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विश्व धरोहर दिवस (World Heritage Day) हर साल 18 अप्रैल को मनाया जाता है, जिससे हम अपनी कल्चरल हेरिटेज को रिजर्व करने का रेसोलुशन लेते हैं। अगर बात मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल की हो, तो यह शहर न केवल अपनी झीलों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यह ऐतिहासिक धरोहरों का भी खजाना है।
भोपाल की इमारतें केवल पत्थर और गारे से बनी दीवारें नहीं हैं, बल्कि ये हमें एक समृद्ध इतिहास और संस्कृति से जोड़ती हैं। आइए, इस विश्व धरोहर दिवस पर भोपाल की इन शानदार इमारतों की सैर करें और उनके बारे में जानें।
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ताज-उल-मसाजिद – मस्जिदों का ताज
भोपाल की सैर की शुरुआत ताज-उल-मसाजिद से करें, जो भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। इसकी गुलाबी मीनारें, विशाल गुंबद और संगमरमर से बना आंगन अद्भुत कारीगरी का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। नवाब शाहजहां बेगम ने इसका निर्माण करवाया था, और यह न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि वास्तुकला का भी बेहतरीन उदाहरण है।
गौहर महल – नवाबी शान का प्रतीक
गौहर महल भोपाल की सबसे खूबसूरत धरोहरों में से एक है। यह महल नवाब कुदसिया बेगम ने बनवाया था और इसकी वास्तुकला हिंदू-इस्लामी शैली का एक बेहतरीन मिश्रण है। महल में नक्काशीदार मेहराबें, रंग-बिरंगे झरोखे और शाही माहौल आपको पुराने समय की याद दिलाते हैं। गौहर महल की सबसे खास बात यह है कि इसमें एक विशेष कमरा था, जो अंधेरे में भी चमकता था।
इस कमरे की दीवारों पर एक चमकीला पदार्थ (अभ्रक) लगाया गया था, जो अंधेरे में चमकता था। महल में बनाए गए खुफिया सुरंग के बारे में भी कहा जाता है कि यह सुरंग रायसेन के किले से जुड़ी थी, जो दुश्मनों से बचने के लिए बनाई गई थी।
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शौकत महल और सदर मंजिल– फ्रांसीसी छटा का प्रतीक
शौकत महल और सदर मंजिल भोपाल की शाही धरोहर के गवाह हैं। इन इमारतों में फ्रांसीसी और इस्लामी वास्तुकला का अद्भुत मिश्रण देखने को मिलता है। शौकत महल की सफेद संगमरमर से बनी खंभे और नाजुक नक्काशी आपको पेरिस की किसी प्रसिद्ध इमारत की याद दिलाते हैं। सदर मंजिल की लाल दीवारें नवाबी रुतबे की कहानी बयान करती हैं। इस इमारत में शाही दरबार का आयोजन होता था और आज भी यह भवन भोपाल की शान बढ़ाता है। इसे हाल ही में एक आलीशान होटल में तब्दील किया गया है।
मोती मस्जिद – भोपाल की शाही सादगी
मोती मस्जिद भले ही ताज-उल-मसाजिद जितनी विशाल नहीं है, लेकिन इसकी खूबसूरती उतनी ही आकर्षक है। इसे सिकंदर जहां बेगम ने बनवाया था और इसका नाम दिल्ली की जामा मस्जिद से प्रेरित है। सफेद संगमरमर और छोटी-छोटी गुंबदें इसे खास बनाती हैं। यह मस्जिद भोपाल की सादगी और शाहीपन का प्रतीक है।
भोपाल का ताजमहल – नवाबी शान का अद्भुत उदाहरण
भोपाल का ताज महल, आगरा के ताज महल से कम नहीं है। नवाब शाहजहां बेगम ने इसे अपने निवास के रूप में बनवाया था। यह महल इस्लामी वास्तुकला और भव्यता का बेहतरीन उदाहरण है। इसे एक हेरिटेज होटल में तब्दील किया जा रहा है, ताकि इस ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित किया जा सके।
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क्यों हैं ये इमारतें खास
भोपाल की ये इमारतें केवल धरोहर नहीं, बल्कि एक जीवंत इतिहास हैं जो हमें अपने अतीत से जोड़ती हैं। ये इमारतें हमें बताती हैं कि हमारे पूर्वजों ने किस तरह की शाही संस्कृति और वास्तुकला को अपनाया था। विश्व धरोहर दिवस हमें इन धरोहरों को संरक्षित करने का संकल्प लेने की प्रेरणा देता है।
इस विश्व धरोहर दिवस पर क्या करें
- हेरिटेज वॉक में शामिल हों: भोपाल में कई हेरिटेज वॉक आयोजित की जाती हैं, जो आपको इन इमारतों की कहानियों से रु-ब-रु कराती हैं।
- फोटोग्राफी का जादू: इन खूबसूरत इमारतों की तस्वीरें खींचें और सोशल मीडिया पर साझा करें, ताकि और लोग इनके बारे में जानें।
- इतिहास को जानें: स्थानीय गाइड्स से इन इमारतों की कहानियां सुनें और भोपाल की नवाबी विरासत को समझें।
- संरक्षण में योगदान दें: छोटे-छोटे प्रयासों से, जैसे साफ-सफाई या जागरूकता फैलाकर, इन धरोहरों को बचाने में मदद करें।
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