12 साल में MP Youth Commission ने सरकार को नहीं की एक भी सिफारिश

मंत्री इंदर सिंह परमार ने माना कि वर्ष 2022 और 2023 में कुछ छात्रों को स्कॉलरशिप वितरित नहीं हुई है। वर्ष 2024 के लिए पोर्टल खोल दिया गया है, लेकिन वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि प्रदेशभर में कई स्टूडेंट्स को दो वर्षों से स्कॉलरशिप नहीं मिली है। 

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Jitendra Shrivastava
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12 साल में मप्र युवा आयोग ने एक भी सिफारिश नहीं की

12 साल में मप्र युवा आयोग ने एक भी सिफारिश नहीं की

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अरुण तिवारी, BHOPAL. पिछले 12 साल में मध्यप्रदेश युवा आयोग (MP Youth Commission) ने सरकार को एक भी सिफारिश नहीं की है। यह जानकारी सरकार ने विधानसभा में दी। बीजेपी विधायक अभिलाष पांडे ने ये सवाल किया जिसकी लिखित जानकारी में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने ये माना कि जब से युवा आयोग का गठन हुआ है तब से सरकार को आयोग की तरफ से एक भी सिफारिश नहीं की गई। युवा आयोग का गठन 2012 में हुआ था। वहीं रोजगार और भर्ती परीक्षाओं को लेकर कांग्रेस विधायकों के कई सवाल आए। लेकिन सरकार के मंत्री गौतम टेटवाल ने एक ही जवाब दिया कि जानकारी एकत्रित की जा रही है। रोजगार के मुद्दे पर कांग्रेस विधानसभा का घेराव करेगी। 13 जनवरी को युवा कांग्रेस विधानसभा का घेराव करेगी।

सरकार ने माना स्कॉलरशिप देने में हुई देरी

विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की स्कॉलरशिप के मामले को लेकर सरकार ने स्थिति स्पष्ट की। कांग्रेस विधायक राजन मंडलोई के सवाल का जवाब देते हुए उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि मार्च तक सभी एससी, एसटी, ओबीसी के हितग्राही स्टूडेंट्स को छात्रवृत्ति वितरित कर दी जाएगी। मंत्री इंदर सिंह परमार ने माना कि वर्ष 2022 और 2023 में कुछ छात्रों को स्कॉलरशिप वितरित नहीं हुई है। वर्ष 2024 के लिए पोर्टल खोल दिया गया है। विधायक राजन मंडलोई ने बड़वानी जिले के स्टूडेंट्स को लेकर सवाल पूछा था। लेकिन वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने कहा कि प्रदेशभर में कई स्टूडेंट्स को दो वर्षों से स्कॉलरशिप नहीं मिली है। लिहाजा प्रदेश के लिए व्यवस्था दी जाए। मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि मार्च में सभी पेंडेंसी खत्म कर दी जाएगी। अलग-अलग विभाग स्कॉलरशिप देते हैं, सभी में निर्देश जारी हो रहे हैं।

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पंचायत सचिवों, रोजगार सहायकों के ट्रांसफर के बदलेंगे नियम

पंचायत सचिवों के तबादलों के लिए सरकार सामान्य प्रशासन विभाग के नियमों में बदलाव करेगी। साथ ही रोजगार सहायकों के तबादलों के लिए नई ट्रांसफर पॉलिसी बनाई जाएगी। ये जानकारी पंचायत मंत्री प्रह्लाद पटेल ने विधानसभा में दी। दरअसल पंचायत सचिवों के तबादलों को लेकर बैतूल विधायक हेमंत खंडेलवाल ने विधानसभा में सवाल किया था। उन्होंने कहा कि स्थानांतरण नीति के मुताबिक 10 फीसदी की सीमा निर्धारित है। ऐसे में क्या 10 वर्षों तक पंचायत सचिवों का तबादला संभव है। 

सामान्य प्रशासन को नियमों में बदलाव करना होगा

जवाब देते हुए मंत्री प्रह्लाद पटेल ने बताया कि जिले में पंचायत सचिवों की संख्या ज्यादा होती है। इसलिए 10 फीसदी की सीमा होने के कारण ज्यादा तबादले नहीं हो पाते। लिहाजा सामान्य प्रशासन विभाग को नियमों में बदलाव करना होगा। सरकार इस दिशा में काम कर रही है। वहीं रोजगार सहायकों के तबादलों को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक रामनिवास रावत ने सवाल उठाया, जिस पर मंत्री ने आश्वासन दिया कि नई पॉलिसी बनाई जा रही है। जिसके बाद रोजगार सहायकों के तबादले होंगे।

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