब तोमर को 3 महीने के अंदर रावत की सदस्यता पर फैसला सुनाना होगा।
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विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हुए
विधानसभा से इस्तीफा देने के मामले में रामनिवास रावत ने मीडिया में बयान दिया था कि जब सही समय होगा वे त्यागपत्र दे देंगे। हालांकि वे मानसून सत्र की कोई बैठक में शामिल नहीं हुए।
रावत ने द सूत्र को बताया कि वे विजयपुर में एक भागवत कथा आयोजित करा रहे हैं। यह कथा 15 जुलाई तक चलने वाली है। इस कारण रावत विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो पाएंगे।
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