अजमेर में रेलवे कर्मचारी के साथ साइबर ठगी, फर्जी एप को जरिया बनाया और 26 लाख रुपए का निवेश कराया

राजस्थान के अजमेर में एक रेलवे कर्मचारी को साइबर फ्रॉड का शिकार बना 26 लाख रुपए की ठगी हुई। जालसाजों ने उसे एक फर्जी एप पर निवेश करने के लिए उकसाया और गुरुग्राम में ऑफिस बुलाकर ठग लिया। मामले में साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई गई है।

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Gyan Chand Patni
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राजस्थान के अजमेर में एक रेलवे कर्मचारी के साथ साइबर फ्रॉड का एक गंभीर मामला सामने आया है, जिसमें वह करीब 26 लाख रुपए की ठगी का शिकार हो गया।

 यह साइबर ठगी एक फर्जी एप्लीकेशन के जरिए की गई थी, जिसमें पीड़ित को मुनाफे का लालच देकर उसे बड़े पैमाने पर पैसे निवेश करने के लिए उकसाया गया। इस मामले ने साइबर अपराधों के बढ़ते खतरे को उजागर किया है और अब पुलिस इसकी जांच कर रही है। CYBER CRIME IN RAJASTHAN राजस्थान ही नहीं देश भर में साइबर क्राइम बढ़ते जा रहे हैं। 

अजमेर में रेलवे कर्मचारी के साथ साइबर फ्रॉड

तीन महीने पहले रेलवे कर्मचारी मुकेश भूराण को एक मोबाइल कॉल आई। कॉल करने वाले व्यक्ति ने उसे एक सोशल मीडिया ग्रुप से जोड़ा, जिसमें फाइनेंस और स्टॉक से संबंधित मुनाफे की जानकारी साझा की जाती थी। इस ग्रुप के सदस्य उसे लगातार मुनाफे की पोस्ट भेजते थे, जो उसे और ज्यादा निवेश करने के लिए प्रेरित करते थे।

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अजमेर में निवेश के नाम पर साइबर ठगी

मुकेश ने जुलाई में इस एप पर रजिस्ट्रेशन कराया और शुरू में केवल 10 हजार रुपए का निवेश किया। एप ने उसे मुनाफे के रूप में पैसे दिखाए, जिससे उसका विश्वास और बढ़ा। एप पर उसे लगातार अच्छे मुनाफे की जानकारी दी जाती रही और इससे प्रेरित होकर उसने और पैसे निवेश किए।

बैंक से ऋण लेकर निवेश करने की शुरुआत

मुकुल के मुनाफे में लगातार बढ़ोतरी दिखने पर उसने और पैसे निवेश करने का निर्णय लिया। जब उसे एप से 9 लाख 30 हजार का मुनाफा हुआ, तो उसने अपनी मुनाफे की रकम निकालने का प्रयास किया। लेकिन जालसाजों ने उसे रोक दिया और एक नए आईपीओ में निवेश करने के लिए उसे और ज्यादा मुनाफे का झांसा दिया। इसके बाद, एप में उसके खाते में 20 लाख का नुकसान दिखाया गया, जिससे विवाद शुरू हो गया। फिर ठगों ने उसे और निवेश करने के लिए दबाव डाला।

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ऋण लेकर और निवेश करना पड़ा महंगा

साइबर ठगों ने उसे यह विश्वास दिलाया कि अधिक मुनाफे के लिए उसे और पैसे निवेश करने होंगे। मुकेश ने इसके बाद बैंक से 15 लाख रुपए का ऋण लिया और 5 लाख रुपए अपने निवेश खाते में डाले। इसके बाद उसे 37 लाख रुपए के मुनाफे का दिखावा किया गया। लेकिन जैसे ही उसने मुनाफा निकालने की कोशिश की, उसका पैसा और भी घटता गया।

गुरुग्राम में धोखाधड़ी का खुलासा

एक दिन मुकेश को जालसाजों ने गुरुग्राम में एक ऑफिस का पता दिया और मुनाफे की रकम लेने के लिए वहां बुलाया। जब वह वहां पहुंचा, तो उसे कोई नहीं मिला। यही वह क्षण था जब उसे समझ में आया कि वह ठगी का शिकार हो चुका है। अब तक जालसाजों ने उससे करीब 26 लाख 35 हजार रुपए की रकम हड़प ली थी।

कर्जदार भी हो गया पीड़ित 

यह पूरा मामला एक गंभीर साइबर ठगी  Cyber ​​crime का था, जहां एक व्यक्ति को झांसा देकर और उसे मुनाफे के लालच में फंसाकर उसकी जिंदगी भर की मेहनत का पैसा हड़प लिया गया। उसकी मेहनत तो गई ही, वह कर्जदार भी हो गया।  मुकेश भूराण ने साइबर थाने में शिकायत दर्ज कराई है और पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

FAQ

1. रेलवे कर्मचारी मुकेश भूराण को कैसे साइबर ठगी का शिकार बनाया गया?
रेलवे कर्मचारी को सोशल मीडिया ग्रुप और एक फर्जी एप के माध्यम से मुनाफे का लालच दिया गया, और उसे पैसे निवेश करने के लिए उकसाया गया।
2. रेलवे कर्मचारी मुकेश ने कितनी रकम निवेश की?
रेलवे कर्मचारी मुकेश ने कुल 26 लाख 35 हजार रुपए की रकम ठगों को दी। इस रकम में बैंक से लिया गया ऋण भी शामिल था।
3. रेलवे कर्मचारी मुकेश को मुनाफे के बारे में किस तरह की जानकारी दी जाती थी?
मुकेश को एप में लगातार मुनाफे की जानकारी दी जाती थी, जिससे उसे और निवेश करने का लालच मिलता था।
4. मुकेश ने ठगी का अहसास कब किया?
मुकेश को ठगी का अहसास तब हुआ जब वह गुरुग्राम स्थित ऑफिस में पहुंचा, लेकिन वहां कोई नहीं मिला।



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