अंता उपचुनाव : पूर्व CM वसुंधरा ने प्रचार में भरा रंग, कांग्रेस ने भी लगाया जोर, नरेश मीणा भी टक्कर में

राजस्थान के बारां जिले के अंता उपचुनाव में चुनाव प्रचार जोरों पर है। पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने भाजपा प्रत्याणी मोरपाल सुमन के प्रचार में भरा रंग। कांग्रेस ने भी भाया के लिए लगाया जोर। निर्दलीय नरेश मीणा खिला सकते हैं गुल। मुकाबला त्रिकोणीय रहने के आसार।

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Mukesh Sharma
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिए 11 नवंबर को मतदान होना है। जीतने के लिए कांग्रेस और भाजपा तो पूरी ताकत लगा ही रही हैं, निर्दलीय नरेश मीणा भी अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। कोई बड़ी बात नहीं कि वह इस चुनाव में बड़ा उलटफेर कर दें। 

राजे के प्रचार में पहुंचने से रंगत

चुनाव तो वही जीतेगा, जिसे मतदाता चाहेंगे, लेकिन चुनाव में असली रंगत पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के प्रचार में पहुंचने से ही आई है। राजे का मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के साथ रोड शो करना भाजपा के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकता है। हालांकि कांग्रेस ने भी अपने उम्मीदवार के लिए पूरी ताकत लगा दी है और विधानसभा क्षेत्र में नेताओं की पूरी फौज उतार दी है।

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इंतजार के बाद या रणनीति के तहत

कांग्रेस ने अंता उपचुनाव की घोषणा होते ही पूर्व मंत्री प्रमोद जैन भाया को उम्मीदवार घोषित करने में देरी नहीं की थी, जबकि भाजपा ने उम्मीदवार तय करने में काफी समय लिया और बारां जिला प्रमुख व अंता विधानसभा के ही निवासी मोरपाल सुमन को प्रत्याशी बनाया। 

भाया के पक्ष में पूरा जोर

पूर्व सीएम अशोक गहलोत व एआईसीसी महासचिव सचिन पायलट, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा तथा नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली सहित सभी बड़े नेता भाया की 15 अक्टूबर को हुई नामांकन रैली में शामिल हुए थे। इसके बाद से कांग्रेस के अधिकांश नेता लगातार चुनाव प्रचार के लिए अंता आते-जाते रहे। 

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भाजपा की रणनीति पर उठे सवाल

वहीं भाजपा की प्रदेश में सर्वाधिक प्रभावी नेता वसुंधरा राजे काफी दिनों तक प्रचार में नहीं आईं। हालांकि उनके बेटे और झालावाड़-बारां से सांसद दुष्यंत सिंह ने मोरपाल सुमन के चुनावी प्रचार की कमान संभाल रखी थी। ऐसे में भाजपा प्रत्याशी के चुनाव प्रचार में तेजी नहीं आने से भाजपा की रणनीति पर सवाल उठने लगे थे। कांग्रेस नेता भी इसे भाजपा की अंदरूनी फूट बताकर प्रचारित करने लगे थे। 

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राजेमय नजर आ रही अंता सीट

बीते मंगलवार को वसुंधरा राजे के चुनाव प्रचार में उतरने से जमीनी तस्वीर बदलने लगी। गुरुवार को राजे और सीएम भजनलाल शर्मा के एक साथ रोड शो करने से चुनावी प्रचार में तेजी आने के साथ ही न केवल भाजपा कार्यकर्ताओं, बल्कि नेताओं में भी जोश भर गया है। राजे के प्रचार में उतरने के बाद पूरी तस्वीर बदल गई है। अब अंता राजेमय नजर आने लगी है।  

नरेश मीणा खिला सकते हैं गुल

भाजपा और कांग्रेस उम्मीदवारों के बीच कांग्रेस के बागी निर्दलीय उम्मीदवार नरेश मीणा ने दोनों ही पार्टियों की नींद उड़ा रखी है। वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र राहुल के अनुसार, चुनाव में किसी भी प्रत्याशी की वास्तविक स्थिति रैलियों या सभाओं से नहीं होती, क्योंकि इन रैलियों और सभाओं में जनता आती नहीं है, बल्कि लाई जाती है। उनके अनुसार राजे के प्रचार में उतरने से प्रचार में रंगत तो आई है, लेकिन जमीनी हकीकत इसके उलट है। 

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युवा नरेश के पक्ष में

उनका कहना है कि अधिकांश इलाके में 20 से 40 साल तक के मतदाता नरेश मीणा के पक्ष में जाते दिख रहे हैं। कोई बड़ी बात नहीं होगी कि नरेश इस बार चुनावी वैतरणी पार कर लें। वहीं कांग्रेस के ही एक कार्यकर्ता ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि नरेश मीणा के कारण कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियों के उम्मीदवार खतरे में हैं। 

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अंता की जनता पर नजर

उनका कहना है कि नरेश मीणा के प्रति पूरे इलाके में जबरदस्त सहानुू​भूति लहर चल रही है। इसका उदाहरण है कि बारां में पहली बार किसी नेता और उसके माता-पिता को जनता ने खून से तौला है। ऐसे में यह देखना रोचक होगा कि अंता की जनता राज्य की सबसे बड़ी पंचायत में आगामी तीन साल के लिए किसे अपना प्रतिनिधि चुनती है।

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