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राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने विधानसभा के मानसून सत्र में पारित कोचिंग सेंटर नियंत्रण एवं विनिमय विधेयक-2025 और मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक को मंजूरी दे दी। विधि विभाग ने शुक्रवार को अधिसूचना जारी करते ही यह विधेयक कानून के रूप में लागू हो गया। इसके तहत 100 या उससे अधिक विद्यार्थियों वाले कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन अब अनिवार्य कर दिया गया है।
इससे पहले, यह व्यवस्था केवल कुछ बड़े और प्रसिद्ध कोचिंग संस्थानों तक ही सीमित थी, लेकिन अब छोटे कोचिंग संस्थान भी इससे प्रभावित होंगे। इसके अतिरिक्त, इन संस्थानों में नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना भी बढ़ाया गया है।
कोचिंग संस्थानों का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य
अब उन सभी कोचिंग संस्थानों को रजिस्ट्रेशन कराना होगा, जिनमें 100 या अधिक विद्यार्थी पढ़ाई कर रहे हैं। पहली बार उल्लंघन पर 50 हजार रुपए जुर्माना और दूसरी बार में 2 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। यदि संस्थान फिर भी नियमों का पालन नहीं करते हैं तो सरकार उनके रजिस्ट्रेशन को रद्द कर सकती है।
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मनोवैज्ञानिक परामर्श और तनाव प्रबंधन
नए कानून के तहत, विद्यार्थियों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर भी कदम उठाए गए हैं। प्रत्येक कोचिंग संस्थान में मनोवैज्ञानिक परामर्शदाता नियुक्त किए जाएंगे, जो विद्यार्थियों के तनाव और मानसिक स्वास्थ्य से जुड़े मुद्दों पर कार्य करेंगे। इसके अलावा, तनाव प्रबंधन के सेशन भी आयोजित किए जाएंगे, ताकि विद्यार्थियों को बेहतर तरीके से पढ़ाई और तनाव का प्रबंधन करना सिखाया जा सके।
मनमानी फीस वसूली पर कड़ी रोक
इसके साथ ही, कोचिंग संस्थानों द्वारा मनमानी फीस वसूली पर भी अंकुश लगाया जाएगा। संस्थान अब फीस की वसूली के लिए नियमों का पालन करेंगे और उन्हें फीस संरचना को पारदर्शी बनाना होगा।
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मत्स्य क्षेत्र संशोधन विधेयक को मंजूरी का असर
विधेयक के तहत, नदी-नालों, बांधों और तालाबों में बिना अनुमति के मछली पकड़ने पर अब जुर्माना बढ़ा दिया गया है। पहले यह जुर्माना केवल 1,000 रुपए तक था, जो अब बढ़कर 50,000 रुपए तक हो गया है। यह कदम अवैध मछली पकड़ने को रोकने के लिए उठाया गया है।
अगर कोई व्यक्ति बिना अनुमति के मछली पकड़ता है तो पहले अपराध के लिए उसे 3 महीने की कैद और 25,000 रुपए जुर्माना लगेगा। दूसरी बार अपराध करने पर 6 महीने की सजा और 50,000 रुपए तक का जुर्माना लगाया जाएगा। यह प्रावधान मत्स्य क्षेत्र की सुरक्षा और अवैध गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए है।
मछली पकड़ने की अवैध गतिविधियों पर नियंत्रण
इस नए कानून का मुख्य उद्देश्य अवैध मछली पकड़ने को रोकना है, जो पर्यावरण और जल जीवन को नुकसान पहुंचा रहा है। अब यह नियम नदी-नालों और तालाबों में मछली पकड़ने के लिए अतिरिक्त कड़ी निगरानी और नियंत्रण सुनिश्चित करेगा।
अन्य महत्वपूर्ण बिल की मंजूरी
राज्यपाल ने राजस्थान आयुर्विज्ञान संस्थान जयपुर विधेयक 2025 को भी मंजूरी दी है, जो जयपुर में एम्स की तर्ज पर एक नया संस्थान स्थापित करने की दिशा में एक कदम होगा। इस परियोजना के लिए 750 करोड़ रुपए खर्च करने का प्रावधान रखा गया है।