राजस्थान: मूसलाधार बरसात की चेतावनी पड़ गई कृत्रिम बारिश पर भारी , धरी रह गई तैयारी

राजस्थान के जयपुर में स्थित रामगढ़ बांध में कृत्रिम बारिश का कार्यक्रम मूसलाधार बारिश की चेतावनी के बाद स्थगित कर दिया गया है। इस तकनीक में नासा और मौसम विभाग की सहायता ली जा रही है।

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Gyan Chand Patni
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कई दशकों से पानी के लिए तरस रहे जयपुर के रामगढ़ बांध के लिए कृत्रिम बारिश की योजना बनाई गई थी।

पूरी तैयारी के बावजूद, 31 जुलाई, गुरुवार को होने वाली कृत्रिम बारिश का कार्यक्रम मौसम विभाग द्वारा जारी मूसलाधार बारिश की चेतावनी के बाद स्थगित कर दिया गया है।

इस निर्णय की जानकारी राजस्थान के कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने दी। मौसम केंद्र जयपुर ने 31 जुलाई को जयपुर जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था, जिसे ध्यान में रखते हुए यह कदम उठाया गया।

कृत्रिम बारिश कार्यक्रम क्यों स्थगित हुआ 

कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना ने बताया कि मौसम विभाग द्वारा दी गई अतिभारी बारिश की चेतावनी के कारण 31 जुलाई को रामगढ़ बांध में प्रस्तावित क्लाउड सीडिंग (कृत्रिम वर्षा) का कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है। जयपुर रामगढ़ बांध के लिए प्रसिद्ध रहा है।

उन्होंने यह भी बताया कि कृत्रिम बारिश के लिए नया कार्यक्रम शीघ्र ही निर्धारित किया जाएगा और उसकी सूचना जल्द ही दी जाएगी। राजस्थान में कृत्रिम बारिश का पहली बार प्रयोग किया जा रहा है।

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कब होने वाली थी लॉन्चिंग

इस प्रकिया का औपचारिक शुभारंभ 31 जुलाई को दोपहर 3 बजे होने वाला था। इस समारोह में कृषि मंत्री किरोड़ी लाल मीना खुद कृत्रिम वर्षा यंत्रों का आरंभ करने वाले थे। इसके साथ ही 14 अगस्त तक ड्रोन की ट्रायल उड़ानें शुरू होने वाली थीं। इस कार्यक्रम में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का उपयोग करते हुए एयरक्राफ्ट जैसे ड्रोन के जरिए बारिश कराने की योजना थी। हालांकि, अब यह कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया है।

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कौन-कौन कर रहा है मदद 

कृत्रिम बारिश की इस तकनीक को साकार करने के लिए नासा के उपग्रह और भारतीय मौसम विभाग के राडार की मदद ली जा रही है। वैज्ञानिक इस तकनीक के जरिए मौसम के आंकड़ों का विश्लेषण कर रहे हैं, ताकि उपयुक्त समय पर ड्रोन उड़ान और छिड़काव का कार्यक्रम तय किया जा सके। इससे यह सुनिश्चित किया जाएगा कि कृत्रिम वर्षा के प्रयास सही समय पर किए जाएं और उनका अधिकतम प्रभाव हो।

क्या है इस तकनीक का महत्व

इस तकनीक का उद्देश्य सूखे और पानी की कमी से प्रभावित क्षेत्रों में बारिश की प्रक्रिया को नियंत्रित करना है। राजस्थान जैसे सूखाग्रस्त क्षेत्र में इस तकनीक को बड़े पैमाने पर लागू किया जा सकता है, ताकि जल संकट से निपटा जा सके। हालांकि, इस तकनीक के सफल परीक्षण के लिए सही मौसम की स्थिति और उपयुक्त समय का निर्धारण आवश्यक है।

FAQ

1. रामगढ़ बांध में कृत्रिम बारिश का कार्यक्रम क्यों स्थगित किया गया?
रामगढ़ बांध में कृत्रिम बारिश का कार्यक्रम मूसलाधार बारिश की चेतावनी के कारण स्थगित किया गया। मौसम विभाग ने 31 जुलाई को जयपुर जिले में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था।
2. यह प्रक्रिया कब शुरू होने वाली थी?
यह प्रक्रिया 31 जुलाई, दोपहर 3 बजे शुरू होने वाली थी, जिसमें कृषि मंत्री द्वारा कृत्रिम वर्षा यंत्रों का आरंभ किया जाना था।
3.  इस कार्य में किसकी मदद ली जा रही है?
 नासा के उपग्रह और भारतीय मौसम विभाग के राडार की मदद ली जा रही है। इससे मौसम के आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है, ताकि उपयुक्त समय पर ड्रोन उड़ान और छिड़काव किया जा सके। 

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