बांसवाड़ा में सोने की खान का खुलासा : 3 किमी क्षेत्र में 11 करोड़ टन सोने का अनुमान, नवंबर में टेंडर

राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के घाटोल क्षेत्र के कांकरिया गांव में 11 करोड़ टन शुद्ध सोने का भंडार मिलने का अनुमान है। इस साल नवंबर में इस गोल्ड माइंस के एक्सप्लोरेशन के लिए टेंडर खुलेंगे। जानें सभी जरूरी बातें।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Banswara. राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के घाटोल क्षेत्र के कांकरिया गांव में शुद्ध सोने का विशाल भंडार मिलने का दावा किया गया है। यहां पर सोने की खुदाई के लिए एक्सप्लोरेशन के टेंडर अगले महीने यानी नवंबर में खोले जाएंगे। पहले किए गए टेंडर में कुछ तकनीकी खामी मिलने के कारण उसे निरस्त कर दिया गया था। अब 3 नवंबर को इन टेंडरों को खोला जाएगा।

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11 करोड़ टन शुद्ध सोने का अनुमान

विशेषज्ञों के अनुसार, इस क्षेत्र में 11 करोड़ टन से भी अधिक शुद्ध सोने के अयस्क होने का अनुमान है। यह क्षेत्र लगभग 3 किलोमीटर के दायरे में फैला हुआ है, जिसमें कांकरिया ग्राम पंचायत और उसके आस-पास के इलाके शामिल हैं। खगोलशास्त्रियों का कहना है कि यहां पर कई टन सोना निकाला जा सकता है, जो राज्य और देश की आर्थिक स्थिति में महत्वपूर्ण योगदान दे सकता है।

टेंडर प्रक्रिया, एक्सप्लोरेशन का महत्व

एक्सप्लोरेशन की प्रक्रिया में खगोलशास्त्री और खनन विशेषज्ञ भूमि की गहराई तक जाकर अयस्क की पहचान करते हैं। इसमें बहुत गहरी खुदाई की जाती है और खींची गई मिट्टी और अयस्क को प्रयोगशाला में भेजा जाता है। 

इसके बाद यह पता चलता है कि सोना किस रूप में मौजूद है और उसमें कितने प्रतिशत सोना है। साथ ही अन्य कीमती धातु भी मिल सकती है। एक्सप्लोरेशन का यह काम दो से तीन साल तक चल सकता है, ताकि सटीक जानकारी प्राप्त की जा सके।

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पहले मिले थे स्वर्ण अयस्क

इससे पहले भी घाटोल क्षेत्र के जगपुरिया और भूकिया क्षेत्रों में स्वर्ण अयस्क मिल चुके हैं। इन क्षेत्रों में लगभग 222 टन सोने के अयस्क होने का अनुमान था और इससे जुड़े 113.5 मिलियन टन अयस्क की संभावना जताई गई थी। हालांकि पहले किए गए टेंडर में तकनीकी खामियां सामने आने के कारण सरकार ने उसे निरस्त कर दिया था।

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टेंडर प्रक्रिया और समय-सीमा

सोने की खान की खुदाई और खनन के काम को सही तरीके से शुरू करने के लिए टेंडर प्रक्रिया का पालन किया जाएगा। राजस्थान सरकार ने नवंबर में एक्सप्लोरेशन के टेंडर खोलने की घोषणा की है और टेंडर के लिए आवेदन 14 अक्टूबर तक लिया गया था। इस टेंडर प्रक्रिया के बाद आने वाले महीनों में खुदाई का काम शुरू हो जाएगा।

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एक्सप्लोरेशन के लिए जरूरी कदम

पहली चरण की खुदाई : जमीन की गहरी खुदाई की जाएगी और मिट्टी व अयस्क की जांच की जाएगी।
मिट्टी और अयस्क का मिलान : प्रयोगशाला में अयस्क की जांच करके सोने का प्रतिशत निर्धारित किया जाएगा।
किसी अन्य धातु की पहचान : सोने के साथ अन्य धातुएं जैसे चांदी, तांबा आदि की पहचान भी की जाएगी।
अंतिम रिपोर्ट : एक्सप्लोरेशन प्रक्रिया के अंत में एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जाएगी।

FAQ

1. बांसवाड़ा में गोल्ड माइन की खोज का क्या महत्व है?
बांसवाड़ा के घाटोल क्षेत्र में मिले स्वर्ण अयस्क से राज्य और देश की आर्थिक स्थिति को मजबूती मिल सकती है। इस क्षेत्र में 11 करोड़ टन (11 Million Ton) शुद्ध सोने का अनुमान है।
2. एसआईआर एक्सप्लोरेशन प्रक्रिया क्या है?
एक्सप्लोरेशन (Exploration) प्रक्रिया में, खगोलशास्त्री गहरे तक खुदाई करके सोने और अन्य धातुओं की पहचान करते हैं और उनकी प्रतिशतता की जांच करते हैं।
3. टेंडर प्रक्रिया में क्या समयसीमा है?
बांसवाड़ा में टेंडर (Tender) प्रक्रिया 3 नवंबर को खोली जाएगी, और यह एक्सप्लोरेशन कार्य जल्द ही शुरू होगा।

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