SMS Hospital Fire : सुपरिटेंडेंट का दावा-आग लगने से नहीं हुई मौत, पहले से ही सीरियस चल रहे मरीजों की गई जान

राजस्थान के एसएमएस अस्पताल में आग लगने से 8 मरीजों की मौत हो गई। अस्पताल सुपरिटेंडेंट ने इस हादसे की वजह से मौत होने से इनकार किया, जबकि आईसीयू प्रभारी और मृतकों के परिजनों के बयान अलग हैं।

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Amit Baijnath Garg
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Photograph: (the sootr)

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Jaipur. राजस्थान के जयपुर के एसएमएस अस्पताल (SMS Hospital) में आग लगने और 8 मरीजों की मौत पर अस्पताल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुशील कुमार भाटी ने आग लगने से मौत नहीं होने का अजीब दावा किया है, जबकि आईसीयू प्रभारी डॉ. जगदीश मोदी तथा ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ के बयानों से मौतें आग लगने के कारण होना प्रतीत होता है।   

डॉ. भाटी के अनुसार, रविवार रात करीब 11:30 बजे शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। जैसे ही धुआं फैला तो वहां के स्टाफ ने तुरंत सभी को सूचित कर दिया था और 15 से 20 मिनट में फायर बिग्रेड भी आ गई थी। आग न्यूरोसर्जरी आईसीयू में लगी थी, जिसमें 11 मरीज थे। कांच तोड़कर उन्हें फौरन दूसरे वार्ड और आईसीयू-2 में शिफ्ट कर दिया था। 

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सभी मरीज पहले से ही थे सीरियस

डॉ. भाटी के अनुसार, मरने वाले सभी मरीज पहले से ही सीरियस थे। इसी कारण ही उनकी मौत हुई है यानी आग के कारण किसी की अलग से मौत नहीं हुई। धुएं के कारण मरीजों को शिफ्ट किया गया, तब उनकी स्थिति गंभीर थी। आग के कारण मौत नहीं हुई है। मरीज पहले ही क्रिटिकल थे और कुछ मौत जो गैस निकली, उसके कारण हुई हैं। 

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बेटा बोला-मेरी मां की झुलसने से मौत 

वहीं एक मृतका के बेटे शेरू का कहना है कि वार्ड में इतना घना धुआं था कि उसे अपनी मां भी नहीं दिख रही थीं। उन्हें निकालने की उसकी कोशिश नाकाम रही और कुछ देर बाद ही उसे पता चला कि उसकी मां की झुलसने से मौत हो गई है। शेरू के अनुसार, वार्ड में हल्की चिंगारियां और धुआं देखते ही उसने अटेंडेंट को बताया था, लेकिन उसकी बात को नजरअंदाज कर दिया। जब आग तेजी से फैली तो वह बिना कुछ सोचे-समझे धुएं से भरे आईसीयू वार्ड में दाखिल हो गया था, लेकिन अपनी मां को निकाल नहीं सका था। 

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इमरजेंसी यूनिट प्रभारी बोले-बचा नहीं पाए

राजस्थान के सवाई मानसिंह अस्पताल की इमरजेंसी यूनिट के प्रभारी डॉ. जगदीश मोदी के अनुसार, आग लगने के कारण पूरे ICU में अंधेरा हो गया। डॉक्टर, नर्स और वार्ड बॉय ने सभी मरीजों को ICU से बाहर निकाला। सभी जगह विशेष निगरानी चल रही हैं। ये बहुत ही दुखद घटना है। ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ के अनुसार मरीजों को निचली मंजिल के आईसीयू में शिफ्ट करने की कोशिश की, लेकिन हम उन्हें बचा नहीं पाए। उनके इस बयान से साफ है कि मरीजों की मौत आग में झुलसने या दम घुटने से ही हुई है।

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अस्पताल की लापरवाही या प्राकृतिक कारण?

यह मामला अब गंभीर सवाल उठा रहा है। एक ओर जहां अस्पताल प्रशासन ने मरीजों की पहले से खराब हालत को मौत का कारण बताया, वहीं परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों का मानना है कि मौतें आग और धुएं की वजह से हुईं। यह मामला अस्पताल की लापरवाही को लेकर कई सवाल खड़े कर रहा है।

FAQ

1. एसएमएस अस्पताल में आग कैसे लगी?
एसएमएस अस्पताल में आग शॉर्ट सर्किट के कारण लगी, जो बाद में ICU में फैल गई। आग के कारण मरीजों को शिफ्ट किया गया, लेकिन कुछ की मौत हो गई।
2. क्या मरीजों की मौत आग लगने से हुई?
अस्पताल सुपरिटेंडेंट ने कहा कि मरीज पहले से ही गंभीर थे, लेकिन परिजनों और अस्पताल के कर्मचारियों का कहना है कि आग और धुएं की वजह से मौत हुई।
3. अस्पताल प्रशासन ने इस घटना पर क्या प्रतिक्रिया दी?
अस्पताल प्रशासन ने इस घटना की जांच कराने की बात कही, लेकिन कुछ कर्मचारियों ने साफ तौर पर कहा कि आग और धुएं के कारण मौतें हुईं।

राजस्थान जयपुर SMS Hospital राजस्थान के सवाई मानसिंह अस्पताल
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