कब्रिस्तान में छिपे मिले 7 नाबालिग बच्चे, चूड़ी कारखाने के मालिक की प्रताड़ना से तंग आकर भागे

राजस्थान के जयपुर में चूड़ी कारखाने में अमानवीय प्रताड़ना से तंग आकर 7 बच्चे भागकर कब्रिस्तान में छिप गए। सूचना मिलने पर पहुंची पुलिस ने बच्चों को कब्रिस्तान से निकाला और मामले की जांच शुरू की।

author-image
Amit Baijnath Garg
New Update
child labour

Photograph: (the sootr)

Listen to this article
0.75x1x1.5x
00:00/ 00:00

Jaipur. राजस्थान के जयपुर में चूड़ी उद्योग के अंदर छिपा कड़वा सच एक बार फिर सामने आया है। भट्टा बस्ती क्षेत्र में अत्यधिक शोषण और बाल श्रम का शिकार बने 7 नाबालिग बच्चे कब्रिस्तान में छिपे मिले। ये बच्चे कथित रूप से कारखाने मालिक की अमानवीय प्रताड़ना से तंग आकर भाग निकले थे। इसके बाद स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस और चाइल्ड वेलफेयर कमेटी ने मौके पर पहुंचकर बच्चों को रेस्क्यू किया।

हास्य कलाकार असरानी जयपुर की पहचान थे, रंगमंच से निकल बॉलीवुड में बनाया अलग मुकाम

कैसे हुआ पूरा खुलासा?

स्थानीय लोगों ने कब्रिस्तान में बदहवास हालत में बैठे बच्चों को देखा। संदिग्ध स्थिति को देख तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को इसकी सूचना दी गई। जानकारी मिलते ही भट्टा बस्ती थाना पुलिस और सीडब्ल्यूसी टीम वहां पहुंची। जांच में सामने आया कि बच्चों को कथित रूप से झांसे देकर बाहर के गांवों से जयपुर लाया गया था।

कजाकिस्तान में जिंदगी की जंग लड़ रहे MBBS स्टूडेंट राहुल को जयपुर लाए, SMS में शुरू हुआ इलाज

बाल श्रम और मानव तस्करी की ओर इशारा

पूरी घटना बाल श्रम और चाइल्ड ट्रैफिकिंग की ओर संकेत करती है। बच्चों को बंद कमरे में रखा जाता था और लंबे समय तक काम कराया जाता था, जो बाल अधिकार कानून का गंभीर उल्लंघन है। बच्चे औद्योगिक क्षेत्र में श्रम के तौर पर लगे पाए गए। कथित रूप से 18-20 घंटे काम करवाया जाता था। बेसिक भोजन, आराम और शिक्षा से वंचित। बाहर निकलने की स्वतंत्रता नहीं।

दीपावली की रोशनी देखने उमड़े जयपुरवासी, छोटी काशी की रौनक देख विदेशी सैलानी भी मंत्रमुग्ध हुए

कानूनी रूप से अपराध

देश में बाल श्रम बाल एवं किशोर श्रम (प्रतिषेध और विनियमन) अधिनियम 1986 और जुवेनाइल जस्टिस एक्ट 2015 के तहत गंभीर अपराध है। कानून के अनुसार, 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों से मजदूरी पूर्णत: प्रतिबंधित है। दोषी पाए जाने पर 20 हजार से 1 लाख तक जुर्माना। 2 से 5 साल तक की सजा का भी प्रावधान।

दीपावली पर प्रदेश में बढ़ गया वायु प्रदूषण, जयपुर सहित 5 बड़े शहरों में AQI 200 पार, करने होंगे इंतजाम

अगर आसपास दिखे बाल श्रम तो क्या करें?

अगर आपको कोई बच्च बाल श्रम करता दिखाई दे, तो सबसे पहले 1098 चाइल्ड हेल्पलाइन पर संपर्क करें। पास के थाना या SHO को सूचना दें। CWC/DM कार्यालय में शिकायत दर्ज कराएं। बच्चे की सुरक्षा को प्राथमिकता दें। पहचान उजागर न करें।

वेंटिलेटर पर चल रहे MBBS स्टूडेंट राहुल को एयर एंबुलेंस से लाएंगे जयपुर, SMS अस्पताल में करेंगे भर्ती

पुलिस की अब तक की कार्रवाई

पुलिस ने बच्चों के प्राथमिक बयान दर्ज किए हैं और कथित आरोपी समसाद मियां के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अब उस स्थान की तलाश में जुटी है, जहां बच्चों को रखा गया था। जांच में कई और नाबालिगों के फंसे होने की आशंका जताई गई है। पुलिस जांच के बाद ही मामले में और खुलासा होने की उम्मीद है।

बाल श्रम अपराध पुलिस जयपुर राजस्थान
Advertisment