18 देशों में निर्यात होता है अलवर में बना सजावटी सामान, एक से बढ़कर एक हजारों तरह के उत्पाद

सजावटी सामान का नाम आते ही राजस्थान के अलवर शहर की चर्चा सबसे पहले होती है। हजारों तरह के बंदरवाल, लटकन, झालर, रंगोली, माला, स्टीकर सहित तरह-तरह की चीज यहां तैयार होती हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Alwar. राजस्थान के अलवर का बाजार पहले केवल राखियों के लिए जाना जाता था, लेकिन अब सजावटी सामान के मामले में भी शहर का नाम रोशन हो रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि 8 से 10 हजार परिवार पूरे साल मेहनत कर अपना यह सामान व्यवसायियों के माध्यम से 18 देशों तक पहुंचाते हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के तमाम मंत्री, नेता, अभिनेता सभी स्वदेशी सामान को अपनाने की अपील कर चुके हैं। अब दीपावली के मौके पर इसका असर भी नजर आने लगा है। 

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अलवर की चर्चा जरूरी

सजावटी सामान का नाम आते ही अलवर की चर्चा होने लगती है। अलवर से सजावटी सामान देश-दुनिया में सप्लाई होते हैं। हजारों तरह के बंदरवाल, लटकन, झालर, रंगोली, माला, स्टीकर सहित तरह-तरह की चीज अलवर में तैयार होती हैं। करीब एक हजार से भी ज्यादा तरह के सजावटी सामान अलवर से देश सहित दुनिया के 18 देशों में निर्यात हो रहे हैं।

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सजावटी सामान के लिए खास स्थान

राजस्थान की औद्योगिक राजधानी व एनसीआर का हिस्सा अलवर पर्यटन के साथ ही अब अपने सजावटी सामान के लिए भी खास स्थान रखने लगा है। अलवर में तैयार होने वाली चीजों की डिमांड लगातार बढ़ रही है, क्योंकि यह चीज स्वदेशी होती हैं। साथ ही चाइनीज आइटम की तुलना में सस्ती, सुंदर और टिकाऊ रहती है। 

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कई गुना बढ़ी डिमांड

अलवर में तैयार होने वाले सजावटी सामान को साल भर महिलाएं तैयार करती हैं। इस काम में 8 से 10 हजार महिला, पुरुष, बच्चे जुड़े हुए हैं, जो घरों में रात-दिन सजावटी सामान तैयार करते हैं। दीपावली के मौके पर घर को सजाने के लिए इन सजावटी सामान की आवश्यकता होती है। इसलिए दीपावली से 2 महीने पहले देश-दुनिया के खरीदार अलवर पहुंचने लगते हैं। अलवर से यह सामान दुनिया के कोने-कोने में जाता है। बीते सालों की तुलना में इन सामान की डिमांड कई गुना ज्यादा बढ़ी है।

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जमकर हो रही खरीदारी

व्यापार से जुड़े लोगों का कहना है कि हजारों तरह के आइटम्स अलवर में तैयार होते हैं। एक आइटम के सैकड़ों डिजाइन बनते हैं। बल्क में फैक्ट्री के अलावा घरों में भी महिलाएं इन सजावटी सामानों को तैयार करती हैं। दीपावली व शादी में इनकी खास डिमांड रहती है। पटरी मार्केट के दुकानदार भी सामान खरीदते हैं और इनको बाजार में बेचते हैं। इस बार सजावटी सामान की डिमांड बीते साल की तुलना में ज्यादा है। लोग खरीदारी करने के लिए बाजार पहुंच रहे हैं और जमकर खरीदारी कर रहे हैं।

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कई चीजें होती हैं तैयार

अलवर में हजारों तरह के बंदरवाल, लटकन, झालर, रंगोली, माला, स्टीकर, रंग-बिरंगे फूलों की माला, गुलदस्ता, दीपक, दीवार की लाइट्स, मोमबत्ती, छोटे दिए, टेबल डेकोर, डायनिंग एरिया, किचन, लिविंग रूम में लगने वाली चीज सहित हजारों आइटम व चीजें तैयार होती हैं। एक बड़ी रेंज के साथ बड़ा बाजार यहां मौजूद है। 

FAQ

1. अलवर से किस प्रकार के सजावटी सामान तैयार होते हैं?
अलवर से बंदरवाल (Bandarwal), लटकन (Latkan), झालर (Jhalar), रंगोली (Rangoli), माला (Mala), दीपक (Deepak), टेबुल डेकोर (Table Decor) जैसी हजारों सजावटी वस्तुएं तैयार होती हैं।
2. अलवर के सजावटी सामान की वैश्विक डिमांड क्यों बढ़ी है?
अलवर के सजावटी सामान (Decorative Items) सस्ते, सुंदर और टिकाऊ होते हैं, जिससे इनकी डिमांड चाइनीज सामान (Chinese Products) से कहीं ज्यादा बढ़ गई है।
3. दीपावली के समय अलवर में क्या विशेष बिक्री होती है?
दीपावली के समय अलवर (Alwar) में सजावटी सामान की खरीदारी में बहुत वृद्धि होती है। यहां के सामान की विशेष डिमांड (Special Demand) दीपावली और शादी के मौके पर देखी जाती है।

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