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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के जैसलमेर जिले के बासनपीर गांव में छतरियों के निर्माण को लेकर जारी विवाद एक बार फिर सुर्खियों में है। इस विवाद ने शनिवार को एक नया मोड़ लिया, जब बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और बायतु विधायक हरीश चौधरी को पुलिस ने बासनपीर जाने से रोक दिया। पुलिस ने बासनपीर से करीब 100 किलोमीटर पहले फतेहगढ़ में उनके काफिले को बैरिकेडिंग लगाकर रोक दिया, जिसके बाद यह विवाद और बढ़ गया।
कांग्रेस नेताओं का बासनपीर जाने का उद्देश्य
कांग्रेस नेताओं का कहना था कि वे बासनपीर में गांधी रामधुन और सर्वधर्म प्रार्थना (Interfaith Prayer) के लिए जा रहे थे, ताकि क्षेत्र में भाईचारा और शांति का संदेश दिया जा सके। इस मौके पर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल, विधायक हरीश चौधरी, पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी और पूर्व कैबिनेट मंत्री शाले मोहम्मद सहित सैकड़ों कांग्रेस समर्थक बासनपीर के लिए रवाना हुए थे।
धारा 163 का हवाला देकर रोका
हालांकि जिला प्रशासन ने धारा 163 (Section 163) लागू होने का हवाला देते हुए उन्हें बासनपीर जाने की अनुमति नहीं दी। फतेहगढ़ में शिव थानाधिकारी सत्यप्रकाश ने कानून-व्यवस्था (Law and Order) का हवाला देते हुए काफिले को आगे बढ़ने से रोक दिया। इस दौरान कांग्रेस नेताओं ने बैरिकेडिंग हटाने की मांग की। बात बढ़ते-बढ़ते पुलिस और नेताओं के बीच धक्का-मुक्की (Scuffle) तक पहुंच गई।
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पुलिस और नेताओं के बीच तीखी बहस
जब सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल और विधायक हरीश चौधरी ने बेरिकेडिंग हटाने की मांग की, तो पुलिस और नेताओं के बीच तीखी बहस हो गई। इस दौरान धक्का-मुक्की हुई और कांग्रेस नेताओं ने पुलिस कार्रवाई का विरोध किया। इस पूरे घटनाक्रम ने बासनपीर गांव के विवाद को और तूल दे दिया। पुलिस ने जैसलमेर-बाड़मेर बॉर्डर पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई है। बॉर्डर पर सड़क मार्ग पर बैरिकेड लगाए गए हैं। हर गाड़ी को चेक करने के बाद ही जैसलमेर जिले में प्रवेश दिया जा रहा है।