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Photograph: (the sootr)
राजस्थान के भरतपुर जिले के बयाना ब्लॉक के कलसाड़ा गांव स्थित सरकारी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां के प्रभारी चिकित्सक, अस्पताल स्टाफ और एक बच्चा खांसी की सिरप पीने के बाद बीमार हो गए। डॉक्टर को निमोनिया और अन्य व्यक्तियों को बेहोशी और चक्कर आने की समस्या हुई। यह घटना जिले के स्वास्थ्य सेवाओं में हड़कंप मचाने वाली बन गई है।
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डॉक्टर को हुआ निमोनिया
ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. धर्मेंद्र चौधरी ने बताया कि शुक्रवार सुबह सीएचसी के इंचार्ज डॉक्टर ताराचंद योगी ने खांसी की सिरप ली थी। इसके बाद वे अपनी कार से भरतपुर के लिए रवाना हुए, लेकिन रास्ते में उनकी तबीयत अचानक खराब हो गई। गाड़ी के पास वे 8-9 घंटे तक बेहोश पड़े रहे। बाद में पुलिस की मदद से उन्हें रेस्क्यू किया गया और अस्पताल भेजा गया। जांच में पता चला कि उन्हें निमोनिया था।
सीएचसी स्टाफ, बच्चे की हालत खराब
डॉक्टर ताराचंद योगी के अलावा अस्पताल के 108 एंबुलेंस के पायलट राजेंद्र और एक 3 साल के बच्चे गगन की भी तबीयत खराब हुई। गगन को भी खांसी की सिरप दी गई थी, जिसके बाद उसकी हालत बिगड़ गई। बच्चे और स्टाफ के साथ हुई इस घटना से अस्पताल में दहशत फैल गई है।
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सिरप पर रोक, जांच की प्रक्रिया शुरू
इस गंभीर मामले के बाद ब्लॉक सीएमएचओ डॉ. गौरव कपूर ने सीएचसी पर तैनात दवा के बैच पर वितरण पर रोक लगाने के आदेश दिए हैं। अब तक जिन लोगों ने खांसी की सिरप का सेवन किया है, उनकी जांच की जा रही है। स्वास्थ्य विभाग ने पूरे जिले में सिरप के इस बैच के वितरण पर तत्काल रोक लगा दी है।
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स्वास्थ्य सेवाओं में सुरक्षा पर सवाल
इस घटना ने स्वास्थ्य सेवाओं में दवाओं की गुणवत्ता और सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। जहां एक ओर चिकित्सकों की लापरवाही से मरीजों को खतरा हो सकता है, वहीं दूसरी ओर दवा के मानकों पर सख्त निगरानी की आवश्यकता है। इस मामले की जांच जारी है और स्वास्थ्य विभाग ने सख्त कदम उठाने का आश्वासन दिया है।