अंता उपचुनाव लड़ने के लिए सरकारी डॉक्टर ने मांगा वीआरएस, सरकार ने मना किया तो ले ली कोर्ट की शरण

राजस्थान के एसएमएस हॉस्पिटल के डॉ. विनय मल्होत्रा ने अंता उपचुनाव लड़ने के लिए वीआरएस की मांग की। राजस्थान सरकार ने मना किया, तो राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल के डॉ. विनय मल्होत्रा अंता विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं। वे बारां जिले की अंता सीट पर हो रहे उपचुनाव में विधायकी का चुनाव लड़ना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) के लिए आवेदन किया है, लेकिन सरकार ने उनके आवेदन पर कोई निर्णय नहीं किया है। 

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सरकार ने नहीं लिया निर्णय

इसके चलते उनके चुनाव लड़ने की संभावना नहीं है। अंता उपचुनाव में 21 अक्टूबर नामांकन की अंतिम तारीख है। अगर सरकार ने फैसला नहीं किया, तो वह नामांकन भरने से वंचित रह जाएंगे। गौरतलब है कि डॉ. मल्होत्रा अभी नेफ्रोलॉजी विभाग में सीनियर प्रोफेसर हैं। वे सुपर स्पेशिलिटी ब्लॉक के मौजूदा अधीक्षक भी हैं। इससे पहले वे कुछ समय के लिए एसएमएस अस्पताल के अधीक्षक भी रह चुके हैं।

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चले गए कोर्ट की शरण में

राजस्थान सरकार ने वीआरएस आवेदन मंजूर नहीं किया, तो डॉ. मल्होत्रा ने राजस्थान हाई कोर्ट में याचिका दायर की और चुनाव की इच्छा जताते हुए वीआरएस मंजूर करवाने की गुहार लगाई है। राजस्थान हाई कोर्ट ने राज्य सरकार को 20 अक्टूबर शाम 6 बजे तक डॉ. मल्होत्रा की अर्जी पर निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।

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किया जा सकता है माफ

जस्टिस अशोक कुमार जैन की एकल पीठ ने कहा कि राजस्थान सर्विस रूल्स नियम 50 (1) के मुताबिक यदि आवेदन करने के तीन महीने की अवधि में कोई फैसला नहीं लिया गया, तो स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति स्वत: प्रभावी हो जाएगी। वहीं, चुनाव लड़ने के उद्देश्य से वीआरएस के लिए आवेदन करने पर वीआरएस अवधि को माफ किया जा सकता है।  

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15 साल की सेवा पूरी

उधर, कोर्ट में डॉ. मल्होत्रा की ओर से वकील अनिता अग्रवाल ने पैरवी करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता ने 7 अक्टूबर को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए आवेदन किया था। वह अंता उपचुनाव में नामांकन करना चाहते हैं, जिसकी आखिरी तारीख 21 अक्टूबर है। उन्होंने 15 साल की सेवा पूरी कर ली है और वीआरएस का अधिकार रखते हैं। 

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राज्य सरकार का अनुमोदन जरूरी

इसके जवाब में सरकार की ओर से एएजी विज्ञान शाह ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं में विशेषज्ञ डॉक्टरों की कमी है। इसके कारण डॉ. मल्होत्रा को सेवानिवृत्ति देने से प्रशासनिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं। चुनाव लड़ने का अधिकार मौलिक अधिकार नहीं है। वहीं स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के लिए राज्य सरकार के अनुमोदन की आवश्यकता होती है।

FAQ

1. डॉ. विनय मल्होत्रा ने क्यों वीआरएस के लिए आवेदन किया?
डॉ. मल्होत्रा ने अंता उपचुनाव (Anta Bye-election) में भाग लेने के लिए स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (VRS) के लिए आवेदन किया था।
2. अगर सरकार वीआरएस का आवेदन स्वीकार नहीं करती तो क्या होगा?
अगर सरकार वीआरएस (VRS) का आवेदन स्वीकार नहीं करती, तो डॉ. मल्होत्रा नामांकन (Nomination) भरने में असमर्थ होंगे और चुनावी प्रक्रिया में भाग नहीं ले पाएंगे।
3. राजस्थान हाई कोर्ट ने इस मामले में क्या निर्देश दिए हैं?
राजस्थान हाई कोर्ट (Rajasthan High Court) ने सरकार को 20 अक्टूबर तक निर्णय लेने के आदेश दिए हैं और यह कहा कि यदि आवेदन पर तीन महीने में निर्णय नहीं लिया जाता, तो वीआरएस (VRS) स्वचालित रूप से प्रभावी हो जाएगा।

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