एसीबी के हत्थे चढ़ा होमगार्ड का कंपनी कमांडर, ड्यूटी लगाने के नाम पर ली चार हजार रुपए की घूस

राजस्थान में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने होमगार्ड लाइन में कंपनी कमांडर को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा। ट्रेप कार्यवाही की सूचना मिलते ही होमगार्ड ऑफिस में खलबली मच गई।

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Amit Baijnath Garg
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Jaipur. भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने ड्यूटी लगाने के नाम पर अपने ही जवान से रिश्वत लेते हुए कंपनी कमांडर को रंगे हाथों पकड़ा है। ब्यूरो की टीम कंपनी कमांडर के कार्यालय और घर पर सर्च ऑपरेशन कर रही है। ट्रेप कार्यवाही की सूचना मिलते ही होमगार्ड ऑफिस में खलबली मच गई। 

जवान खुश थे कि अब इन्हें ड्यूटी के नाम पर रिश्वत नहीं देनी पड़ेगी। एसीबी ने गुरुवार सुबह होमगार्ड ऑफिस जयपुर के कंपनी कमांडर चन्द्रशेखर शर्मा को चार हजार रुपए की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा है। एसीबी टीम उससे पूछताछ कर रही है। साथ ही पूर्व में भी ड्यूटी के नाम पर रिश्वत लेने के बारे में जानकारी जुटाने में लगी हुई है।

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परिवादी ने की शिकायत

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो राजस्थान के डीजी गोविन्द गुप्ता को परिवादी ने शिकायत दी थी। शिकायत में परिवादी ने बताया कि उसकी ड्यूटी लगाने के एवज में कंपनी कमांडर शर्मा पांच हजार रुपए की रिश्वत मांग रहा है। रिश्वत राशि मिलने पर ही ड्यूटी लगाने की बात कहता है। शिकायत के बारे में एसीबी ने सत्यापन करवाया तो शिकायत सही मिली। 

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रंगे हाथों पकड़ लिया

इस पर एसीबी ने परिवादी को मांगी गई राशि देकर कंपनी कंपाडर के पास भेजा। सुबह परिवादी होमगार्ड लाइन में पहुंचा और कमांडर को रिश्वत राशि दे दी। फिर इशारा मिलते ही एसीबी ने कमांडर को रिश्वत राशि के साथ धर लिया। एसीबी के एएसपी संदीप सारस्वत के नेतृत्व में टीम ने कमांडर की ट्रेप कार्यवाही का जाल बिछाया। जैसे ही आरोपी शर्मा ने परिवादी से रिश्वत के चार हजार रुपए लिए, टीम ने उसे रंगे हाथ पकड़ लिया। 

अलग से मुकदमा दर्ज होगा

एसीबी टीम के अधिकारी आरोपी से पूछताछ में जुटे हैं। कई टीमें कंपनी कमांडर के ऑफिस, घर और दूसरे ठिकानों पर सर्च ऑपरेशन में गई हैं। सर्च ऑपरेशन में कंपनी कमांडर के पास क्या सम्पत्तियां हैं, उनका पता लग पाएगा। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर अनुसंधान किया जाएगा। आय से अधिक सम्पत्ति मिलने पर अलग से मुकदमा दर्ज होगा।

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तीन पहले भी हुई थी ट्रेप कार्यवाही

एसीबी ने होमगार्ड में तीन महीने पहले भी ट्रेप कार्यवाही की थी। इस कार्यवाही के बाद भी रिश्वतखोरी के मामले थम नहीं रहे हैं। एसीबी ने जुलाई में पच्चीस हजार की रिश्वत लेते हुए होमगार्ड के कमांडेंट और कंपनी कमांडर को गिरफ्तार किया था। 

दोनों आरोपियों ने शिकायतकर्ता परिवादी का निलंबन बहाल करने के एवज में दो लाख रुपए की रिश्वत मांगी की थी। एक मुश्त राशि नहीं दिए जाने पर आठ किश्तों में रिश्वत राशि देना तय हुआ था। पहली किश्त के साथ ही दोनों आरोपी रंगे हाथ पकड़े गए थे। घर-ठिकानों पर वैध आय से अधिक सम्पत्ति के दस्तावेज मिले थे।

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लगातार एक्शन के बाद भी डर नहीं

एसीबी लगातार कई विभागों में रिश्वतखोरी के मामलों में अधिकारियों और कर्मचारियों को गिरफ्तार कर रही है। कुछ दिनों पहले सवाई मानसिंह अस्पताल के न्यूरो सर्जरी विभाग के एचओडी मनीष डॉ. मनीष अग्रवाल को एक लाख की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया था। 

डूंगरपुर में बैंक मैनेजर अभिमन्यु कुमार सिंह और दलाल बीसी भूपेन्द्र कुमार को 45 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। अलवर में राजगढ़ नगरपालिका में शाखा प्रभारी रामहेत बैरवा को 12 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया था। इस महीने आधा दर्जन ट्रेप कार्यवाही हो चुकी हैं, लेकिन रिश्वत लेने का मोह नहीं छूट रहा है।

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