अंता उपचुनाव : भाजपा-कांग्रेस के नेताओं ने झोंकी ताकत, प्रचार से निर्दलीय प्रत्याशी ने भी बांधा समां

राजस्थान के अंता उपचुनाव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के रोड शो में उमड़ा जनसमूह। पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के रोड शो में भी हजारों लोग साथ चले। मतगणना की तिथि नजदीक आते ही चुनाव प्रचार में तेजी।

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Rakesh Kumar Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Baran. राजस्थान के अंता उपचुनाव में भाजपा और कांग्रेस ने पूरी ताकत झोंक दी है। दोनों ही दलों के प्रत्याशी तो चुनाव प्रचार में लगे ही हैं, वहीं अब पार्टी के वरिष्ठ नेता भी चुनावी मैदान में कूद पड़े हैं।

कांग्रेस प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया के समर्थन में बुधवार को पूर्व डिप्टी सीएम और पीसीसी चीफ रहे सचिन पायलट ने रोड किया। भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन के समर्थन में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने रोड शो करके ताकत दिखाई। दोनों ही रोड शो में भारी जनसमूह दिखा। 

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लगा रहे पूरा जोर

रोड शो के तैयार किए गए विशेष रथ में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अंता से मांगरोल तक रोड शो किया। रथ पर मुख्यमंत्री के साथ पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, सांसद दुष्यंत सिंह, भाजपा प्रत्याशी मोरपाल सुमन मौजूद रहे। उधर, चुनाव को त्रिकोणीय देने में कायमाब रहे निर्दलीय नरेश मीणा भी गांव-ढाणी प्रचार में जुटे हुए हैं।

राजस्थान की नजर अंता पर

पूरे देश में बिहार विधानसभा चुनाव और उसके परिणाम को लेकर चर्चाएं हैं। वहीं राजस्थान में अंता उपचुनाव में प्रचार और नतीजे को लेकर सभी की नजर टिकी हुई हैं। बिहार चुनाव देश के आगामी राजनीतिक परिदृश्य को तय करने वाला होगा, वहीं अंता सीट भी भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा बनी हुई है। हार और जीत कई नेताओं की साख तय करेगी। ऐसे में कांग्रेस और भाजपा ने पूरी ताकत लगा रखी है।

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चुनाव प्रचार में तेजी

जैसे-जैसे चुनाव तिथि नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे कांग्रेस और भाजपा ने प्रचार में तेजी दिखा दी है। यहां 11 नवंबर को मतदान होगा। नतीजे 14 नवम्बर को आएंगे। ऐसे में चुनाव प्रचार परवान पर है। कांग्रेस की तरफ से पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा, प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा, पूर्व मंत्री अशोक चांदना ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी है। पूर्व सीएम अशोक गहलोत, डिप्टी सीएम सचिन पायलट की सभा और रोड शो हो चुके हैं। 

अंता में त्रिकोणीय मुकाबला

उधर, भाजपा के अध्यक्ष मदन राठौड़, पूर्व सीएम वसुंधरा राजे, सांसद दुष्यंत सिंह ने चुनावी कमान संभाल रखी है। सरकार के कई मंत्री और वरिष्ठ नेताओं को चुनाव जीतने की जिम्मेदारी दे रखी है। वे सभी अलग-अलग क्षेत्रों में मीटिंग और सभाएं कर रहे हैं। निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने भी अपने तरीके से चुनाव प्रचार को त्रिकोणीय बना दिया है। सीट पर भाजपा के मोरपाल सुमन, कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय नरेश मीणा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है।

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वसुंधरा राजे ने संभाला मोर्चा

भाजपा के प्रत्याशी मोरपाल सुमन को जिताने के लिए राजे ने मोर्चा संभाल लिया है। गत तीन दिन से राजे अलग-अलग नगरपालिका क्षेत्र में जाकर स्थानीय पदाधिकारियों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं से मुलाकात कर रही हैं। विभिन्न समाजों के पदाधिकारियों और लोगों से मेल-मुलाकात की है। इसके अलावा मदन राठौड़, उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा, संजय शर्मा, जोगाराम पटेल, जोराराम कुमावत, सांसद राजेंद्र गहलोत, पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी समेत अन्य नेता भी जनसंपर्क और सभाएं कर रहे हैं। 

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कांग्रेस के दिग्गज चुनावी मैदान में

भाजपा की तरह कांग्रेस के प्रत्याशी प्रमोद जैन भाया के समर्थन में कांग्रेस के दिग्गज भी चुनावी मैदान में हैं। भाया को जिताने के लिए कांग्रेस नेता जमकर चुनावी सभाएं कर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा, प्रदेश प्रभारी रंधावा, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली, पूर्व उपमुख्यमंत्री पायलट चुनावी सभा और रोड शो कर चुके हैं। पूर्व सीएम अशोक गहलोत के सात से नौ नवंबर तक चुनावी प्रचार का कार्यक्रम तय है।

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निर्दलीय प्रत्याशी ने भी समां बांधा

अंता सीट से निर्दलीय प्रत्याशी नरेश मीणा ने भी चुनाव प्रचार में समां बांध रखा है। उनके प्रचार में युवाओं की भीड़ है। जातिगत वोटों के अलावा दूसरे समाज और पार्टी विरोधी वोटों का अच्छा समर्थन नरेश को मिल रहा है। उनके तीखे बयानों और प्रचार के तरीके से दोनों ही दलों में हड़कंप है। नरेश के मैदान में उतरने से करीब चालीस हजार मीणा वोट जो कांग्रेस व भाजपा में जाते थे, अब नरेश मीणा के पक्ष में लामबंद हो रहे हैं। ऐसे में नरेश के चुनावी मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।

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