धर्म परिवर्तन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन : ईसाई समुदाय का आरोप, प्रार्थना सभाओं को बनाया जा रहा निशाना

राजस्थान की राजधानी जयपुर में ईसाई समुदाय के नेताओं ने धर्म परिवर्तन विधेयक के खिलाफ शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाया कि उनकी प्रार्थना सभाओं को बाधित किया जा रहा है और हिंसा की घटनाओं में वृद्धि हो रही है।

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Gyan Chand Patni
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Jaipur. राजस्थान की राजधानी जयपुर में रविवार को शहीद स्मारक पर ईसाई समुदाय के नेताओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं ने धर्म परिवर्तन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा और डराने-धमकाने की घटनाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की।

नेताओं ने आरोप लगाया कि 9 सितंबर से अब तक अलवर, जयपुर, श्री गंगानगर और अन्य आठ जिलों में हिंसा, पूजा में बाधा डालने और धमकाने की दर्जनभर घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन विधेयक के कारण ईसाई समुदाय को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। विशेष रूप से प्रार्थना सभाओं को व्यवस्थित रूप से बाधित किया जा रहा है, जिसके कारण समुदाय को परेशानी हो रही है।

जयपुर में ईसाई समुदाय ने क्यों किया  प्रदर्शन

ईसाई समुदाय के नेताओं ने कहा कि उनकी प्रार्थना सभाओं को "धर्मांतरण सभाएं" बताकर बाधित किया जा रहा है। कई पादरियों पर एफआईआर दर्ज की जा रही हैं और कुछ संगठनों के कार्यकर्ता हिंसा कर रहे हैं। ये घटनाएं राज्य के विभिन्न हिस्सों में लगातार बढ़ रही हैं। मध्यप्रदेश में भी ऐसे मामले सामने आए हैं।

फादर विजय पॉल ने कहा कि पिछले एक महीने में राज्य में ईसाई समुदाय के खिलाफ अत्याचार की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। उन्होंने अलवर में शुरू हुई घटनाओं के बाद से अब तक 13 हमलों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रार्थना सभाओं में व्यवधान डालने का काम एक संगठित तरीके से किया जा रहा है, जो कि समाज में असुरक्षा और डर का माहौल बना रहा है।

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पुलिस और प्रशासन पर सवाल क्यों

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस और प्रशासन के रवैये पर भी सवाल उठाए। उनका आरोप था कि पुलिस का रवैया पक्षपाती है और ईसाई समुदाय के खिलाफ हो रही हिंसा को नजरअंदाज किया जा रहा है। कुछ प्रदर्शनकारियों ने कहा कि पुलिस, आरोपी संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रही है, जबकि पीड़ित समुदाय से बदतमीजी की जा रही है।

जमात-ए-इस्लामी हिंद के प्रदेशाध्यक्ष नाजिमुद्दीन ने भी इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा कि अब घरों, गांवों या सार्वजनिक स्थलों पर प्रार्थनाओं के दौरान हिंसा होने का डर बना रहता है। यह सब एक सुनियोजित तरीके से किया जा रहा है ताकि अल्पसंख्यकों को डराया जाए।

कौन - कौन से संगठन प्रदर्शन में हुए शामिल

इस विरोध प्रदर्शन में कई संगठन शामिल हुए। जयपुर क्रिश्चियन फेलोशिप, जयपुर क्रिश्चियन अलायंस, राजस्थान समग्र सेवा संघ, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज, एपीसीआर राजस्थान, राजस्थान बौद्ध महासंघ, दमन प्रतिरोध आंदोलन, दलित मुस्लिम एकता मंच समेत कई अन्य संगठनों ने प्रदर्शन में अपनी भागीदारी दी। प्रदर्शन के बाद एक ज्ञापन राज्यपाल के नाम तैयार किया गया। एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स के प्रमुख मुजम्मिल रिजवी ने अल्पसंख्यक समुदाय को न्याय दिलान की मांग की।

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जयपुर में ईसाई समुदाय का प्रदर्शन हुआ। राजस्थान में धर्म परिवर्तन विधेयक का विरोध जोर पकड़ता जा रहा है। आरोप है कि ईसाइयों की धर्म सभाओं को बनाया जा रहा निशाना। धर्म परिवर्तन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन को अल्पसंख्यकों की नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा है।

FAQ

1. धर्म परिवर्तन विधेयक का ईसाई समुदाय क्यों विरोध कर रहा है?
ईसाई समुदाय का आरोप है कि इस विधेयक के पारित होने से उनके धार्मिक स्वतंत्रता और प्रार्थना सभाओं पर कड़ी पाबंदी लगाई जा रही है, साथ ही समुदाय को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है।
2. क्या धर्म परिवर्तन विधेयक के कारण हिंसा में वृद्धि हुई है?
ईसाई नेताओं का आरोप है कि धर्म परिवर्तन विधेयक के कारण अलवर, जयपुर और अन्य जिलों में ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा और धमकाने की घटनाएं बढ़ी हैं।
3. प्रदर्शन में कौन-कौन से संगठन शामिल थे?
इस प्रदर्शन में जयपुर क्रिश्चियन फेलोशिप, जयपुर क्रिश्चियन अलायंस, राजस्थान समग्र सेवा संघ, पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज, एपीसीआर राजस्थान और कई अन्य संगठन शामिल थे।
4. क्या पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई की है?
प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और उनके रवैये को पक्षपाती बताया गया है। उन्होंने कहा कि पुलिस दोषियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रही है।

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