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राजस्थान में मानसून के आगमन के साथ ही स्नेक बाइट (सांप के काटने) के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं।
जयपुर के सवाई मानसिंह हॉस्पिटल (SMS Hospital) में अब हर दिन 3 से 4 केस अलग-अलग अस्पतालों से रेफर होकर आ रहे हैं।
पिछले दो महीनों में इन मामलों में इतनी वृद्धि देखी गई है कि इस दौरान दो मरीजों की मौत भी हो चुकी है।
यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां यह समस्या अधिक देखने को मिल रही है।
ज्यादा मामले कहां से आ रहे हैं
SMS अस्पताल की रिपोर्ट के अनुसार, जून और जुलाई के महीनों में करीब 252 Snake Bite सांप काटने के मामले अस्पताल में रेफर होकर पहुंचे हैं।
इन मामलों में अधिकांश गंभीर थे, जो आसपास के ग्रामीण इलाकों और अन्य जिलों से आए थे। यह आंकड़े बताते हैं कि कैसे मानसून के मौसम में सांपों के हमलों की संख्या बढ़ जाती है।
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बारिश के कारण क्यों बढ़े स्नेक बाइट के मामले
डॉक्टरों के अनुसार, बारिश के कारण अधिकांश सांप और अन्य जहरीले जीव अपने बिलों से बाहर आ जाते हैं। तेज बारिश और पानी भरने के कारण ये जीव जमीन पर घूमते हैं, जिससे उनका सामना इंसानों से होता है।
खासकर खेतों में काम करते समय किसानों को सांप काटने के मामले ज्यादा सामने आ रहे हैं। पूर्वी राजस्थान के जिलों जैसे दौसा, भरतपुर, करौली, सवाई माधोपुर और टोंक से इन घटनाओं की रिपोर्ट अधिक आ रही हैं।
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किस तरह की सावधानियां बरतें
विशेषज्ञों का कहना है कि सांप काटने के मामले अधिकतर ग्रामीण इलाकों से आ रहे हैं, जहां किसान खेतों में काम करते हैं।
ऐसे में इन इलाकों में रहने वाले लोगों को रबड़ के लंबे-मोहरी वाले जूते (गंबूट) पहनने चाहिए। यह उपाय उन्हें सांप या अन्य जहरीले जीवों से बचा सकता है, क्योंकि सांप और बिच्छू अक्सर पैरों पर हमला करते हैं।
अगर किसान इस तरह के जूते पहनकर खेतों में काम करते हैं तो वे इन खतरों से बच सकते हैं।
क्या करें अगर सांप काटे
अगर सांप काटे, तो तुरंत उस स्थान से दूर रहकर घबराहट से बचें। घायल व्यक्ति को तुरंत नजदीकी अस्पताल या चिकित्सा केंद्र तक पहुंचाना चाहिए, जहां एंटी स्नेक वेनम (anti-snake venom) का उपचार उपलब्ध हो।
इसके अलावा, काटे गए स्थान को स्थिर रखें और प्रभावित हिस्से को दिल के स्तर से नीचे न रखें। इस तरह के उपचार से व्यक्ति की स्थिति में जल्दी सुधार हो सकता है।
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