BHOPAL. नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) में एक बड़ा फेरबदल हुआ है। केरवा-कलियासोत अतिक्रमण मामले में सीएस इकबाल सिंह बैंस को फटकार लगाने वाले जस्टिस सुधीर अग्रवाल को एनजीटी की सेंट्रल जोन बेंच से हटा दिया गया है। उनकी जगह जस्टिस शिव कुमार सिंह को वापस लाया गया है। MP के CS को फटकार लगाने वाली बेंच के सदस्यों को 1 हफ्ते में बदल दिया है। वहीं न्यायमूर्ति शेओकुमार सिंह को वापस एनजीटी की सेंट्रल जोन बेंच में न्यायिक सदस्य नियुक्ति किया है। एनजीटी ने इस संबंध में आदेश भी जारी कर दिए हैं।
आज से होनी वाली सुनवाई जस्टिस शेओकुमार सिंह ही सुनेंगे
एनजीटी की सेंट्रल बेंच में आज से होने वाली सुनवाई को बतौर न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति शेओकुमार सिंह ही सुनेंगे। बता दें कि केरवा-कलियासोत डैम अतिक्रमण मामले में एनजीटी की बेंच जिसमें न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल और एक्सपर्ट मेंबर डॉ. अफरोज अहमद थे। उसने प्रदेश के मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस को फटकार लगा दी थी। उसके बाद से ही ये कयास लगाए जा रहे थे कि बेंच के सदस्यों में बदलाव हो सकता है। बता दें कि न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल सेंट्रल जोन में करीब डेढ़ महीने ही न्यायिक सदस्य रहे हैं। उनसे पहले इस बेंच के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति शिओकुमार सिंह ही थे।
डेढ़ महीने में ही NGT में इतना कुछ हो गया
एनजीटी के सेंट्रल जोन के न्यायिक सदस्य न्यायमूर्ति शेओकुमार सिंह जुलाई के पहले पखवाड़े में एनजीटी का चेयरमैन नियुक्त हुए। उनकी जगह पर न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल सेंट्रल जोन के न्यायिक सदस्य बने। वहीं 14 अगस्त को न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव के चेयरमैन बनने संबंधी आदेश जारी हो गए। इसके बाद 25 अगस्त को न्यायमूर्ति शिओकुमार सिंह को वापस एनजीटी की सेंट्रल जोन बेंच में न्यायिक सदस्य नियुक्त करने संबंधी आदेश जारी हुए। आज सोमवार से अब सेंट्रल जोन के केस यही सुनेंगे। इनके साथ बेच में बतौर एक्सपर्ट मेंबर 28 अगस्त से 30 सितंबर तक डॉ. ए. सेंथिल वेल और 1 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक डॉ. अफरोज अहमद होंगे।
रामजन्म भूमि के फैसलों से भी जुड़े रहे हैं जस्टिस सुधीर अग्रवाल
एनजीटी में जवाब नहीं देने पर अधिकारियों को फटकार लगाने वाले न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल इलाहाबाद उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश रहे हैं। वे राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद मामले में 30 सितंबर 2010 को दिए गए अपने ऐतिहासिक फैसले के लिए जाने जाते हैं। न्यायमूर्ति अग्रवाल 23 अप्रैल 2020 को उच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए थे। ये 6 अप्रैल 2021 को न्यायिक सदस्य के रूप में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण, नई दिल्ली में शामिल हुए। न्यायमूर्ति अग्रवाल अपनी कड़ी मेहनत के लिए जाने जाते हैं। उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में अपने कार्य काल के दौरान उन्होंने लगभग हर क्षेत्र अधिकार में 1 लाख 40 हजार से ज्यादा मामलों में फैसला सुनाया।
न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल द्वारा दिए गए हाल ही के कुछ चर्चित फैसले
- केरवा-कलियासोत डौम के आसपास हुए अतिक्रमण के मामलों में लापरवाही बरतने पर प्रदेश के मुख्य सचिव को फटकार लगाई। 5 लाख का जुर्माना लगाया।
कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा का ट्वीट
जस्टिस सुधीर अग्रवाल को NGT से हटाने को लेकर कांग्रेस सांसद विवेक तन्खा ने ट्वीट किया है। उन्होंने लिखा कि जिन जज ने CS को जन हित में आयना दिखाया, चंद दिन बाद उनका तबादला की खबर। ऐसी कार्यवाही से न्यायालय और जज भयभीत नहीं होते। सुन लीजिए अच्छे से हमारे जज, लोक आयुक्त एवं अन्य न्यायिक संस्था न्यायप्रिय हैं एवं संविधान और कानून से चलते हैं। ईमानदार की रक्षा और भ्रष्ट दंडित करते हैं।